-पर्यावरण मंत्री ने नदियों को साफ़ करने के तरीकों संबंधी उच्च स्तरीय कमेटी की पहली मीटिंग कि की अध्यक्षता
चंडीगढ़ : पंजाब की नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए पंजाब सरकार द्वारा बनाई उच्च स्तरीय कमेटी की आज पहली मीटिंग पर्यावरण मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी की अध्यक्षता में हुई।
मीटिंग के दौरान नदियों और अन्य कुदरती जल स्रोतों को शहरों के सिवरेज और औद्योगिक प्रदूषण से मुक्त करने पर चर्चा हुई। इस मौके पर श्री सोनी ने कहा कि शहरों का सिवरेज बिना ट्रीट किए नदियों में फेंकने की इजाज़त नहीं दी जायेगी और जो कोई भी नगर निगम प्रदूषित पानी नदियों में फेंकने का जि़म्मेदार पाया गया तो उसके खि़लाफ़ कड़ी कार्यवाही होगी। नदियों का पानी साफ़ करने के तरीके सुझाने के लिए गठित की गई इस कमेटी की मीटिंग में शहरों के सिवरेज और औद्योगिक ज़हरीले पानी को नदियों और अन्य कुदरती स्रोतों में न फेंकने पर चर्चा की गई।
पर्यावरण मंत्री को बताया गया कि सतलुज नदी के किनारों पर 19 शहर स्थित हैं। इन शहरों में 33 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की ज़रूरत है, जबकि 31 प्लांट लगाऐ जा चुके हैं और दो प्लांट लगाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने नंगल से लेकर हुसैनीवाला तक सतलुज नदी से नमूने लिए थे, जिनसे पता चला कि लुधियाना और जालंधर सहित कई शहरों से बिना ट्रीट किया पानी सतलुज नदी में फेंका जा रहा है, जिस कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी के किनारों पर 11 शहर स्थित हैं। इन शहरों में 11 सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने की ज़रूरत है, जिनमें से 9 प्लांट लगे हुए हैं और दो लगाने बाकी हैं। उन्होंने कहा कि ब्यास नदी के 10 स्थानों से पानी के नमूने लिए गए, जो संतोषजनक पाए गए।
श्री सोनी ने बताया कि ब्यास और रावी का पानी मछलियों और अन्य जीवों के लिए सुरक्षित हैं। ब्यास नदी में उद्योग का कोई ज़हरीला पानी नहीं पाया गया। अमृतसर में एक सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट शुरू हो गया है और दूसरा एक या डेढ़ महीने में शुरू हो जायेगा। उन्होंने कहा कि डेराबस्सी के नज़दीक स्थित फ़ैक्ट्रियों का पानी घग्गर नदी में फेंकने से रोका गया है।
इस उच्च स्तरीय मीटिंग में प्रमुख सचिव विज्ञान और प्रौद्यौगिकी विभाग श्री सरबजीत सिंह, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के चेयरमैन श्री काहन सिंह पन्नू, चीफ़ इंजीनियर ड्रेनेज विनोद चौधरी, पेडा के डायरैक्टर बलौर सिंह, पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के मैंबर सचिव पवन गर्ग और जल स्पलाई और सिवरेज बोर्ड के चीफ़ इंजीनियर के.पी. गोयल उपस्थित थे।