मुख्यमंत्री कार्यालय, पंजाब राष्ट्रीय ध्वज की शान के बारे में आपको क्या पता-कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने तरूण चुघ को दिया सख़्त जवाब

चंडीगढ़, 30 जनवरी:
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी के नेता तरूण चुघ द्वारा उन के सैन्य पृष्टभूमि पर की गई टिप्पणी को निंदनीय करार देते हुए कहा कि भाजपा या उसकी लीडरशिप को सेना के सम्मान या राष्ट्रीय ध्वज की अहमीयत का क्या पता, जिसमें हर दूसरे दिन सरहदों से हमारे पंजाबी भाईयों के मृत शरीर लिपट कर आते हैं।

अक्टूबर में किसान आंदोलन शुरू पाक से Drone और हथियार आने शुरू हुए क्या कनेक्शन है कहा अमरिंदर ने

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में जब हमारे पुत्रों और भाईयों के शरीर हम हर दूसरे दिन राष्ट्रीय झंडे में लिपटे हुए आते देखते हैं, तो इसकी पीड़ा का एहसास हम ही जानते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के गौरव और अखंडता की रक्षा के लिए जान न्योछावर कर रहे सैनिकों के प्रति भाजपा को स्पष्ट तौर पर कोई हमदर्दी या संवेदना नहीं है। उन्होंने कहा कि न तो चुघ और न ही उसकी पार्टी उन सैनिकों की वेदना को समझ सकते हैं जो अपने पिता और भाईयों पर हक माँगने पर अत्याचार किए जाने और आँसू गैस के गोले बरसते देखते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चुघ देश की सरहदों पर मुल्क की रक्षा के लिए लड़ रहे बहादुर भारतीय सैनिकों के सम्मान से सम्बन्धित मुद्दे पर जान-बूझ कर झूठा प्रचार कर रहे हैं। गणतंत्र दिवस की शान के बारे में चुघ द्वारा की गई टिप्पणी के लिए उसे आड़े हाथों लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी गणतंत्र दिवस के सम्मान की बात करने के सभी नैतिक हक गंवा चुकी है, जिसने पिछले छह सालों में ख़ासकर काले कृषि कानूनों संबंधी संवैधानिक ताने-बाने को सोची-समझी साजिश के अंतर्गत चोट पहुंचाई है।
लोगों को बेबुनियाद दोषों के द्वारा गुमराह करने के लिए चुघ पर बरसते हुए गुस्से में कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा, मेरे बयान में क्या गलत है कि किसानों को बदनाम करने (लाल किले की हिंसा के संदर्भ में) के साथ हमारी हथियारबंद सेनाएं, जिनमें 20 प्रतिशत फ़ौजी पंजाब से हैं, का मनोबल टूट जाएगा। इससे गणतंत्र दिवस की मर्यादा का निरादर कैसे हो गया और मेरा तो ख़ुद का संबंध सैन्य पृष्टभूमि से है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि गणतंत्र दिवस के उस सम्मान का क्या हुआ जब केंद्र सरकार, जिसकी कमान भाजपा के हाथ में है, ने बिना किसी के साथ सलाह-मश्वरा किए अपनी मजऱ्ी से कृषि अध्यादेश लाकर संघीय ढांचे और राज्यों के संवैधानिक हकों को चोट पहुंचाई है। आपके समेत करोड़ों लोगों का हर रोज़ पेट भरने वाले उन गरीब किसानों का सम्मान कहाँ है जो सडक़ों पर हाड चीरने वाली ठंड से जूझ रहे हैं और इनमें से बहुत किसान मृत भी हो चुके हैं।
चुघ द्वारा लगाए गए बेहूदा दोष कि वह (कैप्टन अमरिन्दर सिंह) उन लोगों के हक में खड़े हैं, जिन्होंने लाल किले पर तिरंगे का निरादर किया, का जवाब देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा की लाल किले हिंसा में किसी का समर्थन करना तो दूर की बात है, मैं तो सबसे पहले आज़ाद भारत के प्रतीक का निरादर होने और हिंसा की सख़्त शब्दों मेंं निंदा करने वालों में से था।
मुख्यमंत्री ने अपनी बात दोहराते हुए कहा कि वह विश्वास नहीं करते कि समस्या खड़ी करने वाले किसान थे। उन्होंने कहा कि शरारती तत्वों में भाजपा के अपने समर्थक शामिल थे, जिनको गणतंत्र दिवस के मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में ऐतिहासिक लाल किले में गड़बड़ करने के लिए भडक़ाते देखा गया। उन्होंने इस घटना की विस्तृत जाँच करने की अपनी माँग दोहराते हुए कहा कि इस बात का पर्दाफाश होना चाहिए, कि किस ने साजिश रची और यह पता लगा कि किसी राजसी पार्टी या किसी तीसरे मुल्क का हाथ तो नहीं।
चुघ के निराधार दोषों को इस घटना और सिंघू बॉर्डर में कल शांतमयी प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हुए हमले समेत घटनाओं में उसकी अपनी पार्टी की हिस्सेदारी को छिपाने की साफ़ कोशिश करार देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा किसानों के सच्चे संघर्ष और जायज़ माँगों से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए बहुत उतावली है। इसीलिए भाजपा नेता द्वारा ऐसे झूठ और ड्रामे किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने भाजपा नेता को राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर बोलने के लिए भी आड़े हाथों लिया। कई महीनों से पंजाब में शांतमयी आंदोलन कर रहे किसानों, जिनमें से अब भी कई बिना किसी समस्या के प्रदर्शन कर रहे हैं, का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा अगले साल होने वाली विधान सभा चुनाव को देखते हुए राज्य में समस्या खड़ी होती देखना चाहती है। उन्होंने सत्ताधारी पार्टी को अपने संकुचित राजसी हितों की पूर्ति के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता करने के लिए चेतावनी देते हुए पूछा, ‘‘वह पाकिस्तान और चीन के बढ़ते ख़तरे और पंजाब में ड्रोनों द्वारा हथियारों की तस्करी के बढ़ते मामलों को क्यों नजऱ-अंदाज़ कर रहे हैं।’’
-Nav Gill

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