एस.ए.एस. नगर, 21 मईः
म्यूकोर्मिकोसिस, जिसको काली फंगस भी कहा जाता है, संबंधी जानकारी भरपूर सैशन के आयोजन के लिए फोर्टिस अस्पताल की सराहना करते हुए आज यहा डिप्टी कमिश्नर श्री गिरीश दियालन ने लोगों को फंगल संक्रमण संबंधी जागरूक करने की जरूरत पर जोर दिया।
कोविड के मरीजों में म्यूकोर्मिकोसिस का बहुत विस्तार हुआ है। इसलिए, उन्होंने कहा कि फंगल संक्रमण के बारे जल्द पता लगाना, रोग और मौत दर को घटाने के लिए जानकारी का प्रसार बहुत जरूरी है।
डिप्टी कमिश्नर ने डाक्टरों की सलाह की पुष्टी भी की कि ऐसे मरीजों में बीमारी का जल्द पता लगाने के लिए एंडोस्कोपिक जांच होनी चाहिए।
इससे पहले डा. अशोक के. गुप्ता, डायरैक्टर ई.एन.टी., फोर्टिस अस्पताल, मोहाली ने एक सैशन में बोलते हुये कहा कि म्यूकोर्मिकोसिस छूत की बीमारी नहीं है। इसकी जल्द जांच मरीजों में काले फंगस को नियंत्रित करने में सहायता कर सकती है।
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डा. गुप्ता, जोकि फोर्टिस अस्पताल, मोहाली में बहुत से म्यूकोर्मिकोसिस मरीजों का इलाज कर चुके हैं और इससे पहले पीजीआइ के ईएनटी, विभाग के हैड रह चुके हैं, ने बताया कि म्यूकोर्मिकोसिस एक हमलावर, फंगल संक्रमण है जिसको म्यूकोर्मिकोसिस कहते हैं। फंगस साँस के द्वारा शरीर में दाखिल होता है और साइन्स, आर्बिट, दिमाग और फेफड़ों को प्रभावित करता है।
डा. गुप्ता ने बताया कि म्यूकोर्मिकोसिस के लिए उच्च जोखिम श्रेणी में ज्यादा डायबीटिस, इम्युनोकोमप्रोमाईजड स्टेटस, स्टीरौआइड का अधिक प्रयोग, सह-रोग और आईसीयू में लम्बे समय तक रहना शामिल हैं।
बीमारी के लक्षणों के बारे और ज्यादा जानकारी देते हुये उन्होंने बताया कि मरीजों को पेरिओर्बीटल सूजन और दर्द, चमड़ी का रंग काला पड़ना, चेहरे पर सूजन और नेजल कैविटी में अलटरेशन आदि हो सकते हैं। अगर समय पर ध्यान नहीं दिया जाता, तो लक्षण बढ़ सकते हैं जैसे कि आँखों की लाली, आँखों में से पानी आना, दोहरी नजर और कुछ मामलों में नजर का जाना शामिल है। कुछ मामलों में चेहरे का अधरंग भी देखा गया है।
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बीमारी को रोकने के लिए उपायों पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि समय पर ध्यान देना और इलाज करवाना समय की जरूरत है। लोगों को संक्रमण से बचने के लिए निजी स्वच्छता, फेस मास्क और फेस शील्ड पहनना यकीनी बनाना चाहिए।
इस मौके श्री अनिल विनायक, ग्रुप सीओओ फोर्टिस हैल्थकेयर लिमटिड, आशीष भाटिया, क्षेत्रीय सीओओ, फोर्टिस हैल्थकेयर लिमटिड और अभिजीत सिंह, जोनल डायरैक्टर, फोर्टिस अस्पताल, मोहाली और सीनियर क्लीनिशियन उपस्थित थे।
जिक्रयोग्य है कि एनसीआर, हरियाणा और पंजाब के कई हिस्सों से लगभग 20 मरीजों को फोर्टिस, मोहाली में ओपीडी या एमरजैंसी सेवाओं के लिए रैफरल किया गया है। इनमें से पाँच मरीजों को तुरंत सर्जीकल इलाज की जरूरत थी।
-NAV GILL