चंडीगढ़, 25 दिसंबर:
काले कृषि कानूनों के खि़लाफ़ एक महीने से दिल्ली की सरहद पर एक महीने से मोर्चा लगाए बैठे किसानों के संघर्ष के दौरान आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किसानों के नाम जारी संदेश रूपी भाषण को मुंगेरी लाल के हसीन सपनों से अधिक और कुछ नहीं है। यह बात पंजाब के कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सुखजिन्दर सिंह रंधावा ने आज यहाँ जारी प्रैस बयान के द्वारा कही।
प्रधानमंत्री के भाषण पर सख़्त प्रतिक्रिया देते हुए स. रंधावा ने कहा कि यह सरासर झूठ का पुलिंदा था और सितम की बात यह है कि प्रधानमंत्री केंद्रीय राजधानी की छाती पर बैठे लाखों किसानों के मन की बात नहीं सुन रहे हैं। उन्होंने इस भाषण को सिरे से नकारते हुए कहा कि अच्छा होता प्रधानमंत्री आज किसानों के गुस्से को देखते हुए काले कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान करते। उन्होंने कहा कि साधारण किसान से बड़े-बड़े कानून के जानकारों तक हर एक ने केंद्र के कृषि कानूनों को किसानों के लिए घातक सिद्ध किया है परन्तु प्रधानमंत्री अभी भी इन काले कानूनों को कृषि सुधार कदम बता रहे हैं।
स. रंधावा ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा अपने भाषण में केंद्र सरकार द्वारा पिछले छह सालों में किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए उठाया एक भी कदम तथ्यों समेत नहीं बताया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री अभी भी किसानों के आंदोलन को गुंमराह करने वाले नेताओं के नेतृत्व वाला राजनीति से प्रेरित बता रहे हैं, जोकि सरासर गलत है। उन्होंने प्रधानमंत्री को सवाल करते हुए कहा कि भाजपा शासित राज्य हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा किसान आंदोलन में शामिल होने संबंधी वह क्या कहेंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बिहार जैसे राज्य में फेल हुए कृषि मॉडल संबंधी भी प्रधानमंत्री को चूप्पी तोडऩी चाहिए थी।
स. रंधावा ने आगे बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आज किसानों को मुफ़्त बिजली मिलने संबंधी अपनी उपलब्धि बता रहे थे, जबकि वास्तविकता है कि पंजाब सरकार कई सालों से यह सुविधा अपने बलबूते दे रही है, उल्टा केंद्र सरकार बिजली एक्ट लाकर बिल लाने पर तत्पर है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की सरकार द्वारा किसानों से किया गया कजऱ् माफी का बड़ा वायदा पूरा करते हुए अब तक 5 लाख 63 हज़ार किसानों का 4610 करोड़ रुपए का कजऱ् माफ किया जा चुका है।
-Nav Gill