-बादाम का गिरि और तेल के रुप में किया जाता है प्रयोग
-तीन हजार ईसा पूर्व यूनानी इतिहास में बादाम का उल्लेख
क्या आप की या आपके बच्चों की याददाश्त कमजोर है। क्या दांत व हड्डियां भी मजबूत नहीं है। तो आपको किसी भी तरह की फ्रिक करने की जरुरत नहीं है। याददाश्त को बढाने, दांत व हड्डियों को मजबूती प्रदान करने का सबसे आसान उपचार घर पर ही उपलब्ध है। आखिर क्या है यह उपचार। उक्त समस्या के निदान में प्रयुक्त होने वाले बादाम के बारे तीन हजार ईसा पूर्व यूनानी इतिहास में भी खास तौर से उल्लेख पाया गया है।
बादाम कहां पाया जाता है ?
बादाम आड़ू परिवार का फल है। यूनानी इतिहास अनुसार तीन हजार ईसा पूर्व बादाम की पैदावार होती थी। बादाम का उल्लेख प्राचीन बाईबिल और प्राचीन यूनान के इतिहास में भी है। एक शताब्दी बाद प्राचीन रोमवासी इसे अपने साथ इटली ले गए। इसके बाद यह मिस्र से होता हुआ इंग्लैंड जा पहुंचा। इससे पहले बादाम के बारे में विश्व के लोग कुछ नहीं जानते थे। वर्ष 18000 के बाद बादाम की कई नई किस्मों की खोज की गई। बादाम के पेड़ एशिया में ईरान, ईराक, मक्का, मदीना, मस्कट, शीराज आदि स्थानों पर अधिक मात्रा में पाये जाते हैं। जापान, आस्ट्रेलिया, तुर्की, चिली, यूरोपीय संघ, चीन और भारत में भी इसका उत्पादन होता है। भारत में कश्मीर में बादाम की उपज सबसे अधिक होती है। कश्मीर में इस राज्य पेड़ का दर्जा मिला हुआ है।
बादाम एक पौष्टिक मेवा
बादाम को (अंग्रेज़ी में ऑलमंड) कहा जाता है। बादाम एक तरह का मेवा होता है। संस्कृत भाषा में बादाम को वाताद, हिंदी, मराठी, गुजराती व बांगला भाषा में बादाम, फारसी में बदाम शोरी, बदाम तल्ख कहते हैं। बादाम का पेड़ एक मध्यम आकार का पेड़ होता है। जिसमें गुलाबी और सफेद रंग के सुगंधित फूल उगते हैं। बादाम के पेड़ पर्वतीय क्षेत्रों में ही पाये जाते हैं। इसके तने मोटे, पत्ते लंबे, चौड़े और मुलायम होते हैं। इस फल के भीतर के भाग को बादाम का जाता है। बादाम का बाहर का छिलका कठोर छाल में लिपटा होता है। मौजूदा समय में बादाम बिना छिलके के ही मिलते हैं।
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कितने तरह के होते हैं बादाम
आमतौर पर बादाम मीठे व कड़वे दो तरह के होते हैं। मीठे बादाम का अक्सर खाद्य रुप में प्रयोग किया जाता है। जबकि कड़वे बादाम का प्रयोग तेल निकालने के लिए किया जाता है।
बादाम का कई तरह से होता है उपयोग
बादाम का विश्व में अलग-अलग रुप से सेवन किया जाता है। भारत में बादम की उपयोगिता केवल भोजन संग ही बेहतर मानी जाती है। जापान में इसे चॉकलेट और दूध से बनने वाले उत्पादों में प्रयोग किया जाता है। चीन में इसे सर्दियों में भूनकर खाया जाता है। नव वर्ष सहित अन्य धार्मिक पर्वों पर इसे उपहार के रुप में प्रदान करने की रीत है। जर्मनी में बादाम का पेस्ट सुबह नाश्ते में प्रयोग किया जाता है। साथ ही इसे आइसक्रीम के बेकरी उत्पादों में प्रयुक्त किया जाता है।
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बादाम मेवे में छिपा है गुणों का खजाना
बादाम को मेवे कहा जाता है। आयुर्वेद में तो इसको बुद्धि और नसों के लिये बेहद गुणकारी बताया गया है। इस मेवे से विभिन्न रोगों का घर बैठे ही निदान किया जा सकता है। बादाम को गिरि व तेल के रुप में सेवन किया जाता है। आईए आपको बादाम के गुणों के बारे जानकारी प्रदान करें। बादाम का अधिक सेवन भी नहीं किया जाना चाहिए। क्योंकि कच्चे बादाम खाने से टायफाइड हो सकता है। अधिक मात्रा में बादाम खाने से कब्ज की समस्या भी पैदा हो सकती है। बादाम को भुने रुप में प्रयुक्त करना लाभदायक होता है। बादाम का तेल मालिश के लिये प्रयुक्त होता है।
पांच बादाम भिगो कर खाएं, याद्दाश्त बढाएं
याद्दाश्त यदि कमजोर है, तो रोजाना पांच बादामों को भिगो कर खाने से स्मरण शक्ति तेज होती है। बादाम के सेवन से अल्जाइमर व अन्य मस्तिष्क संबंधी रोगों से निजात मिलती है।
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बादाम का फास्फोरस करे दांतों व हड्डियों को मजबूत
हरे रंग वाले बादाम में फास्फोरस की मात्रा अधिक होती है। एेसे में इसके सेवन से दांत व हड्डियां मजबूत बनती हैं।
आंखों के नीचे काले धब्बे, झुर्रियों को करे समाप्त
बादाम में विटामिन ई व एंटी-आक्सिडेंट होने से यह हमारी त्वचा को सुंदर बनाने में मदद करता है। या यूं कहें कि हमारी त्वचा में पैदा होने वाले दूषित कणों को निकालता है। आंखों के नीचे के काले धब्बे, झुर्रियों को समाप्त करने में मदद करता है। मौजूदा समय में बादाम को फेसमास्क के रुप में प्रयुक्त किया जा रहा है।
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बालों को बनाए चमकदार और मजबूत
बादाम में भारी मात्रा में विटामिन, मिनरल्स व अन्य पौषक तत्व मौजूद हैं। इसके सेवन से बाल चमकदार और मजबूत बनते हैं। बालों का टूट कर गिरना कम होता है। साथ ही बालों की ग्रोथ को बढाता है।
खाली पेट सेवन करने से होता है वजन कम
बादाम का खाली पेट सेवन करने से वजन कम होता है। बादाम में बहुत कम में रासायनिक व कार्बनिक यौगिक होते हैं। जो वजन कम करने में मदद करते हैं।
गर्भावस्था में बादाम का सेवन हितकारी
गर्भावस्था के दौरान बादाम के सेवन हितकारी होता है। गर्भवती महिला को अपने आहार के दौरान भिगोए हुए बादामों का सेवन करना चाहिए। इससे महिला ही नहीं बच्चे की सेहत भी अच्छी रहती है।
प्रदीप शाही