पंजाब सरकार एक लाख कृषि मोटरों को सौर ऊर्जा पर चलाएगी: अमन अरोड़ा

सालाना तकरीबन 200 करोड़ रुपए की होगी बचत
 
चंडीगढ़ : कृषि क्षेत्र में प्राकृतिक ऊर्जा के इष्टतम प्रयोग को सुनिश्चित बनाने की ओर एक बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के बिजली पर चलने वाले एक लाख कृषि ट्यूबवैलों को सौर ऊर्जा पर चलाने का फ़ैसला किया है। यह जानकारी साझा करते हुए नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि इस प्रोजैक्ट से बिजली सब्सिडी पर आने वाले सालाना 200 करोड़ रुपए के ख़र्च की बचत होगी।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र बेमिसाल तरीके से विकास कर रहा है और यह क्रांतिकारी कदम किफ़ायती और प्रदूषण-रहित ऊर्जा के प्रयोग को सुनिश्चित बनाने का रास्ता साफ करेगा। उन्होंने बताया कि इस प्रोजैक्ट के लागू होने से पंजाब को चार बड़े लाभ होंगे, जिनमें सरकारी खजाने पर सब्सिडी का बोझ घटाना, बिजली की माँग को घटाना, कृषि पर आने वाली लागत को घटाने के साथ-साथ पर्यावरण को बचाने के लिए पारंपरिक बिजली की जगह सौर ऊर्जा का प्रयोग करना शामिल है।
अमन अरोड़ा ने बताया कि पेडा द्वारा फीडर स्तर पर 25 हज़ार ग्रिड कनैक्टिड कृषि मोटरों को सौर ऊर्जा पर चलाने के लिए सोलर पावर जैनरेटर्स (एस.पी.जीज़.) का चयन करने की प्रक्रिया जारी है। जि़क्रयोग्य है कि पंजाब सरकार राज्य के 13.88 लाख किसानों को कृषि मोटरों के लिए मुफ़्त बिजली प्रदान करती है और किसानों को दी जाने वाली मुफ़्त बिजली की सब्सिडी के एवज़ में पी.एस.पी.सी.एल. को सालाना तकरीबन 7000 करोड़ रुपए की अदायगी की जाती है।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि स. भगवंत मान की सरकार के ठोस प्रयासों के स्वरूप नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा (एम.एन.आर.ई.) मंत्रालय को एक लाख कृषि मोटरों को सौर ऊर्जा पर चलाने के भेजे गए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है, जिसके बाद में राज्य की एक लाख कृषि मोटरों को सौर ऊर्जा पर चलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
श्री अमन अरोड़ा ने बताया कि इस समय खेती के लिए निर्धारित बिजली दर 5.66 रुपए प्रति यूनिट है और इन 1 लाख बिजली मोटरों को सौर ऊर्जा पर चलाए जाने के बाद यह दर प्रति यूनिट बहुत हद तक कम हो जायेगी, जिससे सरकार को सालाना 200 करोड़ रुपए सब्सिडी की बचत होगी।
पेडा के मुख्य कार्यकारी श्री सुमित जारंगल ने बताया कि कृषि मोटरों को सौर ऊर्जा पर करने के लिए सोलर पावर प्लांट स्थापित करने हेतु केंद्र सरकार प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ रुपए की सब्सिडी मुहैया करवाएगी और इस स्कीम को प्राईवेट निवेश के द्वारा आर.ई.एस.सी.ओ. मोड के अधीन लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक लाख पंपों के सोलराईज़ेशन के लिए लगभग 1030 करोड़ रुपए की लागत से 215 मेगावाट की क्षमता वाले सोलर पावर प्लांट स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से 804 करोड़ रुपए प्राईवेट निवेशकों से प्राप्त किए जाएंगे और 226 करोड़ रुपए केंद्र सरकार सब्सिडी के तौर पर अदा करेगी।

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