मुख्यमंत्री द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए खेतों में सौर ऊर्जा उत्पादन के पायलट प्रोजैक्ट को हरी झंडी

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने किसानों की आय बढ़ाने के मद्देनजऱ किराए के आधार पर कृषि वाली ज़मीन पर सौर ऊर्जा पैदा करने के लिए पायलट प्रोजैक्ट शुरू करने की स्वीकृति देते हुए किसानों को अधिक कीमतों वाले फल और सब्जियों के उत्पादन की भी इजाज़त दे दी।
आज शाम यहां मुख्यमंत्री के सरकारी निवास पर सी.आई.आई. के राष्ट्रीय प्रधान राकेश भारती मित्तल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के साथ मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने महाराष्ट्र में सी.आई.आई. की निगरानी अधीन विकसित किये ऐसे ही प्रोजैक्ट को जाँचने के लिए पंजाब ऊर्र्जा विकास एजेंसी (पेडा) और कृषि और बाग़बानी के सीनियर अधिकारियों का सांझा प्रतिनिधिमंडल वहां भेजने के लिए सहमति दी।
सी.आई.आई. के डायरैक्टर जनरल चन्दराजीत बैनर्जी ने मुख्यमंत्री को बताया कि प्राईवेट कंपनियां कम से -कम 25 व्र्षों की लीज़ पर किसानों की ज़मीन पर सोलर प्लांटों की स्थापना करने की इछुक्क हैं।
किसानों को फ़सली विभिन्नता की तरफ मोडऩे के लिए उत्साहित करने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने उम्मीद ज़ाहिर की कि ऐसे प्रोजैक्ट कंडी क्षेत्रों और दक्षिण -पूर्वी पंजाब ख़ास कर किन्नूओंं के बाग़ वाले इलाकों और लुधियाना और मलेरकोटला में सब्जियाँ पैदा करने वाले क्षेत्रों में लगाऐ जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सी.आई.आई. के सुधाव पर ‘हरियाली इमारत ’ (ग्रीन बिल्डिंग) के पायलट प्रोजैकट को हरी झंडी देते हुए मोहाली में स्थापित किये जाने वाले सरकारी मैडीकल कॉलेज और अस्पताल में इस प्रोजैकट को अमल में लाने की इच्छा ज़ाहिर की। उन्होंने अपने प्रमुख सचिव को पंजाब शहरी विकास अथॉरटी (पुडा) के साथ सलाह -परामर्श करके उचित रूप -रेखा बनाने के लिए कहा।
सी.आई.आई. प्रतिनिधिमंडल की अपील के साथ सहमत होते हुए मुख्यमंत्री ने अपने प्रमुख सचिव को दिल्ली और लुधियाना के मध्य हवाई उड़ानों की संख्या बढ़ाने के लिए मंजूरियों संबधी तुरंत कदम उठाए जाने के लिए कहा जिससे व्यापार को और प्रोत्साहन मिल सके।
 मुख्यमंत्री ने भारत में सी.आई.आई. द्वारा नौजवानों को रोजग़ार के लिए कौशल सिखाने,  केरियर कौंसलिंग सहित अन्य अपेक्षित प्रशिक्षण देने के लिए देशभर में मॉडल केरियर सैंटर स्थापित करने के उपरालो की सराहना की। उन्होंने पंजाब के नौजवानों को न सिफऱ् देश में बल्कि विदेश में बढिय़ा रोजग़ार हासिल करने के काबिल बनाने के लिए सी.आई.आई. के सहयोग की माँग की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं का बहुत बड़ा नैटवर्क है जहाँ नौजवानों को न सिफऱ् स्थानीय उद्योग की ज़रूरतों के मुताबिक विभिन्न पेशों में प्रशिक्षण दी जा सकता है बल्कि उनको देश और विदेशों में शिक्षित कामगारों के तौर पर तैयार किया जा सकता।
राज्य में लौजिस्टिक सैक्टर को विकसित करने के लिए गहरी रूचि ज़ाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने उच्च दर्जे का लौजिस्टिक सैंटर स्थापित करने के लिए सी.आई.आई. से सहयोग की माँग की। उन्होंने कहा कि इस उद्यम से फल, सब्जियाँ, दूध और दूध से बनी वस्तुएँ और मछली और अंडों जैसी खऱाब होने वाली वस्तुओं के यातायात और स्टोर करने में सुधार लाकर किसानों की आय में और वृद्धि की जायेगी।
सी.आई.आई. के प्रमुख ने मुख्यमंत्री को राज्य में औद्योगिक पुनरूत्थान के लिए उनकी पहलकदमियों के लिए बधाई दी। श्री मित्तल ने ख़ासतौर पर रिकार्ड समय में नई औद्योगिक नीति को लागू करने, बिजली दरों में कटौती, पंजाब स्टार्ट अप और उद्यम नीति -2017 और महिलाओं को अपना कारोबार चलाने में सहायता जैसे उपायों की सराहना की। उन्होंने मुख्य मंत्री को भरोसा दिलाया कि सी.आई.आई. जल्दी ही औद्योगिक शहरों में रोजग़ार के लिए औद्योगिक माडल केरियर सैंटर खोलेगी। अब तक 1600 से अधिक कंपनियों में करीब 55 हज़ार उम्मीदवारों को रोजग़ार मुहैया कराया गया है।
इस मीटिंग में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव तेजवीर सिंह, अतिरिक्त प्रमुख सचिव विकास विसवाजीत खन्ना, प्रमुख सचिव उद्योग राकेश वर्मा, सी.ई.ओ. निवेश पंजाब रजत अग्रवाल शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल में सी.आई.आई. उत्तरी क्षेत्र के चेयरमैन सचित जैन, सीआईआई पंजाब स्टेट कौंसिल के चेयरमैन सरवजीत समरा, रीजनल डायरैक्टर सी.आई.आई. नार्दन रीजन अंकुर सिंह चौहान, सी.आई.आई. पंजाब राज्य के प्रमुख भुपिन्दर पाल कौर और डिप्टी डायरैक्टर सी.आई.आई. पंजाब राज्य जगमीत सिंह बेदी शामिल थे।

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