एन.आर.डी.डी.एल. जालंधर की टीम को ज़िलों का दौरा करने की हिदायत
पशुओं को बीमारी होने पर सरकारी अस्पतालों के साथ तुरंत संपर्क करने की अपील
कहा, अफ़वाहों से बचें पशु-पालक
चंडीगढ़: पंजाब के पशु पालन, मछली पालन और डेयरी विकास मंत्री स. लालजीत सिंह भुल्लर की हिदायत पर पशु पालन विभाग ने आज दुधारू पशुओं में सक्रमण की बीमारी ‘‘लम्पी स्किन’’ की रोकथाम के लिए ज़िला स्तरीय टीमें गठित की हैं। इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए स. भुल्लर ने बताया कि राज्य में दुधारू पशुओं में लम्पी स्किन नामक संक्रामक रोग से बचाव के लिए हर ज़िले में टीमें तैनात कर दी गई हैं, जो गाँव-गाँव जाकर प्रभावित पशुओं को बीमारी से बचाने के उपाय के लिए जानकारी देंगी।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि नॉर्थ रीजनल डिवीजन डायग्नौस्टिक लैब (एन.आर.डी.डी.एल.) जालंधर की टीम को समूह ज़िलों का दौरा करने की हिदायत दी गई है, जो कल 28 जुलाई से प्रभावित जिलों का दौरा कर रही हैं। उन्होंने बताया कि पशु पालन विभाग के समूह अधिकारियों और मुलाजिमों को पशु-पालकों की हर पक्ष से सहायता करने के लिए पाबंद किया गया है। इस लिए पशुपालक किसी घबराहट में न आएं और किसी भी तरह की अफ़वाहों से बचें। उन्होंने कहा कि किसान या पशु-पालक बेझिझक अपनी नजदीकी पशु संस्था से संपर्क कर सकते हैं।
स. भुल्लर ने बताया कि यह बीमारी दक्षिणी राज्यों से आई है और बरसातों में और अधिक तेज़ी से फैलती है, क्योंकि मच्छर-मक्खी आदि के काटने से इस बीमारी के आगे और बढऩे का खतरा बना रहता है। इसलिए पशुओं के आस-पास सफ़ाई का ध्यान रखा जाए और बीमार पशुओं को दूसरों से अलग कर लिया जाए। इस दौरान विभाग के डायरैक्टर डॉ. सुभाष चंद्र ने कहा कि पशुपालकों को घबराने की ज़रूरत नहीं, बल्कि एहतियात बरतनी चाहिए। बीमारी के लक्षणों का जिक्र करते हुए डॉ. सुभाष ने बताया कि इस बीमारी से पशुओं को तेज बुख़ार चढ़ता है और उनकी चमड़ी पर छाले हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अगर किसी किसान के पशुओं में ऐसे बीमारी के लक्षण दिखते हैं तो तुरंत नजदीकी पशु संस्था के साथ संपर्क करें। उन्होंने कहा कि इस बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर किसान अपने सेहतमंद पशुओं को पीडि़त पशु से अलग कर लें। डॉ. सुभाष ने बताया कि मीडिया के एक हिस्से में ज़िला फाजिल्का में सैंकड़ों जानवरों की मौत की ख़बर बेबुनियाद है। उन्होंने बताया कि डिप्टी डायरैक्टर पशु पालक विभाग फाजिल्का की टीम द्वारा आज प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया गया है और ऐसी कोई बात सामने नहीं आई।