भारत में कुछ ऐसे पेड़-पौधे पाए जाते हैं जिनका प्रयोग आयुर्वेद में कई प्रकार के रोगों का निदान करने के लिए किया जाता है। आज हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के फल के बारे में जानकारी देंगें जिसके उपयोग से कई तरह के रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है। गूलर का पेड़ 20 से 40 फुट ऊँचा होता है। गर्मियों के मौसम में इस पेड़ पर छोटे आकार के गोलाकार फल लगते हैं। अंजीर के जैसे दिखने वाले यह फल इस पेड़ पर गुच्छों के रूप में लगते हैं। यह फल पकने के बाद लाल रंग का हो जाता है। फल के साथ-साथ इस पेड़ से निकलने वाला दूध भी कई रोगों को ठीक करता है। गूलर का पका हुआ फल स्वाद में मीठा होता है लेकिन कई बार इस फल में कीड़े भी पड़ जाते हैं इसलिए इसका सेवन या उपयोग करने से पहले इसे काटकर देख लेना चाहिए और अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।
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गूलर को अलग-अलग भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। संस्कृत में इसे उदुम्बर, बंगाली में याज्ञद्म्बर, मराठी में उम्बर, गुजराती में उम्बरो, और अंग्रेजी में क्लस्टर फिग या कंट्री फिग के नाम से जाना जाता है।
गूलर के औषधीय गुणों के कारण ही इसका प्रयोग आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सका में भी किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गूलर में पित्त और कफ नाषक गुण पाए जाते हैं। इसके अलावा कई प्रकार के एंटी आक्सीडेंट और पोषक तत्व भी इसमें पाए जाते हैं।
गूलर के फायदे
दांतों व मसूड़ों के लिए है लाभदायक
गूलर के फल और दूध के अलावा इसकी छाल भी कई प्रकार के रोगों में फायदेमंद है। खासकर दांतों और मसूड़ों की समस्याओं में इसकी छाल का प्रयोग विशेष गुणकारी है। गूलर की छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने से दांतों और मसूड़ों की समस्याएं दूर होती हैं और दांत व मसूड़े मज़बूत बनते हैं।
बच्चों का दुबलापन करे दूर
गूलर के पेड़ का दूध बच्चों को विकास के लिए बेहद फायदेमंद है। उम्र के हिसाब से गूलर के दूध की कुछ बूंदें माँ या गाय व भैंस के दूध में मिलाकर कुछ महीने बच्चों को देने से रुका हुआ विकास ठीक होता है और बच्चों का शरीर सेहतमंद बनता है।
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बार-बार पेशाब आने पर करें इसका सेवन
अगर आप बार-बार पेशाब आने की समस्या से परेशान हैं तो गूलर के कच्चे फलों का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इस समस्या में गूलर के कच्चे फलों का चूर्ण बनाकर एक चम्मच चूर्ण को 2 चम्मच शहद और 2 चम्मच दूध के साथ सुबह-शाम नियमित रूप से लेने से फायदा होता है।
बहते खून को करे बंद
गूलर के फल, दूध और छाल तो उपयोगी है ही साथ ही इसके पत्ते भी कई समस्याओं में लाभदायक हैं। चोट लगने पर निकलने वाले खून को रोकने में गूलर के पत्तों का रस सहायक सिद्ध होता है। इसके रस में रुई को भिगोकर चोट वाले स्थान पर बांधने से चोट का घाव भी जल्दी भरता है।
बवासीर की समस्या से दिलाए निजात
खूनी बवासीर होने पर गूलर के फलों का सेवन काफी फायदेमंद है। इसके लिए गूलर के कच्चे फलों की सब्जी बनाकर नियमित रूप में खाने से खूनी बवासीर में आराम मिलता है।
महिलाओं के लिए है विशेष गुणकारी
महिलाओं की समस्याओं जैसे मासिक धर्म व श्वेत प्रदर में गूलर के फल का सेवन विशेष रूप से लाभकारी रहता है। मासिक धर्म के दौरान गूलर के फल के एक चम्मच चूर्ण में मिश्री मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से फायदा होता है और साथ ही अधिक खून बहने की समस्या भी दूर होती है। इसके अलावा श्वेत प्रदर की समस्या में नियमित रूप से दिन में 2-3 बार एक गूलर के पके हुए फल का सेवन करने से लाभ होता है।
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पुरुषों के लिए है लाभदायक
पुरुषों के लिए गूलर के फलों का सेवन बेहद फायदेमंद है। इसके सेवन से हर प्रकार की शारीरिक कमजोरी दूर होती है। शरीर को पुष्ट बनाने के लिए एक पताशे में गूलर के दूध की कुछ बूंदें डालकर नियमित सेवन करने से फायदा होता है। इसके अलावा रात को सोने से पहले दूध के साथ एक चम्मच गूलर के फलों के चूर्ण का सेवन करने से अधिक फायदा होता है।
नासूर को करे ठीक
नासूर वह घाव होता है जो धीरे-धीरे पक जाता है और नस के अंदर तक दर्द देता है। इसके लिए त्रिफला या नीम की पत्तियों का काढ़ा बनाकर उस पानी से नासूर के घाव को धोने के बाद कपड़े से साफकर के उस स्थान पर ताजे गूलर के दूध का फाहा रखने से कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगता है। इसके अलावा पके हुए गूलर के फलों को गूलर की छाल के रस में पीसकर, बाद में धूप में सुखाकर मटर के दाने जितनी गोलियां बनाकर दिन में कम से कम 4 बार 2-2 गोलियों का शहद के साथ सेवन करने से और बाद में बकरी का दूध पीने से भी नासूर में फायदा होता है। साथ ही गूलर का दूध लगाने से फोड़े-फुंसियां भी ठीक हो जाते हैं।
शुगर के रोग में है लाभदायक
शुगर के रोगियों के लिए गूलर का सेवन बेहद फायदेमंद है। इसके लिए गूलर के फलों से बने चूर्ण का एक चम्मच पानी के साथ भोजन के बाद नियमित रूप में लेने से पेशाब में शुगर आनी बंद हो जाती है। साथ ही खून में भी शुगर का लेवल कंट्रोल में रहता है। शुगर का लेवल कंट्रोल में आने पर इसका सेवन बंद कर दें।
मुंह के छालों को करे ठीक
गूलर के पत्तों में मुंह के छाले ठीक करने वाले गुण पाए जाते हैं। गूलर के ताजा पत्तों को बारीक पीसकर इसकी गोलियां बना लें और इन गोलियों को छाया में सुखा लें। इसके बाद जब भी मुंह में छालों हों तो इन गोलियों को चूसने से आराम मिलता है।
धर्मेन्द्र संधू