-मंत्रीमंडल ने जरूरी मैडीकल सामान खरीदने के सभी अधिकार खरीद समिति को दिए
-कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा सेवाएं बंद करने या कोविड-19 के मरीजों के इलाज से इन्कार करने वाले प्राईवेट अस्पतालों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही के हुक्म
-कोविड-19 के मामलों के लिए तैयारियाँ धीरे-धीरे बढ़ाने और संकटकालीन योजना तैयार करने का फैसला
चंडीगढ़, 4 अप्रैल:
पंजाब सरकार ने आज कोविड-19 के विरुद्ध लड़ाई में अगली कतार में होकर लड़ रहे पुलिस मुलाजिमों और सेनिटेशन वर्करों के लिए 50-50 लाख रुपए का विशेष स्वास्थ्य बीमा कवर का ऐलान किया है। यह ऐलान केंद्र सरकार द्वारा स्वास्थ्य कामगारों के लिए किये गए ऐलान की तर्ज पर किया गया है।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में मंत्रीमंडल ने कोविड-19 के मुकाबले के लिए आपातकालीन कदम के तौर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव विनी महाजन के नेतृत्व वाली खरीद समिति को कोविड-19 से निपटने के लिए साजो-सामान से सम्बन्धित सभी खरीदारियों की कीमतें खोजने और तत्काल आधार पर खरीदने के लिए अधिकृत किया है। समिति को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट -2005 के अंतर्गत आपातकालीन शक्तियोंं का प्रयोग करते हुए आम प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए खरीदारी करने के लिए भी अधिकृत किया गया है।
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मंत्रीमंडल ने खरीद समिति को प्रचलित मार्केट कीमतों पर जरूरी और तत्काल मैडीकल वस्तुएँ खरीदने की आज्ञा दे दी है क्योंकि कोविड-19 से निपटने के लिए इन वस्तुओं की माँग बड़े स्तर पर बढ़ी है।
मुख्यमंत्री ने हुक्म दिए कि संकट की इस घड़ी में तत्काल खरीद करने के लिए इसके रास्ते में अफसरशाही के स्तर पर कोई रुकावट आने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए।
कुछ प्राईवेट अस्पतालों द्वारा अपनी सेवाएं बंद करने का गंभीर नोटिस लेते हुए मंत्रीमंडल ने ऐसे अस्पतालों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि स्वास्थ्य विभाग को कोविड-19 से पीडि़त मरीजों का इलाज करने से इन्कार करने वाले अस्पतालों के लाईसेंस रद्द कर देने चाहिएं। इसको बुजदिली वाली कार्यवाही बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नाजुक समय में वह छिप कर नहीं बच सकते।
राज्य में मौजूदा स्थिति का जायजा लेने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा हुई मीटिंग के दौरान मंत्रीमंडल ने फैसला किया कि कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए प्रबंधों में धीरे-धीरे विस्तार किया जाना चाहिए जिससे गेहूँ की कटाई और खरीद, राज्य और देश में बढ़ रहे रुझान के साथ-साथ सामुदायिक फैलाव (स्टेज -3) की आशंकाओं और अज्ञात महामारी के कारण मरीजों की संख्या बढऩे पर निपटा जा सके।
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मंत्रीमंडल ने आगे फैसला किया कि संकटकालीन योजना वैकल्पिक स्थानों, साजो-सामान और अधिकारियों के मुताबिक तैयार की जानी चाहिए जिससे जहाँ कहीं भी मौजूदा प्रबंधों में कोई भी प्रबंध अफसल रह जाता है तो उस समय उभरने वाली स्थिति से तत्काल निपटा जा सके।
मंत्रीमंडल ने यह भी फैसला किया कि दूरस्थ निगरानी रखी जानी चाहिए और इस नाजुक स्थिति में समूहों में जाने से बचा जाये।
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इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने मंत्रालय को बताया कि एक बार जब तेजी के साथ जांच करने वाली किटें और भारत सरकार के अंतिम दिशा-निर्देश आ गए तो राज्य में तेजी से जांच शुरू कर दी जायेगी जिससे पॉजि़टिव मामलों की पहचान की जा सके। सभी प्रभावित स्थानों पर लक्षणों और गैर-लक्षणों के मामलों की तेजी से जांच की जायेगी जबकि गैर-प्रभावित स्थानों पर लक्षणों वाले मामलों की जांच भी इसी तरह ही की जायेगी। विभाग द्वारा प्रभावित स्थानों पर कम्यूनिटी टेस्टिंग शुरू की जा चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग ने आगे बताया कि निजामुद्दीन से लौटे व्यक्तियों के संपर्क में आने वालों का तेजी से पता लगाया जा रहा है और राज्य को हासिल हुई 255 व्यक्तियों की सूची में से 192 व्यक्तियों की जांच करके एकांतवास में रखा गया है। इसके अलावा विदेशों से लौटने वालों के साथ-साथ हैल्थ केयर प्रोफैशनलों, पुलिस जैसी अधिक-जोखिम वाली श्रेणियों का भी पता लगाया जा रहा है।
अब तक अधिक जोखिम वाले 846 कर्मियों समेत 1600 व्यक्तियों के संपर्क का पता लगाया जा चुका है जिनमें से 34 पॉजि़टिव पाए गए हैं। इसी तरह मरीजों के अपने ठिकानों से हस्पताल तक जाने की भौगोलिक मैपिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक लोगों द्वारा संपर्क का पता लगाने की प्रक्रिया में सहयोग किया जा रहा है।
मंत्रीमंडल को यह भी जानकारी दी गई कि स्वास्थ्य कामगारों के लिए पर्याप्त पी.पी.ईज हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने कहा कि प्रत्येक सरकारी हस्पताल में 1000 पी.पी.ईज मुहैया करवाए जा रहे हैं।
इस रोग के और फैलाव को रोकने की तैयारियाँ पर मंत्रीमंडल को बताया गया कि 5000 अलग बैडों की पहचान की जा चुकी है जिनमें से 2500 पहले से चल रहे हैं। होस्टलों समेत इमारतों को अपने कब्जे में लिया जा रहा है और ऐसी सुविधाओं का सृजन करने के लिए इनको आईसोलेटिड घोषित किया जा रहा है और राज्य ने 20000 मामलों के लिए योजना बनाई है।
सप्लाई को और बढ़ाने के लिए पी.पी.ईज किटें और एन-95 मास्क बनाने के लिए 20 उद्योगों की पहचान की गई है और इनमें से पाँच को मंजूरी भी दी जा चुकी है। इसी तरह कम कीमत पर वेंटिलेटर बनाने के लिए और आधे दर्जन उद्योगों की पहचान की गई है।