पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने शनिवार को ऐलान किया कि उनकी सरकार द्वारा भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान अंडेमान की सेलुलर जेल में जानें न्योछावर करने वाले अनगिनत गुमनाम नायकों के प्रति श्रद्धा और सम्मान के तौर पर एक स्मारक का निर्माण जल्द किया जायेगा।
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यह स्मारक वतन के परवानों को समर्पित होगा जिनको कालेपानी के तौर पर जानी जाती बेरहम सज़ा भुगतनी पड़ी।
आज यहाँ राज्य स्तरीय समागम के दौरान शहीद ऊधम सिंह स्मारक लोगों को समर्पित करने के बाद संबोधन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुल्क के स्वतंत्रता आंदोलन में बेमिसाल योगदान डालने वाले ऐसे देशभक्तों और स्वतंत्रता संग्रामियों ख़ास कर पंजाब से सम्बन्धित वतनप्रसतों की शिनाख़्त करने के लिए प्रसिद्ध इतिहासकार और विद्वान पहले ही बहुत खोज कर चुके हैं।
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मुख्यमंत्री ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान सुनामी से तबाह हुए इलाके का दौरा करने के मौके पर अंडेमान टापू में सेलुलर जेल के दौरे को याद करते हुये कहा कि उनको यह जान कर बहुत हैरानी हुई कि वहाँ दीवारों पर शहीदों के खुदे हुए नामों में से वह किसी को भी नहीं जानते थे। उन्होंने कहा कि यह शहीद कालेपानी की सज़ा भुगतते हुये गुमनामी में ही इस जहान से चल गए और उनकी यादें भी जेल तक ही सीमित होकर रह गई। उन्होंने कहा, ‘‘मातृभूमी के लिए बलिदान देने वालों को अपेक्षित सम्मान देना हमारा फज़ऱ् बनता है।’’
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जि़क्रयोग्य है कि शहीद ऊधम सिंह के तांबे की आदमकद प्रतिमा समेत वाला उच्च दर्जे कर स्मारक बनाया गया है जिसके साथ दोनों तरफ़ स्थापित चार -चार पत्थरों पर शहीद ऊधम सिंह के जीवन, इतिहास और मिसाली योगदान को अंग्रेज़ी और पंजाबी में उकेरा गया है। इसके इलावा एक अजायब घर भी बनाया गया है जहाँ निशानियाँ, विलक्षण तस्वीरों, दस्तावेज़ और महान शहीद की अस्थियां कलश में रखी गई हैं। इस स्मारक पर 6.40 करोड़ रुपए की लागत आई है जिसमें से ज़मीन की कीमत पर 3.40 करोड़ जबकि बाकी 3 करोड़ रुपए इसके निर्माण पर ख़र्च किये गए हैं।
महान क्रांतिकारी के 82वें शहीदी दिवस के मौके पर श्रद्धा-सुमन भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महान शहीद का मिसाली बलिदान हमारी नौजवान पीढ़ी में राष्ट्रीयता और देशभगती का जज़्बा पैदा करने के लिए प्रेरित करता रहेगा। उन्होंने स्थानीय लीडरशिप को इस स्मारक का सही ढंग से रख-रखाव करने की अपील की क्योंकि उन्होंने देखा है कि कुछ समय बाद सम्मान के पात्र ऐसे स्थान अनदेखा हो जाते हैं जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए।
इस दौरान मुख्यमंत्री शहीद ऊधम सिंह के वारिसों को भी मिले और सम्मान के तौर पर उनको शॉल से सम्मानित किया जिनमें जीत सिंह, ग्यान सिंह, रणजीत कौर, जीत सिंह पुत्र बचन सिंह, मोहन सिंह, श्याम सिंह, गुरमीत सिंह और मलकीत सिंह (सभी सुनाम निवासी) शामिल थे।
इस दौरान स्थानीय कांग्रेसी नेता दमन थिंद बाजवा ने सबका धन्यवाद किया।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला के इलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन संजय कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष प्रमुख सचिव गुरकिरत कृपाल सिंह, डायरैक्टर पर्यटन और सांस्कृतिक मामले कवंल प्रीत बराड़, डिप्टी कमिशनर रामवीर, डी.आई.जी. विक्रमजीत दुग्गल और एस.एस.पी. विवेक शील सोनी उपस्थित थे।
-Nav Gill