चंडीगढ़: भारतीय विलक्षण पहचान प्राधिकरण के चंडीगढ़ क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से राज्यों द्वारा आधार के प्रयोग को उत्साहित करने के यत्नों के हिस्से के तौर पर आज यहाँ पंजाब राज्य के लिए आधार के प्रयोग को सरल बनाने के लिए हाल की पहलकदमियों पर राज्य स्तरीय वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप की अध्यक्षता अनुराग अग्रवाल, आई. ए. एस. वित्त कमिश्नर राजस्व (पंजाब) ने की, जिसमें पंजाब सरकार, बैंकों, बी. एस. एन. एल, डाक विभाग और राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एन. आई. सी.) और केंद्र सरकार के 100 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
पंजाब राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों में के. ए. पी. सिन्हा, सरवजीत सिंह, डी के तिवारी, दिलीप कुमार, अजोए शर्मा, श्रीमती गुरप्रीत सपरा और श्रीमती नीलिमा शामिल थे।वर्कशॉप के चार सेशनों में आधार की विशेषताओं, आधार के प्रयोग बारे मुख्य विकास, पंजाब राज्य की सर्वोत्तम विधियों, डेटा सुरक्षा और सूचना सुरक्षा बारे चर्चा की गई।
नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और आधार समर्थित भुगतान प्रणाली पर एक प्रस्तुति पेश की। सेशनों में एम-आधार ऐप, आधार ऑनलाइन सेवाओं और कैसे भारतीय विलक्षण पहचान प्राधिकरण ने नामांकन और अपडेट सेवाओं को लोगों के लिए एक बाधा रहित अनुभव बनाने के लिए यत्न किये हैं, संबंधी भी विस्तार में बताया।
इस अवसर पर बोलते हुए श्रीमती भावना गर्ग, डी. डी. जी. भारती विलक्षण पहचान प्राधिकरण ने बताया कि कैसे आधार भारत के डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे का मूल बन गया है। आधार ने विलक्षणता, प्रामाणिकता, वित्तीय पते और ई-के.वाई.सी. की विशेषताओं के साथ, सरकारी अधिकारियों को अलग-अलग सब्सिडियों, लाभों और सेवाओं की डिलीवरी के लिए सीधे तौर पर लोगों तक पहुँचने में मदद की है। उन्होंने कहा कि आधार किसी भी समय, कहीं भी ऑनलाइन और ऑफलाइन, प्रमाणित किया जा सकता है।
श्री वी. उमाशंकर, प्रमुख सचिव, हरियाणा सी. आर. आई. डी., ने अधिकार आधारित लाभों के लिए परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) की व्याख्या की। श्री गुरकीरत कृपाल सिंह और गिरीश दयालन ने पंजाब राज्य आधार ईकोसिस्टम और आधार आधारित ई-गवर्नेंस सुधारों की प्रस्तुति पेश की।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री अनुराग अग्रवाल, वित्त कमिश्नर राजस्व, पंजाब सरकार ने इस व्यापक और जानकारीपूर्ण वर्कशॉप के आयोजन के लिए भारतीय विलक्षण पहचान प्राधिकरण का धन्यवाद किया। उन्होंने उम्मीद अभिव्यक्ति कि भागीदारों को लाभ होगा और राज्यों के इस्तेमाल करे गए मामलों से इन्पुट लेने से रहन-सहन में सुधार और नागरिकों के जीवन को सरल बनाने के तरीके की खोज की जायेगी।