पंजाब सरकार द्वारा आबकारी और कर, नगर एवं ग्राम योजना, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभागों के पुनर्गठन को मंज़ूरी

चंडीगढ़, 1 मार्च:
आबकारी और कर, नगर एवं ग्राम योजना, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान और ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभागों के कामकाज में और ज्यादा कार्यकुशलता लाने और अधिक कार्यशील बनाने के लिए पंजाब मंत्रीमंडल ने सोमवार को इन चार विभागों की पुनर्गठन योजना को मंज़ूरी दी।
और ज्यादा राजस्व जुटाने के उद्देश्य से आबकारी और कर विभाग में कैबिनेट ने कराधान कमिश्नरेट में 110 नए पद और आबकारी कमिश्नरेट में 59 नए पदों के सृजन को मंज़ूरी दी।

 

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जि़क्रयोग्य है कि जी.एस.टी. के लागू होने से ये सेवाएं भी विभाग के दायरे में आईं हैं और ऑडिट का नया कामकाज भी विभाग द्वारा देखा जाने वाला है जिसमें जी.एस.टी. रजिस्टर्ड लोगों के रिकार्ड, रिटर्न और अन्य दस्तावेज़ों की जाँच-पड़ताल शामिल है। यह भी यकीनी बनाना कि जी.एस.टी. एक्ट अधीन घोषित टर्नओवर, अदा किया गया कर, रिफंड का दावा, लिया हुआ इनपुट टैक्स क्रेडिट और अन्य अनुपालन के मूल्यांकन सही है। परिणामस्वरूप रजिस्टर्ड डीलरों की संख्या 2.50 लाख से बढक़र 3.55 लाख हुई है जिससे काम का बोझ भी बढ़ा है। इसलिए बढ़े हुए काम को प्रभावशाली तरीके से करने के लिए टैक्सेशन कमिश्नरेट में मज़बूत कर्मचारी आधार स्थापित करने की ज़रूरत है।
इसी तरह आबकारी राजस्व और प्रशासन भी आबकारी और कर विभाग का महत्वपूर्ण हिस्सा था। 1990 -91 में राज्य का आबकारी राजस्व 435.79 करोड़ रुपए था जो 2020 -21 (प्रस्तावित आंकड़ो) में बढ़ कर 5794 करोड़ रुपए हो गया। इसके 2021-22 में 7000 करोड़ होने की संभावना है। हाल ही के सालों में आबाकारी सम्बन्धित गतिविधियों में बेमिसाल विस्तार हुआ है। आबकारी नीति का निर्माण और इसको लागू करना समय के उपभोग और पूरे समय का अभ्यास है।
यह भी गौरतलब है कि आबकारी और कर विभाग 8 अक्तूबर, 2018 में दो कमिशनरेटों (कर कमिशनरेट और आबकारी कमिशनरेट) में विभाजित किया गया था। आबकारी कमिशनरेट वाले तरफ तैनात किया स्टाफ और अधिकारी नाममात्र थे। आबकारी और कर विभाग को आबकारी कमिशनरेट और कर कमिशनरेट में विभाजित करने के बाद अधिकारियों की भूमिका और जिम्मेदारियों में विस्तार हो गया। और ज्यादा राजस्व एकत्र करने के लिए और ज्यादा कोशिशों और समर्पण भावना की जरूरत थी।
मंत्रीमंडल ने नगर और ग्राम योजना डायरैक्टोरेट के पुनर्गठन को भी मंजूरी दे दी। अब डायरैक्टर नगर और ग्राम योजना का अलग पद होगा जो योजना के साथ राज्य में लायसैंसिंग, रेगुलेटरी और एनफोर्समेंट के कामकाज का भी प्रमुख होगा जो पहले मुख्य प्रशासक के अधीन आता था। इसी तरह डायरैक्टर नगर और ग्राम योजना की बनावट में 2 ग्राम और नगर योजनाकार (सी.टी.पीज़), 13 सीनियर नगर योजनाकार (एस.टी.पीज़), 37 डिप्टी नगर योजनाकार (डी.टी.पीज), 84 सहायक नगर योजनाकार (ए.टी.पीज) योजना, लायसैंसिंग, रेगुलेटरी और एनफोर्समेंट के काम के लिए होंगे। सभी जिलों में जिला स्तरीय अधिकारी होंगे। कैबिनेट ने नये सृजित और खाली पद भरने के अलावा 101 गैर जरूरी पदों की जगह पर विभाग में 175 नये और और ज्यादा तर्कसंगत पदों की भी मंजूरी दे दी जिससे नौजवानों को नौकरी मिलेगी।
सरकारी मैडीकल कालेज पटियाला और अमृतसर और इनसे जुड़े अस्पतालों और सरकारी नरसिंग कालेजों के इलावा सरकारी डैंटल कालेज पटियाला और अमृतसर और सरकारी आयुर्वैदिक कालेज/अस्पताल/फार्मेसी, पटियाला में अलग -अलग वर्गों की भर्ती के लिए 1154 नयी पदों की सृजन की गई जबकि पुनर्गठन के अंतर्गत 606 पद खत्म कर दिये। जिक्रयोग्य है कि अनुसंधान और मैडीकल शिक्षा डायरैक्टोरेट, पंजाब की स्थापना 1973 में हुई थी। बदलते समय के साथ विभाग की तरफ से पुनर्गठन का काम शुरू किया गया जो मौजूदा समय की जरूरतों को दर्शाता है।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग के कामकाज को और कार्यशील की कोशिश के तौर पर मंत्रीमंडल ने इसके पुनर्गठन और खाली पद भरने के लिए भर्ती की योजना को मंजूरी दे दी। यह कदम सरकारी नीतियों और योजनाओं को और सुचारू और प्रभावशाली तरीकेे से लागू करने के लिए सहायक सिद्ध होगा।
-NAV GILL

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