पुरानी से पुरानी खांसी व पेट के रोग जड़ से खत्म करेगा… इस पेड़ का फल

हमारे आसपास कुछ ऐसे पेड़-पौधे मौजूद हैं जिनके बारे में हमें नहीं पता कि यह पेड़ स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही पेड़ के बारे में जानकारी देंगे जिसका लगभग प्रत्येक भाग स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए उपयोग होता है। वह पेड़ है ‘अमलतास’ जिसे अंग्रेजी में ‘कैसिया फिस्टुला’ कहा जाता है।

अमलतास का पेड़ 5 से लेकर 15 मीटर तक ऊंचा हो सकता है। इस पेड़ पर सुनहरे पीले रंग के फूल लगते हैं। अमलतास के पेड़ पर यह फूल मार्च से जुलाई तक लगते हैं। अमलतास के फल लंबे और बेलनाकार होते हैं जो देखने में किसी डंडे की तरह लगते हैं। यह फल हरे रंग के होते हैं और पकने के बाद गहरे भूरे रंग के हो जाते हैं। तेज गंध वाले इन फलों के अंदर चमकदार और हल्के भूरे रंग के बीज होते है। अमलतास का पेड़ आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर होता है। इसमें षरीर के लिए उपयोगी पोषक तत्व पाए जाते हैं। अमलतास के फलों, फूलों और पत्तों में बहुत से उपयोगी घटक तत्व होते हैं जो कई प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने में मदद करते हैं।

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अमलतास के फायदे

कब्ज से दिलाए राहत

कब्ज से राहत पाने के लिए अमलतास का फल उपयोगी सिद्ध होता है। क्योंकि कब्ज कई प्रकार के अन्य रोगों का कारण बनती है। अमलतास के गूदे में पेट साफ करने वाले गुण पाए जाते हैं। कब्ज से छुटकारा पाने के लिए एक गिलास पानी में 20 ग्राम के करीब अमलतास के फल के गूदे को रात भर भिगोकर रखें। और सुबह इस पानी को छानकर पी लें। इस प्रयोग से पेट आसानी से साफ हो जाएगा और साथ ही पेट के जहरीले तत्व भी बाहर निकल जाएंगे।

एसिडिटी को करे दूर

पेट में गैस या एसिडिटी का होना आम बात है। पेट की गैस या एसिडिटी को दूर करने में अमलतास का फल काफी फायदेमंद सिद्ध होता है। इसके लिए अमलतास के फल से निकलने वाले गुदे की पेट पर मालिश करने से आराम मिलता है। एक महीने तक नाभि के आस-पास 10 मिनट के करीब मालिश करने से पुरानी से पुरानी गैस की समस्या भी दूर हो जाती है।

बवासीर के रोग में है लाभदायक

बवासीर की समस्या होने पर भी अमलतास का फल राहत प्रदान करता है। बवासीर के दर्द से छुटकारा पाने के लिए अमलतास के फल का गूदा, हरड़ और मुनक्के को बराबर मात्रा में लेकर उबाल कर काढ़ा बना लें। और नियमित रूप में कुछ दिनों तक सोने से पहले इस काढ़े का सेवन करें। इस काढ़े के सेवन से कुछ ही दिनों में फर्क दिखने लगेगा।

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गठिया की समस्या में है गुणकारी

अमलतास में गठिया की समस्या से छुटकारा दिलाने वाले गुण भी पाए जाते हैं। अमलतास के पेड़ के सभी हिस्सों खासकर इसकी पत्तियों में गठिया के रोग में होने वाली सूजन व दर्द को दूर करने वाले गुण होते हैं। इसके लिए अमलतास की दस से बीस ग्राम पत्तियों को घी में तलकर दिन में दो बार नियमित सेवन करने से गठिया की समस्या में फायदा होता है।

पुरानी खांसी से दिलाए छुटकारा

अमलतास में पाए जाने वाले तत्व पुरानी से पुरानी खांसी को भी दूर कर देते हैं। खांसी से राहत पाने के लिए अमलतास फल के गूदे को देशी घी में पका लें। रोजाना इस घी का सेवन  करने से फायदा होता है। लेकिन ध्यान रखें कि यह घी 5 या 10 ग्राम से अधिक मात्रा में न लें। यह घी किसी खांसी रोकने वाली दवा की तरह ही काम करता है। 

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बुखार को करे ठीक

बुखार होने पर अमलतास की जड़ का प्रयोग किया जाता है। अमलतास पेड़ की जड़ बुखार के दौरान दवाई का काम करती है। इसके लिए अमलतास के पेड़ की जड़ को उबालकर काढ़ा बना लें। इस काढ़े का दिन में दवाई की तरह सेवन करने से बुखार कम होने लगता है।

मधुमेह के रोगियों के लिए है लाभकारी

मधुमेह के रोगियों के लिए भी अमलतास लाभकारी पेड़ है। इसमें शुगर यानि मधुमेह को कम करने वाले गुण पाए जाते हैं।  इस संबंधी किए गए अध्ययनों में पाया गया है कि अमलतास के पेड़ की पत्तियों और छाल का नियमित सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर में कमी आती है। लेकिन फिर भी अमलतास का सेवन या प्रयोग करने से पहले शुगर के रोगी अपने डाक्टर या आयुर्वेद के ज्ञाता की सलाह जरूर लें।

दाद-खुजली होने पर करें प्रयोग

आयुर्वेद में त्वचा संबंधी रोगों के उपचार के लिए अमलतास की पत्तियों व बीजों का उपयोग पुराने समय से होता आ रहा है। अमलतास की पत्तियों में राइन और सेनोसाइड्स ए और बी तत्वों के साथ ही एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं। दाद होने पर अमलतास की पत्तियों का रस लगाने से जलन और सूजन ठीक होती है। इसके अलावा इन पत्तियों का लेप बनाकर भी प्रभावित स्थान पर लगाने से दाद और खुजली में आराम मिलता है।

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बालों की समस्याओं को करें दूर

बालों की समस्याओं में भी अमलतास की पत्तियां फायदेमंद सिद्ध होती हैं। इसकी पत्तियों के नियमित प्रयोग से गंजापन भी दूर किया जा सकता है। अमलतास की पत्तियों को जलाकर राख बना लें और इस राख को बकरी के दूध में मिलाकर सिर में लगाने से लाभ होता है।

मच्छरों को रखे दूर

अमलतास में मच्छरों को भगाने वाले गुण भी पाए जाते हैं। इसके लिए अमलतास और दालचीनी के तेल का प्रयोग किया जाता है। मच्छर के काटने से बचने के लिए अमलतास और दालचीनी के तेल को बराबर मात्रा में लेकर एक मिश्रण बना लें। इस मिश्रण को शरीर पर लगाने से मच्छर नहीं काटते यहां तक कि शरीर के पास भी नहीं आते।

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अमलतास के नुकसान

अमलतास आयुर्वेदिक व औषधीय गुणों से भरपूर है। इसका हर हिस्सा किसी न किसी रोग के उपचार में काम आता है। लेकिन फिर भी इसका प्रयेाग व सेवन किसी आयुर्वेद के विशेषज्ञ की सलाह से करें। अमलतास के अधिक मात्रा में उपयोग से चक्कर और उल्टी जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। किसी रोग की दवा के साथ अमलतास के किसी भी हिस्से का प्रयोग न करें। साथ ही गर्भवती महिलाओं को अमलतास के सेवन से परहेज करना चाहिए नहीं तो नुकसान हो सकता है।

धर्मेन्द्र संधू

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