चंडीगढ़, 22 अक्तूबर:
जैन समाज न केवल अहिंसा पर ज़ोर देता है बल्कि मानवता की सेवा को भी अपना परम धर्म मानता है। जैन समुदाय ने देश के विकास के साथ-साथ भारतीय संस्कृति को भी समृद्ध बनाने में अहम भूमिका निभाई है। यह खुलासा पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह ने जैन समुदाय के प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग के दौरान किया।
मुनि श्री विनय कुमार जी ‘आलोक’ और मुनि श्री अभय कुमार जी के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल द्वारा स्पीकर के साथ जैन श्वेतांबर तेरापंथ के 10वें प्रमुख आचार्य श्री महाप्रज्ञ की जन्म शताब्दी सम्बन्धी विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने राणा केपी सिंह को आचार्य श्री महाप्रज्ञ द्वारा लिखीं 121 पुस्तकों का सैट पंजाब विधानसभा की पुस्तकालय के लिए सौंपा।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राणा के.पी. सिंह ने कहा कि श्री महाप्रज्ञ महान दार्शनिक, आध्यात्मिक गुरू, लेखक और शान्ति के दूत थे। श्री महाप्रज्ञ अहिंसा और सद्भावना के प्रचारक थे और उन्होंने सद्भावना और शान्ति के संदेश को फैलाने के लिए देशभर की यात्रा की। उन्होंने कहा कि धार्मिक साहित्य ज्ञान का एक आदर्श स्रोत है और यह पुस्तकें विधायकों को लोगों की भलाई के लिए सही मार्ग पर दृढ़ता के साथ चलने के लिए दिशा प्रदान करेंगी।
प्रतिनिधिमंडल द्वारा विधानसभा स्पीकर का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान भी किया गया। इस मौके पर पंजाब विधानसभा की सचिव श्रीमती शशि लखनपाल मिश्रा और स्पीकर के सचिव श्री राम लोक भी मौजूद थे।
-NAV GILL