-देश भर में आठ स्थानों पर विद्यमान हैं यह शिवलिंग
देवों के देव महादेव भोले शंकर की स्तुति देवी देवताओं संग इंसानों की ओर से सबसे अधिक की जाती है। इसका मुख्य कारण भगवान शंकर का भोला होना माना गया है। भगवान शंकर अपने भक्तों की तपस्या से प्रसन्न होकर उनकी सभी मनोकामनाओं को पूरा कर देते हैं। तभी तो भगवान शिव को भोले नाथ कह पूजा जाता है। आज हम आपको भगवान शिव के उन पावन मंदिरों की जानकारी देंगे। जिन मंदिरों में भगवान श्री कृष्ण सहित पांडवों ने भारत के आठ स्थानों शिवलिंगों को प्राण-प्रतिष्ठित किया। इन शिवालय में भक्त पहुंच कर भगवान शिव को नमन करते हैं।
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भगवान श्री कृष्ण, अर्जुन ने की शिवलिंग की स्थापना
हरियाणा के कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत युद्ध से पहले भगवान श्री कृष्ण व अर्जुन ने भोले नाथ का आशीर्वाद हासिल करने के लिए स्थानेश्वर शिवलिंग को प्राण-प्रतिष्ठिति किया। युद्ध से पहले यहां पर इन्होंने पूर्ण विधि-विधान से पूजन किया। यह स्थान आज भी भक्तों के लिए बेहद पावन स्थलों में से एक है।
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पांच शिवलिंगों को किया यहां स्थापित
दीव से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर गंगेश्वर महादेव मंदिर स्थापित है। अज्ञातवास के दौरान पांचों पांडवों व द्रोपदी ने इस मंदिर में एक साथ पांच शिवलिंगों को स्थापित किया। इस दौरान वह प्रतिदिन इन शिवलिगों का पूजन करते थे।
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महर्षि वेदव्यास ने करवाई थी इस शिवलिंग की स्थापना
उत्तरप्रदेश में बाराबंकी जिले की रामनगर तहसील में बनवास के दौरान पांडवों ने महर्षि वेदव्यास की आज्ञा से हवन यज्ञ कर वहां पर शिवलिंग की स्थापना की थी। इस शिवलिंग को लोधेश्वर महादेव मंदिर के नाम से पूजा जाता है।
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मन की उलझन दूर करते हैं भयहरण महादेव
उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने मन की उलझन व अंजाने भय को समाप्त करने के लिए यहां पर भयहरण महादेव शिवलिंग की स्थापना की। इस मंदिर में आज भी भक्त अपनी उलझन और भय को दूर करने के लिए यहां आते हैं।
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ममलेश्वर महादेव में मौजूद है 200 ग्राम गेहूं का दाना
अज्ञातवास के दौरान हिमाचल प्रदेश पहुंचे पांडवों ने यहां पर ममलेश्वर महादेव मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की। इस मंदिर में पड़ा 200 ग्राम का गेहूं का दाना भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। जो पांडवों की इस मंदिर के साथ नाते को प्रमाणित करता है।
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लाखामंडल में स्थापित किया पांडवों ने शिवलिंग
मौजूदा उत्तराखंड में लाक्षागृह से बच निकलने के बाद पांडव लंबे समय तक यहां रुके थे। अपने इस आवास के दौरान पांडवों ने अपने आऱाध्य भगवान शिव की स्तुति के लिए शिवलिंग की स्थापना की थी।
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ऋषि भारद्वाज के कहने पर की थी शिवलिंग की स्थापना
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद के प्रतापगढ़ के पास पांडवों ने एक शिवलिंग की स्थापना ऋषि भारद्वाज के कहने पर की थी। यह शिवलिंग पांडवों ने अपनी पाटलिपुत्र यात्रा के दौरान स्थापित किया ता। इस शिवलिंग को पड़िला महादेव पड़िला महादेव और पांडेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
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परागपुर में है कालीनाथ शिवलिंग
हिमाचल की कांगड़ा घाटी के परागपुर गांव में बनवास के दौरान पांडवों ने यहां पर श्री कालीनाथ महाकालेश्वर शिवलिंग की स्थापना की थी। यह मंदिर इस क्षेत्र में पेहद पावन स्थलों में से एक है। यहां पर हर मन्नत पूर्ण होती है।
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प्रदीप शाही