चंडीगढ़, 05 मई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज लोक निर्माण विभाग (भवन और मार्ग) के चल रहे सभी प्रोजेक्टों के कामों में तेज़ी लाने और बजट सैशन दौरान घोषित किए गए सभी प्रोजैक्ट शुरू करके दिसंबर 2021 तक मुकम्मल करने के निर्देश दिए हैं परन्तु इसके साथ ही कोविड के संकट से पड़े वित्तीय बोझ के मद्देनजऱ इन प्रोजेक्टों की प्राथमिकताओं का भी ख़्याल रखने के लिए कहा।
विभाग के कामकाज की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कहा कि वह सभी स्वीकृत और अलॉट किये कामों को पहल के आधार पर मुकम्मल करें और दिसंबर के बाद ही कोई नया काम शुरू करें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग को हलवारा हवाई अड्डे की प्री-फैब बिल्ंिडग के काम में तेज़ी लाने के लिए कहा जिससे इसको जल्द कार्यशील किया जा सके। उन्होंने विभाग को रियायती भाड़े संबंधी मामले का निपटारा करने की हिदायत की जिससे डेडिकेटेड फ्रेट रेल कॉरीडोर के काम में तेज़ी लाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग को कहा कि वह इंजीनियरिंग विभागों के लिए फंड जारी करने संबंधी तिमाही ढील दें जिससे काम तेज़ी से मुकम्मल किये जा सकें। मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार द्वारा किये हर वादे को पूरे करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को कामों में बेहतरी को यकीनी बनाने के लिए प्रोजेक्टों के हर पड़ाव पर निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग को इन प्रोजेक्टों के बेहतर निर्माण, रख-रखाव और मुरम्मत को यकीनी बनाने के लिए निर्धारित हिदायतों का सख्ती से पालन करना चाहिए।
इस समीक्षा का उद्देश्य राज्य सरकार की साल 2017-22 के लिए 5 वर्षीय कार्य योजना की प्रगति का जायज़ा लेना था जो ग्रामीण लिंक सडक़ों को चौड़ा करने, सभी जि़ला हैड क्वार्टरों को हाई-स्पीड 4/6 मार्गीय सडक़ों के साथ जोडऩे और हाई स्पीड इकोनॉमिक कॉरीडोर बनाने पर केन्द्रित था। जि़क्रयोग्य है कि अकाली-भाजपा सरकार ने अपने दशक लंबे कार्यकाल (2007-2017) दौरान प्लान सडक़ों पर 386 करोड़ रुपए सालाना ख़र्च किये जबकि इसके मुकाबले मौजूदा कांग्रेस सरकार ने चार सालों (2017-21) दौरान सालाना 488 करोड़ रुपए ख़र्च किये हैं। लिंक सडक़ों संबंधी मौजूदा सरकार ने 655 करोड़ रुपए सालाना ख़र्च किये जबकि पिछली सरकार ने सालाना 261 करोड़ रुपए ख़र्च किये थे। राष्ट्रीय राजमार्गों संबंधी मौजूदा सरकार ने सालाना लगभग 100 प्रतिशत अधिक (1434 करोड़ रुपए) ख़र्च किया है जबकि पिछली सरकार ने सिफऱ् 722 करोड़ रुपए सालाना ख़र्च किये थे।
ऑनलाइन मीटिंग दौरान मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्टों की मौजूदा स्थिति का जायज़ा लिया जहाँ विभाग द्वारा इन प्रोजेक्टों को 28 फरवरी, 2022 तक मुकम्मल करने की वचनबद्धता अभिव्यक्ति गई। इनमें 2900 करोड़ रुपए की लागत के साथ 21 राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण /अपग्रेडेशन समेत 7 पुलों का निर्माण और 2412 करोड़ रुपए की लागत के साथ राज्य में 3675 किलोमीटर लंबाई वाले राजमार्गों, मुख्य जि़ला सडक़ों और अन्य सडक़ों की मुरम्मत करना शामिल है। इसके अलावा 3600 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ तकरीबन 4200 किलोमीटर लंबाई लिंक सडक़ों को अपग्रेड और चौड़ा किया जा रहा है जबकि लिंक सडक़ों पर 85 पुल मुकम्मल हो चुके हैं और इस समय ग्रामीण लिंक सडक़ें के लिए 49 पुल निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा इन सडक़ों पर 14 पुलों को मंज़ूरी दी गई है। इस प्रोजैक्ट का कुल खर्च 870 करोड़ रुपए है जोकि फरवरी, 2022 तक पूरा हो जायेगा। राज्यभर में विभिन्न प्रशासनिक विभागों की 175 इमारतें भी 1862 करोड़ रुपए की लागत के साथ बनाईं जा रही हैं।
लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला ने मीटिंग में बताया कि हाई स्पीड इकोनॉमिक कॉरीडोर के निर्माण के लिए राज्य सरकार ने ऐक्सप्रैस वे, ग्रीनफील्ड कॉरीडोर और बाईपासों का काम शुरू करने के लिए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एन.एच.ए.आई.) के साथ साझेदारी की है। इनमें दिल्ली-कटरा एक्सप्रैस वे अमृतसर (396 किलोमीटर), लुधियाना-रूपनगर/खरड़ संपर्क (113 किलोमीटर), लुधियाना बाइपास (75.50 किलोमीटर), जालंधर बाइपास (47.50 किलोमीटर), कुराली-चण्डीगढ़ रोड से आई.टी. चौक, मोहाली (30 किलोमीटर), अमृतसर-बठिंडा-जामनगर इकोनॉमिक कॉरीडोर सैक्शन अमृतसर-बठिंडा (155 किलोमीटर), लुधियाना-बठिंडा इकोनॉमिक कॉरीडोर (79 किलोमीटर), बनूड़ तक ज़ीरकपुर-अम्बाला एक्सप्रैस वे (42 किलोमीटर), उत्तरी बाइपास पटियाला (27 किलोमीटर) और मोहाली-सरहिन्द को जोडऩे वाली (28 किलोमीटर) की सडक़ शामिल है।
उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्टों को ज़ोर-शोर के साथ पूरा करने का काम शुरु किया जा चुका है जिसके लिए संरेखण के काम को मंजूरी दी गई है और भूमि अधिग्रहण करने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्टों के लागू होने से राज्य में सभ्यक ढंग के साथ माल और लोगों की यातायात के लिए हाई स्पीड इकोनॉमिक कॉरीडोर मिलेंगे।
प्रस्तुति में लोक निर्माण विभाग (भवन और मार्ग) के सचिव ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य को प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना (पी.एम.जी.एस.वाई.)-प्रोजैक्ट अधीन 2055 किलोमीटर लंबी 204 ग्रामीण संपर्क सडक़ों के नवीनीकरण और चौड़ा करने के काम को मंजूरी मिल गई है। ये सडक़ें राज्य के सभी 22 जिलों में 1478 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत के साथ तैयार हो रही हैं।
यह प्रोजैक्ट यह यकीनी बनाएगा कि ऐसी हर सडक़ पाँच से सात गाँवों या बस्तियों तक पहुँच में सुधार लायेगी जिससे लोगों को गाँवों में शैक्षिक /स्वास्थ्य संस्थाओं, ग्रामीण कृषि मंडीकरण सहूलतों, गोदाम, बैंकिंग और ट्रांसपोर्ट सहूलतों में आसानी आदि शामिल हैं। पी.एम.जी.एस.वाई. स्कीम अधीन काम मई, 2021 से ही शुरू हो जाएंगे।
मीटिंग में यह भी बताया गया कि मिशन के अंतर्गत सभी जि़ला हैडक्वार्टर हाई स्पीड चार और छह मार्गों के साथ जोडऩे के लिए सडक़ों की पहचान ट्रैफिक़ की यातायात और राज्यभर के बड़े जिलों के साथ संपर्क को आधार बनाकर की जा चुकी है। ये सडक़ें चार /छह मार्गीय तक बढ़ाईं जाएंगी जिससे लोगों के लिए परेशानी मुक्त सफऱ यकीनी बन
-Nav Gill