चंडीगढ़, 5 दिसम्बर:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुखबीर सिंह बादल द्वारा उनकी (मुख्यमंत्री) अनावश्यक आलोचना को तमाशा करार देते हुए आज कहा कि कोई भी ई.डी. केस उनको अपने लोगों की ख़ातिर लडऩे के लिए रोक नहीं सकता। उन्होंने आगे कहा कि बादलों की तरह वह न ही डरपोक हैं और न ही गद्दार।
सुखबीर द्वारा उन पर ‘ब्लैकमेल पर समर्पण करना’ और उनके परिवार पर ई.डी. केसों बारे की गई टिप्पणियों का तीखा जवाब देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि किसानों के साथ विश्वासघात करने के कारण पूरी तरह अलग-थलग्ग पड़े बादल अपने फऱेब को छुपाने के लिए बौखलाहट में आकर ऐसी हरकतें कर रहे हैं।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह सुखबीर की निराशा का स्तर ही है कि वह पंजाब और देश की सुरक्षा को पाकिस्तान के खतरे को दरकिनार कर रहा है। ऐसा करके सुखबीर सरहदों पर दुश्मनों के साथ लड़ाई के दौरान रोज़ाना अपनी जान गंवाने वाले रक्षा सेनाओं के साथ विश्वासघात कर रहा है।
मुख्यमंत्री ने सुखबीर को पूछा, ‘‘क्या आप और आपकी पार्टी सत्ता हासिल करने के लिए इतने भूखे हो गए हो कि आपने पाकिस्तान के हाथों हमारी सुरक्षा को लेकर आँखें बंद कर ली हैं? क्या आप यह कह रहे हो कि पंजाब के साथ लगती सरहद से हमारे बहादुर रक्षा सैनिकों ने जो हथियार, गोली सिक्का और ड्रोन पकड़े, यह सब ख़तरा नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि सुखबीर पूरी तरह गुम-सुम हो गया है।
ई.डी. मामलों के मामले में मुख्यमंत्री ने सुखबीर को पूछा, ‘‘मेरे और मेरे परिवार के खि़लाफ़ ई.डी. मामलों में नयी बात क्या है जो मुझे अचानक डर लगना शुरू हो गया।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि वह और उनका परिवार ई.डी. और अन्य मामलों के खि़लाफ़ वर्षों से लड़ रहे हैं। ऐसा कोई भी केस उनको लोगों की ख़ातिर लडऩे से रोक नहीं सकता।
अकाली दल के प्रधान द्वारा उन (मुख्यमंत्री) पर भाजपा के ब्लैकमेल के आगे समर्पण करने के लगाए दोषों का करारा जवाब देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि क्या आप ब्लैकमेल का अर्थ जानते हो? उन्होंने आगे कहा कि यह आप और आपकी पार्टी थी जो कई सालों से भाजपा के हितों की पैरवी करते रहे और उनके सहयोगी बनकर उनका दबाव बर्दाश्त करते रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर मैं तथाकथित ब्लैकमेल से डर गया होता, तो मैं विधानसभा में संशोधन बिल न लाता और दिल्ली के मुख्यमंत्री की तरह केंद्रीय खेती कानूनों को बहुत पहले ही नोटीफायी कर देता। इसलिए झूठ बोलने और लोगों को गुमराह करने से परहेज़ करो। उन्होंने कहा कि कोई भी अकालियों की इस झूठी बयानबाज़ी के झाँसे में नहीं आने वाला, जिनकी खेती कानूनों और किसानों के मुद्दों बारे दोगलापन कई बार उजागर हो चुका है। उन्होंने सुखबीर को पूछा कि जब पहले आपने विधानसभा में खेती बिलों का समर्थन किया था तो बाद में राज्य के संशोधन बिलों पर किस के डर से पलटी मारी थी?
सुखबीर के झूठ को सिरे से ख़ारिज करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने अकाली नेता को पूछा कि वह कौन सी चेतावनी का जि़क्र कर रहे हैं। क्या आप ऐसा एक भी उदाहरण दे सकते हो जब मैने किसानों को अपना आंदोलन वापस लेने के लिए कहा हो? उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि हरसिमरत बादल की तरह सुखबीर बादल को भी सादी और सरल अंग्रेज़ी की समझ नहीं है। उन्होंने सुखबीर को पूछा कि क्या आपको किसानों और केंद्र सरकार को मसले का जल्द हल ढूँढने की अपील करने और चेतावनी जारी करने के बीच के फर्क की समझ है?
मुख्यमंत्री ने कहा कि समूचे बादल परिवार की नौटंकियां और झूठ किसानों या बाकी पंजाबियों की नजऱों में अपना साख बहाल करने में सहायक नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बादलों ने पहले खेती कानूनों के कसीदे पढ़े हैं और अब किसानों के मसीहे बनने का ढकोसला कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को प्रकाश सिंह बादल की वह वीडियो भी नहीं भूली जिनमें वह केंद्रीय सरकार के खेती कानूनों का समर्थन कर रहे हैं और न ही केंद्रीय मंत्री के तौर पर हरसिमरत कौर बादल की तरफ से खेती ऑर्डीनैंसों की मंज़ूरी के लिए दी गई हिमायत भूली है और न ही लोगों ने सुखबीर की तरफ से इस मुद्दे पर एक के बाद एक स्टैंड बदले जाने को भूलाया है।
-Nav Gill