प्रधान मंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ मीटिंग के दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को टीकाकरण कार्यनीती पर फिर से विचार करने के लिए कहा

चंडीगढ़, 17 मार्चः
राज्य में कोविड मामलों की संख्या बढ़कर 12,616 हो जाने और रोजाना पाॅजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से पार कर जाने के मद्देनजर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने केंद्र सरकार को अपनी टीकाकरण कार्यनीती पर फिर से विचार करने की अपील की जिससे चुनिंदा क्षेत्रों में हर आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण किया जा सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने इस समस्या से निपटने के लिए कठोर नीति का ऐलान किया।
मुख्यमंत्री ने स्कूलों और काॅलेजों के विद्यार्थियों और अध्यापकों, जजों, बस चालकों और कंडक्टरों, पंचों/सरपंचों, मेयर/नगर कौंसिलों के प्रधानों/पार्षदों, विधायकों और संासदों आदि के लिए पेशा आधारित टीकाकरण के लिए कहा जिससे अहम गतिविधियां सामान्य रूप से चलाने और कोरोना फैलाने वालों को रोकनेे के लिए रास्ता साफ हो सके। उन्होंने अदालतें भी जल्द खोलने की वकालत की जिससे नागरिकों के लिए इन्साफ का इन्तजार खत्म हो सके। इसके साथ ही उन्होंने स्कूल और काॅलेज भी जल्द खोलने की पैरवी की जिससे शिक्षा के रूप में गरीब और सम्पन्न परिवारों के बीच का अंतर समाप्त किया जा सके।

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मुख्यमंत्री ने कोविड से बचाव, बड़े स्तर पर सामाजिक और धार्मिक जलसों और स्कूल, काॅलेजों को सामान्य रूप से खोलने के यत्नों में ढील बरताने को मामले बढ़ने का कारण बताया। उन्होंने कहा कि राज्य की युवा आबादी में बड़ी स्तर पर पाॅजिटिव केस देखे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति चिंताजनक बन रही है क्योंकि सोमवार को राज्य में कुल 1475 केस सामने आए और 38 मौतें हुई थीं और बीते दिन 1843 केस सामने आए और 43 मौतें हुई। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल और शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल भी कोरोना पाॅजिटिव पाए गए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम नीति बना रहे हैं, हम कल से सख़्त हो जाएंगे।’’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से कोविड की स्थिति का जायजा लेने के लिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ की गई वर्चुअल मीटिंग दौरान कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने सुझाव दिया कि कोई भी इलाका, जहाँ साप्ताहिक टेस्टिंग दौरान पाॅजिटीविटी दर दोगुनी होती है, में हर आयु वर्ग के लोगों के टीकाकरण के लिए तुरंत विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कदम से हर चरण में आबादी के एक छोटे वर्ग के टीकाकरण किये जाने के चरणों की अपेक्षा बेहतर नतीजे सामने आएंगे। उन्होंने कहा कि जनवरी में रोजाना की पाॅजिटीविटी दर एक प्रतिशत से कम थी जो कि मार्च में 5 प्रतिशत से अधिक हो गई है। उन्होंने बताया कि अब तक 54 लाख टैस्ट किये गए हैं जिनमें से 1.99 लाख पाॅजिटिव केस पाए गए और इस वायरस से अब तक 6099 लोगों की मौत हो चुकी है।

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मुख्यमंत्री ने इस बात की सिफारिश की कि चुनिंदा क्षेत्रों में समूची जनसंख्या को कवर करने के अलावा राज्य में गुर्दे और जिगर की सह-बीमारियों वाले 45 साल से कम आयु के लोगों को भी कवर करना चाहिए क्योंकि पंजाब में दूसरा शिखर जारी है जो कि फरवरी -2021 के मध्य में शुरू हुआ है।
वायरस के नये रूप की भूमिका बारे अस्पष्टता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वायरल सम्बन्धी तरतीब को औेर मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया खासकर पंजाब में जहाँ अब 50 प्रतिशत से अधिक केस 40 साल से कम आयु के हैं और हमें तुरंत समीक्षा करने की जरूरत है कि यह कहीं परिवर्तन का कारण तो नहीं हैं। उन्होंने खुलासा किया कि इस सम्बन्धी राज्य ने बड़ी संख्या में सैंपल भेजे हैं परन्तु बहुत कम का नतीजा आया है जिनमें से दो में परिवर्तन की मौजूदगी दिखती है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने फिर दोहराते हुए केंद्र से प्रांतीय आपदा राहत कोष, जो राज्य के पास पहले ही मौजूद हैं, कोविड प्रबंधन के लिए उपयोग करने की आज्ञा दी जाये। उन्होंने जोर दिया कि भारत सरकार का केंद्रीय गृह मंत्रालय इसकी तुरंत स्वीकृति जारी करे।

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टीकाकरण पर प्रगति बारे बात करते हुए उन्होंने मीटिंग दौरान बताया कि 50 प्रतिशत से अधिक स्वास्थ्य संभाल कर्मचारियों और फ्रंट लाईन वर्करों ने कोविड टीकाकरण की पहली खुराक ले ली है। इसके साथ ही 60 साल से अधिक आयु और 45 साल से अधिक आयु के सह-रोगों से पीड़ित 1.10 लाख से अधिक आम लोगों को टीकाकरण की पहली खुराक दी जा चुकी है। उन्होंने आगे बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर तक की सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं ने कोविड टीकाकरण केन्द्रों के तौर पर काम करना शुरू कर दिया है, जिससे लोगों को यह सुविधा उनके नजदीक ही मुहैया करवाई जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि सभी सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थाओं की तरफ से हफ्ते के सभी 7 दिनों के लिए टीकाकरण सुविधा शुरू कर दी गई है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि अन्य निजी स्वास्थ्य संस्थाओं को कोविड टीकाकरण केन्द्रों के तौर पर काम करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। टीका लगवाने वाले व्यक्ति को बुखार, शरीर में हल्का दर्द या अन्य कोई तकलीफ होने की स्थिति में पैरासिटामोल 650 एम.जी की 10 गोलियाँ दी जा रही हैं। उन्होंने आगे कहा कि कोविड और टीकाकरण सम्बन्धी अफवाहों पर रोक लगाने के लिए मिशन फतह के द्वारा व्यापक सोशल मीडिया मुहिम भी चलाई जा रही है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने सुझाव दिया कि राज्य में टीकाकरण की गति में तेजी लानी चाहिए और अन्य ज्यादा मामलों वाले जिलों के लिए अलग से रणनीति तैयार की जानी चाहिए।

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कोविड की दूसरी लहर से निपटने के लिए उनकी सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों बारे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य की तरफ से सामाजिक जमावड़ों पर पाबंदी लगा दी गई है जिसके अंतर्गत इन्डोर समागमों के लिए अधिक से अधिक 100 और आउटडोर समागमों के लिए 200 व्यक्तियों के जलसे को ही आज्ञा दी गई है। उन्होंने आगे बताया कि 9 जिलों में रात 11 बजे से प्रातःकाल 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि दूसरे जिलों को लगातार स्थिति का जायजा लेने और उसके अनुसार कार्यवाही करने के लिए कहा गया है। आबकारी और कर विभाग को कोविड सम्बन्धी नियमों के पालन को यकीनी बनाने के लिए सभी होटलों, रैस्टोरैंटों और मैरिज पैलेसों में कोविड माॅनीटर नियुक्त करने के लिए कहा गया है।
इसके अलावा, पंजाब पुलिस की तरफ से कोविड सम्बन्धित नियमों का पालन न करने वाले लोगों के विरुद्ध कार्यवाही करने के लिए मुहिम और तेज कर दी गई है, बड़ी संख्या में चालान काटे जा रहे हैं और उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध मुकद्मे दर्ज किये जा रहे हैं। सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद कर दिए गए हैं, जबकि स्वास्थ्य संभाल कर्मचारियों, जिन्होंने टीका नहीं लगवाया है, उनको अपनी और लोगों की सुरक्षा को यकीनी बनाने के लिए साप्ताहिक कोविड टैस्ट करवाने की सलाह दी गई है।
कोविड टेस्टिंग सम्बन्धी जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में रोजाना 30,000 से अधिक कोविड टैस्ट किये जा रहे हैं, जिनमें से 90 प्रतिशत से अधिक आरटी-पीसीआर और 10 प्रतिशत से कम रैपिड एंटीजेन टैस्ट (आरएटी) किये जा रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि पंजाब की प्रति मिलियन टेस्टिंग राष्ट्रीय औसत से अधिक है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि पीड़ित लोगों की देखभाल के लिए सभी उचित प्रबंध किये गए हैं। राज्य में कोविड मरीजों के लिए 8,000 आॅक्सीजन वाले बैड, 1,500 से अधिक आईसीयू बैड और स्तर-2 और स्तर-3 के लगभग 800 वेंटिलेटर मौजूद हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस समय 10-15 प्रतिशत स्तर-2 और स्तर-3 बैड ही मरीजों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं और बाकी सभी बैड खाली हैं।
कैप्टन अमरिन्दर ने प्रधानमंत्री को अवगत करवाया कि राज्य सरकार ने पिछले एक साल के दौरान लगभग 4,000 और मैडीकल और पैरा मैडीकल स्टाफ शामिल किया गया, जिसमें 500 मैडीकल अफसर, 300 माहिर डाॅक्टर, 500 नर्सें और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ शामिल है। उन्होंने कहा कि कोविड के मरीजों के प्रबंधन के लिए हर तरह की जरूरी दवाएँ और अन्य प्रयोग की जाने वाली वस्तुएं उपलब्ध हैं, जिसमें रेमिडेजीविर टीका और अन्य एंटी-वायरल दवाएँ भी शामिल हैं। इसके साथ ही मरीजों की शिफटिंग के लिए 25 एडवांस्ड लाईफ स्पोर्ट और 300 बेसिक लाईफ स्पोर्ट ऐंबूलैंस उपलब्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड के मरीजों के प्रभावशाली प्रबंधन के लिए डाॅ. के.के. तलवार के नेतृत्व में माहिरों का ग्रुप रोजाना शाम 7.30 बजे सभी स्तर-2 और स्तर-3 सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं से वीडियो काॅन्फ्रेंस के द्वारा समीक्षा बैठक करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि स्तर-2 और स्तर-3 के मरीजों का इलाज करने वाले प्राईवेट अस्पतालों को दो हफ्तों के लिए चुनिन्दा सर्जरी स्थगित करने की सलाह दी गई है जिससे कोविड मरीजों के लिए और ज्यादा बैंडों की उपलब्धता को यकीनी बनाया जा सके।

-NAV GILL

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