मानसिक थकान, चिंता व तनाव होगा दूर…करें इसका सेवन

आयुर्वेद में कुछ ऐसी औषधियां हैं जिनके नियमित प्रयोग से कई प्रकार की बीमारियों का इलाज किया जा सकता है। इन औषधियां के बारे में लोग जानते तो हैं लेकिन इनके फायदे-नुकसान और प्रयोग करने के तरीके के बारे में बहुत कम लोगों को पता है। आज हम एक ऐसी ही औषधि के गुणों, फायदों व नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे जिसका इस्तेमाल स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति पाने के लिए किया जाता है। हम बात कर रहे है ‘शंखपुष्पी’ नामक औषधि की। जिसे ‘मस्तिष्क का टोनिक’ भी कहा जाता है।

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‘शंखपुष्पी’ ‘मस्तिष्क का टोनिक’

‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से प्रमुख जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता रहा है। इस जड़ी-बूटी का उत्पादन मुख्य रूप से भारत व बर्मा में किया जाता है। भारत में मुख्य रूप से ‘शंखपुष्पी’ के पौधे रेतीले इलाकों में खासकर बिहार व पंजाब में पाए जाते हैं। ‘शंखपुष्पी’ एक बेल के रूप में ज़मीन पर फैली होती है। इस बेल पर लाल, सफेद व नीले रंग के फूल लगते हैं। लेकिन फूलों का रंग चाहे कोई भी हो इसके फायदे एक समान ही हैं।

दिमाग को करे तेज़

‘शंखपुष्पी’ दिमाग के लिए रामबाण औषधि है। दिमाग यानि मस्तिष्क के लिए ‘शंखपुष्पी’ एक प्रमुख औषधि है। याददाश्त बढ़ाने में ‘शंखपुष्पी’ एक रामबाण औषधि है। खासकर विद्यार्थियों के लिए व दिमागी काम करने वाले लोगों के लिए यह बेहद फायदेमंद है। इसका सेवन चूर्ण के रूप में मीठे दूध के साथ करने से लाभ मिलता है।

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बच्चे बिस्तर पर नहीं करेंगे पेशाब

बड़ी उम्र के बच्चों का बिस्तर पर पेशाब करना आम बात है। लेकिन इस समस्या के हल के लिए ‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग लाभदायक सिद्ध होता है। बच्चों की इस समस्या को दूर करने के लिए आधा चम्मच ‘शंखपुष्पी’ पाउडर को शहद के साथ चटाना चाहिए और बाद में ठंडा पानी या दूध पिलाना चाहिए। इस नुस्खे का प्रयोग लगातार एक महीने तक करने से लाभ मिलता है।

एकाग्रता को बढ़ाए

‘शंखपुष्पी’ में एकाग्रता को बढ़ाने वाले तत्व पाए जाते हैं। ‘शंखपुष्पी’ के सेवन से दिमाग की नसों में खून का प्रवाह सही ढंग से होता है। जिससे दिमाग की कार्य क्षमता बढ़ने के साथ-साथ याददाशत व एकाग्रता भी बढ़ती है।

हाई ब्लड प्रेशर में लाभदायक, मन को करे शांत

‘शंखपुष्पी’ का सेवन मन को शांत करता है और हाई ब्लड प्रेशर व सिर दर्द से राहत प्रदान करता है। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में इसका काढ़ा बनाकर पीने  से लाभ मिलता है। इस काढ़े का सेवन एक-एक चम्मच सुबह-शाम करना फायदेमंद रहता है। मन का अशांत रहना व सिर दर्द इत्यादि समस्याएं ज्यादातर हाई ब्लड प्रेशर के कारण ही पैदा होती हैं।

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दुर्बलता को दूर

शारीरिक थकावट को दूर करने व ऊर्जा को बनाए रखने के लिए ‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग कारगार सिद्ध होता है।

अनिद्रा की समस्या को करे दूर

‘शंखपुष्पी’ के सेवन से चिंता दूर होती है व मानसिक तनाव कम होता है और मन शांत होने से अनिद्रा की समस्या दूर होती है तथा अच्छी नींद आती है।

बार-बार होने वाले गर्भपात को रोके

आयुर्वेद में बताया गया है कि गर्भाशय की कमजोरी के कारण बार-बार गर्भपात होने की समस्या पैदा हो जाती है। ‘शंखपुष्पी’ गर्भाशय को मज़बूती प्रदान करती है। इसके लिए 1.5 ग्राम ‘शंखपुष्पी’ और 1.5 ग्राम अश्वगंधा पाउडर को साथ मिलाकर प्रयोग करना चाहिए।

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दिल के रोगों से करे बचाव

‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग हाइपरटेंशन को कम करता है। इसके प्रयोग से दिल तक खून का प्रवाह सही ढंग से होता है और नर्वस सिस्टम में संतुलन बना रहता है। जिसके चलते दिल के रोगों व बीमारियों से बचाव होता है।

अति संवेदनशीलता को करे दूर

कुछ लोग अतिसंवेदनशील होते हैं जो तेज़ गंध, तेज़ प्रकाश व तेज़ आवाज़ को सहन नहीं कर पाते इसका कारण ज्ञान इन्द्रियों का अधिक संवेदनशील होना है। इस समस्या में भी ‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग फायदेमंद रहता है।

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भूख बढ़ाए

‘शंखपुष्पी’ का सेवन पाचन तंत्र में सुधार करता है। जिससे पेट में एसिडिटी नहीं बनती और पाचन शक्ति ठीक होती है और भूख बढ़ती है।

‘शंखपुष्पी’ के नुकसान

चाहे ‘शंखपुष्पी’ सेहत के लिए लाभदायक है लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए और किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ की सलाह और देखरेख में किया गया ‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग अधिक लाभदायक रहता है। बेशक हाई ब्लड प्रेशर की समस्या में ‘शंखपुष्पी’ असरदायक है लेकिन हाई ब्लड प्रेशर के रोगियों को इसका सेवन डाक्टर की सलाह से करना चाहिए। क्योंकि ‘शंखपुष्पी’ हाई ब्लड प्रेशर को कम करती है और लो ब्लड प्रेशर की समस्या से पीड़ित लोगों को ‘शंखपुष्पी’ का प्रयोग सावधानी से करना चाहिए।

धर्मेन्द्र संधू

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