आज हम आपको ऐसे पदार्थ के फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका सेवन आप ने कहीं न कहीं जाने अनजाने में जरूर किया होगा। वह पदार्थ है ‘इमली’। खासकर बचपन में तो आपने इमली जरूर खाई होगी। इमली का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद होता है इमली खाने से कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं से निजात मिलती है। इमली का प्रयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाने के लिए भी किया जाता है।
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इमली में विटामिन सी, ई और बी के साथ ही आयरन, फास्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, और फाइबर के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट्स भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। जो कई प्रकार की सेहत समस्याओं में फायदेमंद सिद्ध होते हैं। इमली के बीज और पत्ते भी कई रोगों के उपचार में मदद करते हैं।
इमली खाने के फायदे
पाचन तंत्र को रखे ठीक
इमली में पाए जाने वाले तत्व पाचन तंत्र को ठीक रखते हैं और पाचन संबंधी समस्याओं से निजात दिलाते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पाचन में सहायता करता है जिससे कब्ज से राहत मिलती है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए
इमली में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इमली में पाया जाने वाला विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट्स रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। जिससे शरीर जल्दी बिमार नहीं पड़ता।
मोटापे को करे दूर
मोटापे से छुटकारा पाने के लिए इमली खाना फायदेमंद रहता है। इमली में मुख्य रूप से हाइड्रोसिट्रिक नामक एसिड पाया जाता है जो शरीर में बनने वाली फालतू चर्बी को खत्म कर देता है। इमली का नियमित रूप में सेवन करने से यह चर्बी धीरे-धीरे कम हो जाती है और मोटापे से छुटकारा मिलता है।
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कैंसर से करे बचाव
कैंसर जैसे नामुराद रोग से बचने के लिए इमली का सेवन करने से लाभ होता है। इमली में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो कैंसर से बचाव करते हैं। साथ ही इसमें टैरट्रिक एसिड भी पाया जाता है जो कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
ब्लड प्रेशर को करे कंट्रोल
इमली के सेवन से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है। इमली में आयरन और पोटेशियम तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह तत्व ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। और साथ ही यह रेड ब्लड सेल के उत्पादन में भी सहायक सिद्ध होते हैं।
दिल को रखे स्वस्थ
इमली में पाए जाने वाले तत्व दिल के रोगों से बचाव करते हैं। इसमें पाया जाने वाला पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है और फाइबर कोलेस्ट्राल के स्तर को सही रखते हैं। साथ ही और एंटीऑक्सीडेंट दिल की कार्य क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।
लीवर के लिए है फायदेमंद
लीवर के लिए भी इमली और इमली के पत्ते बेहद फायदेमंद हैं। एक शोध में तथ्य सामने आए हैं कि ज्यादा मात्रा में शराब पीने से जो लीवर को नुकसान पहुंचता है उस नुकसान को ठीक करने में इमली के पत्तों का सेवन लाभदायक रहता है। फैटी लीवर की समस्या को दूर करने में भी इमली के पत्ते मदद करते हैं।
भूख बढ़ाए
भूख बढ़ाने में इमली फायदेमंद साबित होती है। पाचन तंत्र को ठीक करके इमली भूख को बढ़ाने में मदद करती है। इसके लिए गुड़, इमली का गुदा, थोड़ी सी दालचीनी और इलायची का पानी के साथ मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को थोड़ी-थोड़ी देर बाद चूसते रहने से भूख लगने लगती है।
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डायबिटीज में है फायदेमंद
डायबिटीज के मरीजों के लिए इमली बेहद गुणकारी सिद्ध होती है। इसमें ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं। साथ ही इमली शरीर में कार्बोहाइड्रेट्स को एबजॉर्ब होने से रोकती है। इसके लिए आप एक गिलास इमली का जूस या रात को भिगोकर रखी इमली का पानी पी सकते हैं। लेकिन इस रोग के ज्यादा बढ़े होने की सूरत में डाक्टर की सलाह जरूर लें।
त्वचा संबंधी समस्याओं में लाभदायक
त्वचा संबंधी समस्याओं में इमली लाभदायक है। आयुर्वेद में इमली का प्रयोग चेहरे के कील -मुँहासों व दाग-धब्बों को कम व दूर करने के लिए होता है। इमली में पाया जाने वाला अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाकर कई समस्याओं से निजात दिलाता है। साथ ही सूर्य की पराबैंगनी किरणों से बचाव होता है और इन किरणों के कारण खराब हुई त्वचा भी ठीक होती है।
लू लगने से करे बचाव
गर्मियों में मौसम में कई प्रकार की शारीरिक समस्याएं पैदा हो जाती हैं। इनमें से लू लगना आम बात है। इमली का सेवन करने से लू से बचाव होता है। इसके लिए 25 ग्राम के करीब इमली को एक ग्लास पानी में भिगोकर पीने से लू लगने से बचाव होता है। लू लगने पर इमली का गूदा भी काम आता है, इमली के गूदे को हाथों – पैरों के तलों पर लगाने से लू का असर धीरे-धीरे कम हो जाता है।
घावों को करे ठीक
घावों के उपचार व उनको जल्दी भरने के लिए इमली के पेड़ के पत्तों, बीजों और छाल का प्रयोग होता है। क्योंकि इमली के पत्तों, बीजों व छाल में एंटिसेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
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इमली के नुकसान
अगर आप किसी दवाई का सेवन कर रहें तो इमली खाने से परहेज़ करें। गर्भवती महिलाएं भी इमली खाना पसंद करती हैं लेकिन उनको भी इसके अधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि विटामिन सी का अधिक सेवन एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा देता है जो गर्भाशय में संकुचन और ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। गले में खराश रहने ही हालत में इमली का प्रयोग किसी भी रूप में नहीं करना चाहिए क्योंकि यह खराश की समस्या को और भी बढ़ा सकता है। साथ ही शुगर के रोगी इमली का प्रयोग डाक्टर की सलाह से करें तो सही रहेगा।
धर्मेन्द्र संधू