जन्म से ही दिल की बीमारी वाले 179 बच्चों के मुफ़्त ऑपरेशन किये: चेतन सिंह जौड़ामाजरा
चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार, भविष्य के नागरिक होने के नाते बच्चों की तंदुरुस्ती और सेहत के प्रति बहुत गंभीर है। सरकार जन्म से लेकर 18 साल तक के बच्चों में जन्म के समय कोई कमी, जन्मजात कमियां, बचपन की बीमारियाँ, अपंगता समेत विकास में देरी संबंधी जल्द से जल्द पता लगाने पर ज़ोर के रही है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए राष्ट्रीय बाल सेहत कार्यक्रम ( आर.बी.एस.के.) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हालाँकि बाल मृत्यु दर को घटाने में तरक्की हुई है, परन्तु बच्चों के विकास नतीजों में सुधार करने की सख़्त ज़रूरत है।
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हमें अच्छी तरह से पता है कि बच्चों के जीवन के शुरुआती साल बचाव और विकास दोनों के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और यह प्रोग्राम बच्चों की जांच करने, डॉक्टरी सहायता की ज़रूरत वाली सेहत स्थितियों की पहचान करने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोग्राम है। इस बाल सेहत प्रोग्राम को लागू करने संबंधी और विवरण देते हुए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने अपने संबोधन के दौरान बताया कि फरवरी, 2022 से जुलाई, 2022 तक इस सरकार के पहले छह महीनों के दौरान स्वास्थ्य को सबसे अधिक प्राथमिकता देने के वादे को मुख्य रखते हुए बेमिसाल प्रयास किये गए हैं।
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पंजाब की आने वाली पीढिय़ों की सेहत को ध्यान में रखते हुए इस प्रोग्राम के अंतर्गत राज्य के 14096 आंगनवाडिय़ों में 3,46,502 बच्चों और 6090 सरकारी स्कूलों में 5,42,150 बच्चों की मोबाइल हैल्थ टीमों द्वारा जांच की गई। इसके अलावा डिलीवरी प्वाइंट्स पर 64,563 नए जन्में बच्चों की जांच की गई। इस समय के दौरान 179 गरीब और बेसहारा परिवारों के 179 बच्चों का दिल की जन्मजात बीमारी (दिल में छेद) का बड़े प्राईवेट अस्पतालों में ऑपरेशन के द्वारा मुफ़्त ईलाज किया गया और सरकार द्वारा उनको नयी जि़ंदगी दी गई। ऐसे ऑपरेशनों के ईलाज की लागत गरीब परिवारों के लिए बहुत ज़्यादा है और इस तरह भगवंत मान सरकार अपने नागरिकों की जान और माल की रक्षा के लिए वचनबद्ध है।
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उन्होंने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग पंजाब के सभी बच्चों की स्वास्थ्य की रक्षा और उनको भविष्य के सेहतमंद नागरिक बनाने के लिए यत्नशील है। जौड़ामाजरा ने बताया कि पंजाब ने मोबाइल स्वास्थ्य टीमें तैनात की हैं, हरेक टीम में दो डॉक्टर ( आयुश) एक मर्द और एक औरत, एक एएनएम/ स्टाफ नर्स और एक फार्मासिस्ट होता है। हरेक मोबाइल टीम को स्कूलों और आंगनवाडिय़ों का दौरा करने के लिए एक वाहन मुहैया करवाया गया है और वह ज़रुरी टेस्टिंग टूल और दवाओं से लैस हैं।
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हरेक बच्चे के लिए एक हैल्थ कार्ड रखा जाता है जिसमें न केवल बच्चों का सम्बन्धित मैडिकल रिकॉर्ड होता है, बल्कि बच्चों के शारीरिक विकास संबंधी भी जानकारी होती है और इस कार्ड के द्वारा बच्चों के विकास का मुल्यांकन भी किया जाता है। इस मौके पर डायरैक्टर स्वास्थ्य सेवाओं (परिवार कल्याण) डॉ. रविन्दरपाल कौर ने गरीब बच्चों के भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार के कार्यों की सराहना की और स्वास्थ्य मंत्री श्री जौड़ामाजरा द्वारा विभाग को मिल रहे सहयोग के लिए धन्यवाद किया।