गन्ना किसानों को 300 करोड़ रुपए के बकाए 3 किश्तों में अदा होंगे
निजी मिलों के हाथों किसानों की लूट नहीं होने देंगे
कृषि मंत्री द्वारा संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं के साथ बैठक
चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार राज्य के किसानों के कल्याण हेतु हर संभव प्रयास करने के लिए पूर्ण तौर पर वचनबद्ध है क्योंकि किसानी इस राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। इसी के अंतर्गत राज्य सरकार का यह संकल्प है कि गन्ना किसानों को निजी मिलों के हाथों परेशान नहीं होने दिया जायेगा।
ये विचार पंजाब के कृषि मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने आज स्थानीय सेक्टर 35 के म्यूंसिपल भवन में संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं के साथ बातचीत के दौरान प्रकट किये। उन्होंने आगे कहा कि निजी गन्ना मिलों के मालिकों के साथ बातचीत करके उनको किसानों की बाकी की अदायगियाँ समय पर करने के लिए कहा जायेगा और ऐसा न होने की सूरत में मिल बंद की जायेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में गन्ने की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी चाहे सरकार को गन्ना मिलों की ज़िम्मेदारी ख़ुद ही क्यों न संभालनी पड़े। किसान हितैषी पहलकदमियों बारे खुलासा करते हुए मंत्री ने बताया कि जहाँ तक सहकारी मिलों की तरफ गन्ना किसानों के 300 करोड़ रुपए के बकाए का सम्बन्ध है तो यह 3 किश्तों में अदा कर दिया जायेगा। इसमें से 100 करोड़ रुपए की पहली किश्त 30 जुलाई तक अदा कर दी जायेगी जबकि 100 करोड़ रुपए की ही दूसरी किश्त 30 अगस्त तक जारी होगी। आखिरी किश्त जोकि 100 करोड़ रुपए की ही होगी, 15 सितम्बर तक जारी होगी। मंत्री ने आगे बताया कि राज्य की गन्ना मिलों को अत्याधुनिक मशीनरी के साथ लैस करना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में से एक है। इसी श्रृंखला के अंतर्गत बटाला और गुरदासपुर की मिलों में नई मशीनरी स्थापित की जा रही है।
मंत्री ने आगे बताया कि सफ़ेद मखी के हमले के कारण नरमा पट्टी, जिसमें बरनाला, श्री मुक्तसर साहिब और बठिंडा के इलाके आते हैं, की बर्बाद हुई फ़सल का जायज़ा लेने के लिए सरकार द्वारा गठित टीमों ने हाल ही में 730 स्थानों का दौरा किया और 28 जुलाई को फिर से ये टीमें प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगी। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए जो कोई भी नकली दवाएँ और कीट-नाशक बेचेगा उसके खि़लाफ़ कड़ी कार्रवाई की जायेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने किसानों के हितों को हमेशा प्राथमिकता दी है और इसी सिलसिले में मुख्यमंत्री ने आज ही केंद्र सरकार को एक पत्र लिखा है जिसमें केंद्र सरकार द्वारा एम.एस.पी संबंधी गठित की गई समिति में पंजाब को स्थान न दिए जाने का विरोध किया गया है। कृषि मंत्री ने यह भी भरोसा दिया कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने और शहीद हुए किसानों के वारिसों को नौकरी देने का मुद्दा वह पूरे ज़ोर-शोर के साथ मुख्यमंत्री के समक्ष उठाएंगे। ऋण माफी बारे उन्होंने कहा कि यह मुद्दा केंद्र सरकार के समक्ष बड़े ही प्रभावशाली ढंग से उठाया जायेगा।
मंत्री ने किसानों से आह्वान किया कि सरकार के साथ सहयोग करके साझे उद्यम स्वरूप प्रकृति की बहुमूल्य देन पानी को बचाने के प्रयास किए जाएँ क्योंकि यह समय की माँग है क्योंकि राज्य में जलस्तर पहले ही बहुत नीचे जा चुका है। इस अवसर पर दूसरों के अलावा विशेष मुख्य सचिव (सहकारिता) रवनीत कौर, अतिरिक्त मुख्य सचिव कृषि और किसान क्ल्याण सरवजीत सिंह और डायरेक्टर कृषि गुरविन्दर सिंह के अलावा बड़ी संख्या में विभाग के अफ़सर और किसान नेता मौजूद थे।