भारत में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए आवाजाही के प्रबंध करते हुये केंद्र सरकार के मानक परिचालन ढंग (एसओपीज़) की तजऱ् पर पंजाब सरकार की तरफ से 31 मार्च से 9 अप्रैल, 2020 तक आए एन.आर.आईज़ समेत 825 व्यक्तियों को अपने देशों में लौटने की सुविधा मुहैया करवाई गई है।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये डीजीपी दिनकर गुप्ता ने बताया कि एडीजीपी (कानून-व्यवस्था) ईशवर सिंह और एआईजी /साईबर क्राइम इन्दरबीर सिंह समेत सीनियर पुलिस अधिकारियों की कमेटी पंजाब में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए अपने देश वापसी की सुविधा में सहायता कर रही है। ऐसे मामलों में निर्धारित उड़ानों के लिए समय पर ज़रूरी मंजूरियां प्राप्त करने के लिए विदेश मंत्रालय समेत उच्च स्तरीय तालमेल किये गए हैं।
जि़क्रयोग्य है कि केंद्रीय गृह सचिव, गृह मंत्रालय, नेशनल एग्जिक्युटिव कमेटी के चेयरमैन के तौर पर भारत सरकार ने 2 अप्रैल, 2020 को भारत में फंसे विदेशी नागरिकों के लिए यातायात प्रबंधों के लिए मानक परिचालन ढंग (एसओपीज़) को सख्ती से लागू करने के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये थे क्योंकि कुछ विदेशी देशों की सरकारों ने अपने नागरिकों को भारत में से वापस लेजाने के लिए भारत सरकार को पहुँच की थी।
इन दिशा-निर्देशों के मद्देनजऱ, भारत सरकार ने फ़ैसला लिया कि विदेशी देशों से प्राप्त विनतियों की केंद्रीय विदेश मंत्रालय की तरफ केस-टू-केस आधार पर जांच की जाऐगी। डीजीपी ने कहा कि इस प्रोटोकोल के अनुसार विदेश मंत्रालय की विनतियों के समर्थन के बाद सम्बन्धित विदेशी सरकारों की तरफ केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के साथ सलाह मशवरा करके चार्टर्ड उड़ानों का प्रबंध किया जाना था।
विदेशी नागरिकों को पंजाब से बाहर निकालने संबंधी जानकारी देते हुये श्री गुप्ता ने बताया कि इन में फिनलैंड से 28, डेनमार्क से 86, स्वीडन से 43, नॉर्वे से 50, लातविया से 14, जापान से 6 नागरिक और रूस, स्लोवेनिया, चैक रिपब्लिक और बेलारूस से दो और उजबेकिस्तान से एक नागरिक शामिल हैं। इसके अलावा कैनेडा के 170 और अमरीका के 273 नागरिकों को भी राज्य में से निकालने के लिए सुविधा दी गई थी। इसमें आगे ब्रिटिश नागरिक शामिल हैं जिनके लिए ब्रिटिश सरकार अमृतसर /चण्डीगढ़ से देश वापसी की उड़ानों का प्रबंध कर रही है।
इनके अलावा, दक्षिणी कोरिया से 15, मलेशिया से 33, स्पेन से 17, स्विटजऱलैंड से 7, तायवान और मैक्सिको से 4, नीदरलैंड से 9 और सिंगापुर से 57 नागरिकों को सुरक्षित ढंग से वापस अपने देशों को भेजा गया है।
स्टैंडर्ड हैल्थ प्रोटोकोल के अनुसार, सभी विदेशी लोगों की कोविड -19 के लक्षणों की जांच की जानी है। केवल उन लोगों को राज्य छोडऩे की आज्ञा दी जा रही है जिनमें कोविड -19 के लक्षण नहीं पाये जा रहे हैं। लक्षण वाले व्यक्तियों के मामलो में, स्टैंडर्ड हैल्थ प्रोटोकोल के अनुसार, अगामीे इलाज की प्रक्रिया जारी रहेगी।
विदेशी नागरिकों के रहने की जगह से लेकर जहाज़ तक लेकर जाने के लिए स्थानीय परिवहन का प्रबंध सम्बन्धित विदेशी सरकार के स्थानीय दूतावास /कौंसलेट द्वारा किया जाता है, जबकि विदेशी नागरिकों को ले जाने वाले वाहन की आवाजाही के लिए ट्रांजि़ट पास राज्य /केंद्र शासित प्रदेश की सरकार की तरफ से जारी किया जाता है जहाँ विदेशी नागरिक रहते हैं। ऊपर जारी किये अनुसार ट्रांजि़ट पास राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों के अधिकारियों की तरफ से आवाजाही के रूट के साथ मंजूरी करना आवश्यक है।