चंडीगढ़, 28 अप्रैलः
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सभी खरीद एजेंसियों को रबी मंडीकरण सीजन, 2021 -22 के दौरान गेहूँ की लिफ्टिंग में तेजी लाने के साथ-साथ सीधी अदायगी की नयी लागू की प्रणाली के द्वारा किसानों को समय पर अदायगी यकीनी बनाने के हुक्म दिए हैं।
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मंत्रीमंडल की वर्चुअल मीटिंग के दौरान गेहूँ की प्रगति का जायजा लेते हुए मुख्यमंत्री ने कोविड मामलों में वृद्धि के मद्देनजर स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों की पालना सख्ती से करने के आदेश दिए। उन्होंने मंडियों में आ रहे सभी किसानों, आढ़तियों, मजदूरों, खरीद एजेंसियों के मुलाजिमों और अन्य पक्षों जो 45 साल से अधिक उम्र के हैं, को राज्य भर की 145 मार्केट कमेटियों में लगाऐ गए टीकाकारण कैंपों में कोविड से बचाव का टीका लगवाने की अपील की है।
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राज्य में बारदाने की मौजूदगी के बारे पूछे जाने पर खाद्य और सिविल सप्लाईज के प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा ने मुख्यमंत्री को अवगत करवाया कि मसला सुलझ गया है और अब बारदाने की कोई कमी नहीं है। शुरुआत में कई मंडियों में बारदाने की कमी के कुछ मामले सामने आए थे क्योंकि भारत सरकार के खाद्य एवं सार्वजनिक विभाग ने खरीद एजेंसियों की जरूरत के विपरीत कुछ बोरियां ही मुहैया करवाई थी और गेहूँ की अग्रिम आमद ने इसकी माँग एकदम बढ़ा दी थी।
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मीटिंग के दौरान बताया गया कि हालाँकि, 18 अप्रैल, 2021 को भारत सरकार से आढ़तियों को अच्छी हालत वाले इस्तेमाल की बोरियों का प्रयोग करने की इजाजत देने से बोरियों की कोई कमी नहीं है। श्री सिन्हा ने बताया कि इस समय पर गेहूँ की भराई के लिए 19.19 करोड़ बोरियां इस्तेमाल की जा चुकी हैं। इसी तरह खरीद एजेंसियों की तरफ से 30 लाख नई बोरियां (एच.डी.पी.ई./पी.पी. के साथ जुट बैग रोजमर्रा के प्राप्त किये जा रहे हैं और इनको राज्य भर की अनाज मंडी में सप्लाई किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने केंद्र की तरफ से खेती कानून पास करने के विरुद्ध किसानों के चल रहे आंदोलन, शुरुआत में आढ़तियों की तरफ से सीधी अदायगी का विरोध करने, लेबर की कमी, बारदाने की कमी के साथ-साथ गेहूँ की तेज और अधिक आमद और कोविड केस बढ़ने की चुनौतियों के बावजूद निर्विघ्न खरीद पर संतोष जाहिर किया। उन्होंने खरीद के सुचारू कामों के लिए खाद्य एवं सिविल सप्लाईज मंत्री भारत भूषण आशु को बधाई दी।
राज्य में गेहूँ की खरीद 10 अप्रैल, 2021 को शुरू हुई थी और केवल 18 दिनों के समय के दौरान मंडियों में 98 लाख मीट्रिक टन गेहूँ की आमद हुई है जिसमें से आज तक 95.97 लाख मीट्रिक टन खरीदी जा चुकी है। इसी तरह 72 घंटों में लिफ्ट किया जाने वाला 70 प्रतिशत स्टाक मंडियों में से लिफ्ट किया जा चुका है जबकि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी फसल के भुगतान के लिए 90 प्रतिशत के रूप में 14,958 करोड़ रुपए लगभग 5 लाख किसानों के बैंक खातों में अदा किये जा चुके हैं।
खाद्य और सिविल सप्लाईज विभाग ने मंत्रीमंडल को बताया कि इस बार मंडियों की संख्या 1872 से बढ़ा कर 3510 की गई और 1638 अतिरिक्त या अस्थायी मंडियां बनाईं गई जिससे कोविड-19 की महामारी की दूसरी लहर के फैलाव की रोकथाम के लिए चरणबद्ध गेहूँ लाई जा सके। इसी तरह मंडियों में 30X30 फुट के डिब्बे बन कर सीमा रेखा की गई जिससे सामाजिक दूरी बनाई जा सके।
कैबिनेट को बताया गया कि पंजाब मंडी बोर्ड ने राज्य भर की अनाज मंडियों में ‘किसान सहायता डैस्क’ स्थापित किये हैं जहाँ आई.टी पेशेवार और बोर्ड के मुलाजिम नये पोर्टल पर रजिस्टर होने के लिए किसानों की मदद कर रहे हैं जिससे सीधी अदायगी के द्वारा उनके खातों में भुगतान समय पर किया जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पहले खाद्य एवं सिविल सप्लाईज विभाग 22,000 आढ़तियों के खातों में भुगतान कर देता था जो आगे किसानों के खातों में ट्रांसफर कर देते थे। हालाँकि, मौजूदा खरीद सीजन से सीधी अदायगी की प्रणाली लागू हो जाने से खरीद एजेंसियों की तरफ से अदायगी सीधी किसानों के खातों में हस्तांतरित की जा रही है और किसानों की संख्या 10 लाख के करीब बनती है।
-Nav Gill