-स्त्री शक्ति, ममता व सम्मान का प्रतीक ‘रानी सती मंदिर’
भारत में ईश्वर के कई रूपों की पूजा की जाती है। पूरे भारत में कई ऐतिहासिक व प्रसिद्ध मंदिर हैं जो भारतीय जनमानस की आस्था व श्रद्धा का केन्द्र हैं। कहीं मां वैष्णो देवी, मां चिंतपूर्णी व मां ज्वाला जी जैसे प्रसिद्ध शक्ति पीठ हैं तो कहीं जगननाथ पुरी, केदारनाथ, बदरीनाथ जैसे धाम हैं। लाखों की संख्या में श्रद्धालु कई किलोमीटर की यात्रा कर इन मंदिरों के दर्शन करने पहुंचते हैं। लेकिन इनके अतिरिक्त भारत में कुछ मंदिर या धार्मिक स्थल ऐसे भी हैं जिनका संबंध किसी देवी या देवता से नहीं है किन्तु फिर भी इन मंदिरों व धार्मिक स्थलों के प्रति लोगों के मनों में भारी आस्था व श्रद्धा भाव देखने को मिलता है। एक ऐसा ही प्राचीन मंदिर ‘रानी सती का मंदिर’ है। राजस्थान में स्थित यह मंदिर भक्तों की आस्था व श्रद्धा का केन्द्र है।
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16 देवियों के होते हैं एक साथ दर्शन
रानी सती मंदिर के परिसर में गणेश जी, शिव जी, श्री लक्ष्मी नारायण, श्री राम जी व माता सीता, तथा हनुमान जी को समर्पित मंदिर बने हुए हैं। मंदिर परिसर में षोडश माता का सुंदर मंदिर भी है जिसमें 16 देवियों की मूर्तियां सुशोभित हैं।
‘रानी सती मंदिर’ का इतिहास
‘रानी सती मंदिर’ राजस्थान के जयपुर से 180 किलोमीटर की दूरी पर पड़ते शहर झुंझुनू में स्थित है। झुंझनु अपने धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है, इन धार्मिक स्थलों में ‘रानी सती मंदिर’ काफी लोकप्रिय है। 400 साल पुराना यह मंदिर स्त्री शक्ति, सम्मान व ममता का प्रतीक है। इस मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर से किया गया है। मंदिर की दीवारों पर रंगीन चित्रकारी के इलावा भित्तिचित्र भी बनाए गए हैं। मंदिर में रानी सती का सुंदर चित्र सुशोभित है जो स्त्री शक्ति व कौशल का प्रतीक है। मारवाड़ी लोगों का दृढ विश्वास है कि रानी सती, शक्ति का प्रतीक मां दुर्गा का अवतार थीं। रानी सती ने अपने पति की हत्या का बदला अपने पति के हत्यारे को मार कर लिया था और इसके पश्चात सती होने की इच्छा पूर्ण की। हालांकि सती प्रथा से जुड़े मंदिरों का समाज में काफी विरोध किया गया लेकिन फिर भी रानी सती का मंदिर आज भी श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है और भारत के प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। पूरे देश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रानी सती के दर्शन करने आते हैं। खासकर श्रद्धालु भाद्रपद माह की अमावस्या पर विशेष प्रार्थना व धार्मिक अनुष्ठान में बढ़चढ़ कर भाग लेते हैं।
मंदिर खुलने का समय
झुंझुनू शहर में स्थित ‘रानी सती मंदिर’ शहर का प्रमुख धार्मिक व दर्शनीय स्थल है। बाहर से देखने पर यह मंदिर किसी महल सा प्रतीत होता है। ‘रानी सती मंदिर’ सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक तथा शाम तीन बजे से रात के दस बजे तक खुला रहता है। मंदिर के गर्भ गृह में निकर और बरमुडा पहने लोगों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर में स्थित यात्री निवास में ठहरने का प्रबंध है।
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मंदिर तक कैसे पहुंचे
झुंझुनू बस स्टैंड से ‘रानी सती मंदिर’ की दूरी महज तीन किलोमीटर है और रेलवे सटेशन से मंदिर की दूरी दो किलोमीटर है। दोनों स्थानों से मंदिर के लिए आटो रिक्शा आसानी से मिल जाते हैं।