चंडीगढ़, 10 फरवरी:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज सेवा केन्द्रों में 56 और नई सेवाएं शामिल करने की वर्चुअल तौर पर शुरुआत की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने उनकी तरफ से अपने पिछले कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए इस अलग तरह के प्रयास को पिछली अकाली-भाजपा सरकार द्वारा अपनी अक्षमता और अयोग्यता के कारण इनको घाटे वाले सफ़ेद हाथियों में तबदील कर देने की कड़ी आलोचना भी की।
नए डिजिटल युग में कामकाज को और ज्य़ादा पारदर्शी और कारगर बनाने के लिए काम करने के ढंग में आए बदलाव की महत्ता का जि़क्र करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उनकी सरकार शासन में और अधिक पारदर्शिता और कार्य-कुशलता लाने के लिए वचनबद्ध है, जिसके अंतर्गत अगले तीन महीनों में सेवा केन्द्रों में नागरिक केंद्रित सेवाओं की कुल संख्या 500 तक पहुँच जाएगी। आज नई सेवाओं की शुरुआत होने से सेवा केन्द्रों में मिलने वाली नागरिक केंद्रित सेवाओं की संख्या 383 हो गई है और रोज़ाना 60,000 लोग सेवाएं हासिल करने के लिए इन केन्द्रों में आते हैं।
मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव विनी महाजन को इन केन्द्रों में निर्धारित समय में प्रदान करने वाली सेवाओं में और सेवाएं भी शामिल करने को यकीनी बनाने के आदेश दिए और अगले महीने एक कॉल सैंटर भी शुरू किया जाएगा, जिससे नागरिक आसानी से अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकें। उन्होंने शासन सुधार विभाग को पासपोर्ट की तजऱ् पर नागरिकों से सम्बन्धित दस्तावेज़ों को तुरंत घरों तक पहुँचाने की सेवा की शुरुआत के लिए डाक विभाग के साथ तालमेल करने के हुक्म दिए।
मुख्यमंत्री ने सेवा केन्द्रों के बेकार प्रबंधों के लिए अकालियों को जि़म्मेदार ठहराया, जिससे राज्य के खज़ाने को भारी चोट पहुँची। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार द्वारा लगभग 2144 सेवा केंद्र चलाए जा रहे थे जहाँ लोगों की संख्या कम होने के साथ-साथ सेवाएं देने में भी ढिलाई बरती जाती थी, जबकि इन सेवा केन्द्रों में सिफऱ् 170 सरकारी सेवाएं मिलती थीं। इसके अलावा इन सफ़ेद हाथियों के निर्माण के लिए 400 करोड़ रुपए अंधाधुन्ध खर्च किए गए और इन केन्द्रों को चलाने के लिए राज्य सरकार को सालाना 250 करोड़ रूपए ख़र्च करने पड़ते थे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने बताया कि सत्ता में आने के तुरंत बाद उनकी सरकार ने पहली कैबिनेट मीटिंग में ‘यूनीफाईड सर्विस डिलीवरी सैंटर’ (एकीकृत सेवाएं मुहैया करवाने वाले केंद्र) स्थापित करने का फ़ैसला लिया था। इसके साथ ही आम लोगों तक ऑनलाइन सेवाएं सुचारू ढंग से पहुँचाने को यकीनी बनाने के लिए मौजूदा सभी केन्द्रों जैसे सुविधा केन्द्रों, सांझ केन्द्रों, फ़र्द केन्द्रों का विस्तार करते हुए इनका पूर्ण तौर से कम्प्यूट्राइज़ेशन और डिजीटलाईज़ेशन करने का फ़ैसला लिया गया। समूची प्रक्रिया को व्यापक स्तर पर तर्कसंगत बनाते हुए सेवा केन्द्रों की संख्या 2147 से घटाकर 516 कर दी गई है, जिससे इसमें और ज्य़ादा कार्य-कुशलता लाई जा सके। इसके उपरांत नए टैंडर जारी किए गए और ठेका आधारित मॉडल के साथ प्रोजैक्ट को अपना खर्चा ख़ुद जुटाने के योग्य बनाया गया, जिससे राज्य के खज़ाने पर भी कोई बोझ नहीं पड़ा।
इन सेवा केन्द्रों को चलाने के लिए किसी तरह का खर्च करने की बजाय राज्य सरकार को सालाना छह करोड़ रुपए की आमदन शुरू होने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इसके फलस्वरूप, इन सेवाओं की संख्या बढ़ाकर अब 327 कर दी गई है, जो अकाली-भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान 170 थी। इसी तरह पिछली अकाली-भाजपा सरकार के दौरान राज्य को सालाना 256 करोड़ रुपए के पडऩे वाले घाटे को मौजूदा कांग्रेस सरकार ने काबू में किया।
अगले तीन महीनों में कुल 500 सेवाएं करके सेवा केन्द्रों के दायरे को बढ़ाने का जि़क्र करते हुए मुख्यमंत्री ने सिंगल-विंडो सेवाएं प्रदान करने के साथ प्रशासन में नए स्तर पर पारदर्शिता और कार्य-कुशलता सामने आई है, जिससे पंजाब के लोग एक छत के नीचे सभी सेवाएं हासिल करने के योग्य हुए। उन्होंने विभाग को इन केन्द्रों के द्वारा स्मार्ट राशन कार्ड और सरबत सेहत बीमा योजना की सुविधा देने में तेज़ी लाने के निर्देश दिए।
राज्य में आज सेवा केन्द्रों में 56 नई सेवाएं शामिल की गईं, जिनमें से 37 सेवाएं पुलिस द्वारा पहले ही सांझ केन्द्रों के द्वारा मुहैया करवाई जा रही हैं, जबकि 18 सेवाएं परिवहन विभाग द्वारा अपने दफ़्तरों के द्वारा और राजस्व विभाग द्वारा एक सेवा (फ़र्द की नकल) फ़र्द केन्द्रों के द्वारा मुहैया की जा रही है।
इस मौके पर परिवहन मंत्री रजि़या सुल्ताना ने आज सेवा केन्द्रों में शामिल की गईं कुछ सेवाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी, जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने, चालक लाइसेंस बनवाने के लिए समय लेने, वाहनों के अंतरराज्यीय हस्तांतरण के लिए एन.ओ.सी., पता बदलवाने समेत अन्य सेवाएं शामिल हैं। इसी तरह राजस्व मंत्री गुरप्रीत सिंह कांगड़ ने विभिन्न नई सेवाओं के बारे में विस्तार में बताया।
डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता ने खुलासा किया कि पुलिस से सम्बन्धित 21 सेवाओं में पासपोर्ट के लिए पड़ताल, हथियार के लायसेंस के लिए पड़ताल, विदेशियों का पंजीकरण, एन.ओ.सी. जारी करना, लापता रिपोर्टों आदि की कॉपी आदि शामिल हैं, जो पहले 294 सांझ केन्द्रों से मिलती थीं और अब राज्य भर में 516 सेवा केन्द्रों से मुहैया होंगी। इसके नतीजे के तौर पर एक अप्रैल, 2021 तक सांझ केन्द्रों से ऐसी सेवा, सेवा केन्द्रों में तबदील कर देने से सांझ केन्द्रों में तैनात किए गए पुलिस मुलाजि़मों को अन्य पुलिस ड्यूटी के लिए भेज दिया जाएगा।
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मुख्य सचिव विनी महाजन ने बताया कि नई सेवाएं निर्धारित समय में शामिल करने की प्रक्रिया की मुख्यमंत्री ख़ुद निरंतर निगरानी करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन सेवा केन्द्रों, जो सार्वजनिक-निजी हिस्सेदारी के साथ चलाए जा रहे हैं, से हरेक महीने 5.5 लाख लोगों को लाभ पहुँचता है और 56 नयी सेवाओं को शामिल करने से यह संख्या और भी बढ़ेगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री को सेवा केन्द्रों की मौजूदा स्थिति के बारे में अवगत करवाते हुए प्रशासनिक सुधारों के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिरुद्ध तिवाड़ी ने बताया कि राज्य के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 516 सेवा केंद्र कार्यशील हैं, जहाँ रोज़ाना की 60,000 लोगों की आमद होती है और 50,000 नौजवानों को रोजग़ार मिला है। यह केंद्र 327 सरकारी सेवाएं मुहैया करवाने के अलावा फोटो स्टेट, कोरियर, डायरेक्ट मनी ट्रांसफर, फास्टैग, पैन कार्ड, टिकटों (बस और ट्रेन) आदि ग़ैर-राज्यीय सरकारी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
इस मौके पर सेवा केन्द्रों का लाभ लेने वाले कुछ लोगों ने इस सुविधा से हुई सुविधा के बारे में अपने तजुर्बे भी साझे किए कि उनको जन्म सर्टिफिकेट, डोमीसाईल सर्टिफिकेट, लर्नर ड्राइविंग सर्टिफिकेट आदि हासिल करने में कोई परेशानी पेश नहीं आई। कुछ गाँवों के सरपंचों ने भी सेवा केन्द्रों से लोगों की जि़ंदगी में आए साकारत्मक बदलाव संबंधी अपने विचार पेश किए।
– NAV GILL