चंडीगढ़, 04 मई:
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने परीक्षा सुधारों और पाठ्यक्रम की समीक्षा करने के लिए उप कुलपतियों की समिति का गठन किया है जिससे वैश्विक स्तर पर हो रही पहलकदमियों की तर्ज पर राज्य में उच्च शिक्षा को और गुणात्मक बनाया जा सके। गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के उप कुलपति की अध्यक्षता में यह समिति नये पाठ्यक्रम और डिजिटल शिक्षा शुरू किये जाने के पक्ष पर विचार करेगी और 60 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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शिक्षा के क्षेत्र को दुनिया भर में आ रही तबदीलियों के अनुरूप बनाने की ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए मुख्यमंत्री ने समिति को राज्य की शिक्षा प्रणाली को वैश्विक शिक्षा प्रणाली के समान बनाने के लिए योजना तैयार करने का जिम्मा सौंपा है। उन्होंने कहा कि नये और प्रासंगिक पाठ्यक्रमों की पहचान की जानी चाहिए जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि विद्यार्थी वैश्विक शिक्षा में तबदीलियों के अनुसार तालीम हासिल कर सकें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि शैक्षिक सैशन 2021-22 से राज्य के सभी नये कॉलेजों में क्लासें शुरू होनीं चाहीएं।
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उच्च शिक्षा और भाषा विभाग के कामकाज का जायज़ा लेते हुए मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा के सचिव को सरकारी कॉलेजों में ऐसिस्टैंट प्रोफेसरों के 931 पद भरने के लिए भर्ती प्रक्रिया तेज करने के हुक्म दिए हैं।
भर्ती बारे मुख्यमंत्री को अवगत करवाते हुए उच्च शिक्षा सचिव वी.के. मीणा ने कहा कि पिछले 17 सालों से चल रही कानूनी उलझनें निपटाने के बाद इन पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में भी 1925 पद भरने की इजाज़त दी है जिनमें से 1400 पद भरे जा चुके हैं और इनमें से 410 अध्यापकों को रेगुलर किया जा चुका है जबकि 118 प्रक्रिया अधीन है।
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मीटिंग दौरान बताया गया कि तरन तारन में श्री गुरु तेग़ बहादुर स्टेट यूनिवर्सिटी और पटियाला में जगत गुरू नानक देव पंजाब स्टेट ओपन यूनिवर्सिटी ने मौजूदा अकादमिक सैशन से अपने ट्रांजिट कैंपों से कामकाज शुरू कर दिया है। इसके अलावा एमिटी यूनिवर्सिटी पंजाब एक्ट-2021 के अंतर्गत एमिटी यूनिवर्सिटी भी स्थापित की जा चुकी है।
मानक शिक्षा मुहैया करवाने के लिए विभाग द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र करते हुए श्री मीणा ने मुख्यमंत्री को बताया कि पंजाब यूनिवर्सिटी चण्डीगढ़, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला और गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर के सभी मान्यता प्राप्त कॉलेजों के लिए ऑनलाइन दाखि़ले का पोर्टल विभाग के कामकाज को आसान बनाने में सहायक होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग से राज्य के डी.पी.आई. (कॉलेजों) के मिनिस्टरियल कैडर को अलग करने और भाषा विभाग के पुनर्गठन से विभाग की कार्यकुशलता और बढ़ेगी।
मीटिंग में विभाग द्वारा हाल ही में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों का जिक्र किया गया जिनमें ‘राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के दूसरे चरण के अंतर्गत खोज, नवीनतम मानक सुधार और उद्यम के उद्देश्य के लिए गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी के लिए 100 करोड़ और पंजाबी यूनिवर्सिटी के लिए 50 करोड़ स्वीकृत किये गए। यह केंद्रीय स्पाँसर स्कीम है जिसमें भारत सरकार की 60 प्रतिशत और राज्य की 40 प्रतिशत साझेदारी है। इसमें से गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी को 41.67 करोड़ रुपए और पंजाबी यूनिवर्सिटी को 7.5 करोड़ रुपए मुहैया करवा दिए हैं। इस स्कीम के अंतर्गत फेकल्टी विकास कार्यक्रम और ई-शिक्षा के विषय की तैयारी के लिए कुल स्वीकृत 7 करोड़ रुपए में से 3.5 करोड़ रुपए गुरू नानक देव यूनिवर्सिटी को जारी किये जा चुके हैं।
-Nav Gill