चंडीगढ़, 10 फरवरी:
पंजाब के सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अरुणा चौधरी ने आज यहाँ बताया कि राज्य सरकार द्वारा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में और अधिक पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए आश्रित बच्चों के लिए वित्तीय सहायता योजना के लाभार्थियों के आधार नंबर उनके बैंक खातों के साथ जोडऩे की प्रक्रिया नोटीफायी की गई है।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि सेवाएं प्रदान करने के लिए पहचान पत्र के तौर पर आधार नंबर का प्रयोग करने से, पहचान के लिए कई दस्तावेज़ों की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और यह सरकारी सेवाओं को प्रदान करने की प्रक्रिया को और सरल बनाएगा। इसके साथ ही यह लाभार्थियों को सरल और सहज ढंग से उनके हक लेने के योग्य बनाएगा।
कैबिनेट मंत्री ने आगे कहा कि जिनके आधार कार्ड अभी नहीं बने या जिस मामले में सम्बन्धित ब्लॉक या तहसील में आधार कार्ड बनाने वाले केंद्र नहीं हैं, तो सामाजिक सुरक्षा और महिला एवं बाल विकास विभाग लाभार्थियों के लिए आधार कार्ड बनवाने की सुविधाएं प्रदान करेगा।
‘‘आश्रित बच्चों के लिए वित्तीय सहायता स्कीम के अंतर्गत 21 साल से कम उम्र के बच्चे जिसके माता /पिता दोनों का निधन हो चुका हो या माता-पिता घर से लापता हों या परिवार की देखभाल के लिए शारीरिक/ मानसिक तौर पर असमर्थ हों, को प्रति महीना 750 रुपए मिल रहे हैं। उन्होंने जि़क्र किया कि राज्य सरकार द्वारा इस स्कीम के अंतर्गत नवंबर 2020 तक 1,56,169 आश्रित बच्चों को 104.12 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत लाभ लेने के इच्छुक बच्चों को तस्दीक के लिए अपना आधार नंबर देना होगा। जिसके पास आधार नंबर नहीं है या अभी तक आधार के लिए अप्लाई नहीं किया, उसको स्कीम के लिए रजिस्टर करने से पहले आधार कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करना होगा, बशर्ते वह आधार (वित्तीय और अन्य सब्सिडियाँ, लाभ और सेवाओं का लक्षित डिलिवरी) एक्ट, 2016 (2016 का 18) की धारा 3 के अनुसार आधार नंबर प्राप्त करने का हकदार हो।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए कहा कि अगर बच्चा पाँच साल की उम्र के बाद (बायोमैट्रिक्स विवरणों समेत) दाखि़ल हुआ है, तो उसके आधार नामांकन पहचान स्लिप, या बायोमैट्रिक अपडेट पहचान स्लिप और वोटर पहचान कार्ड, वोटर सूची, समर्थ अथॉरिटी द्वारा जारी किया गया जन्म सर्टिफिकेट या विभाग द्वारा विशेष तौर पर नियुक्त अधिकारी द्वारा तस्दीक किया गया मैट्रिक का सर्टिफिकेट पेश करना होगा।
श्रीमती चौधरी ने कहा कि आधार प्रामाणिकता फेल होने वाले सभी मामलों जैसे लाभार्थियों के अस्पष्ट बायोमैट्रिक्स के कारण या किसी अन्य कारण, के मामलो में और कदम उठाए जाएंगे जैसे आईरिस स्कैन या बुरी फिंगरप्रिंट के दौरान फेस प्रमाणीकरण की सुविधा अपनाई जाएगी, अगर फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन या फेस प्रमाणीकरण के द्वारा बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण सफल नहीं होता, जहाँ भी आधार के द्वारा वन टाईम के पासवर्ड या सीमित समय के लिए समय आधारित वन-टाईम के पासवर्ड के द्वारा प्रामाणित और जैसा भी मामला हो की पेशकश की जायेगी। अगर बायोमैट्रिक या आधार वन टाईम के पासवर्ड या समय-आधारित वन-टाईम के पासवर्ड का प्रमाणीकरण संभव नहीं है तो फिजिक़ल आधार पत्र के आधार स्कीम के अंतर्गत लाभ दिए जाएंगे। इन सभी मामलों में विभाग द्वारा लोगों को लाभ देने के लिए निर्विघ्न सेवाएं दी जाएंगी।
श्रीमती चौधरी ने विशेष तौर पर हिदायत की कि किसी भी बच्चे को स्कीम के अंतर्गत लाभ देने से इन्कार नहीं किया जायेगा, चाहे बच्चा अपनी प्रामाणिकता आधारित अपनी पहचान न साबित कर सके, या उसके पास आधार नंबर का उपयुक्त सबूत न हो, या जिस बच्चे के पास कोई आधार नंबर नहीं है, रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया हुआ है। बच्चा अन्य दस्तावेज़ों के आधार पर अपनी पहचान की पुष्टि करके स्कीम के अंतर्गत बनते लाभ ले सकेगा। जहाँ लाभ दूसरे दस्तावेज़ों के आधार पर दिया जा रहा है तो इसका पूरा रिकॉर्ड रखने के लिए एक अलग रजिस्टर रखा जायेगा, जिसका समय-समय पर जायज़ा लिया जाएगा और ऑडिट किया जाएगा।
-NAV GILL