चंडीगढ़, 17 मार्च:
कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य में नदियों के पानी की सफ़ाई के लिए एक व्यापक मुहिम शुरू की है। ‘वातावरण बचाओ’ मुहिम के अंतर्गत नदियों में पानी के प्रदूषण को घटाने के लिए 2,140 करोड़ रुपए की लागत के साथ अलग-अलग कार्य शुरू किए गए हैं।
स्थानीय निकाय विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों में सिवरेज डालना और सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एस.टी.पी.) स्थापित करना शामिल है।
इसके अलावा नदियों के साथ लगते 13 शहरों के नालों में सफ़ाई का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा, जो छह महीनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा। यह कार्य मुख्य तौर पर उन शहरों में किया जाएगा जहाँ इस समय पर सिवरेज प्रणाली मौजूद नहीं है।
एक अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसले में राज्य सरकार ने पवित्र नगरी अमृतसर को डीज़ल से चलने वाले ऑटोज़ से मुक्त करके इनको इलैक्ट्रिक बैटरी से चलने वाले ऑटो रिक्शों से बदलने का फ़ैसला किया है, जिससे इससे होने वाले वायु और ध्वनि प्रदूषण पर नकेल कसी जा सके।
यह फ़ैसले आज यहाँ मुख्य सचिव श्रीमती विनी महाजन की अध्यक्षता अधीन हुई उच्च स्तरीय मीटिंग में लिए गए, जिसके दौरान राज्य में प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए चल रहे कार्यों का जायज़ा भी लिया गया।
स्थानीय निकाय विभाग ने मुख्य सचिव को अवगत करवाया कि नदियों के साथ लगते शहरों में 38 एसटीपीज़ स्थापित करने का काम जल्द ही अलॉट कर दिया जाएगा।
उद्योगों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 15 एम.एल.डी. सामथ्र्य का एक सी.ई.टी.पी. पहले ही स्थापित हो चुका है एवं 40 और 50 एम.एल.डी. सामथ्र्य वाले दो सी.ई.टी.पीज़ जून तक स्थापित किए जाएंगे। इससे सतलुज नदी में प्रदूषण को घटाने में सहायता मिलेगी।
गाँवों के छप्पड़ों का कायाकल्प करने की एक और पहलकदमी के अंतर्गत ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग ने जानकारी दी कि 223 छप्पड़ों का कायाकल्प का काम पहले ही पूरा कर लिया है, जबकि सीचेवाल/ हरीपुर मॉडल की तजऱ् पर 1062 छप्पड़ का कायाकल्प का काम चल रहा है, जो तीन महीनों में मुकम्मल कर लिया जाएगा।
डीज़ल से चलने वाले पुराने ऑटो रिक्शों को इलैक्ट्रिक बैटरी से चलने वाले ऑटो रिक्शोंं से बदलने की योजना के अंतर्गत राज्य सरकार ने इस स्कीम की शुरुआत के लिए पवित्र नगरी अमृतसर को चुना है।
प्रस्तावित योजना के अनुसार अमृतसर में 7,500 डीज़ल वाले ऑटोज़ को ई-आटो रिक्शों से बदला जाएगा, जिसके लिए हरेक ऑटो मालिक को अपने डीज़ल वाले वाहन को इलैक्ट्रिक ऑटो रिक्शा से बदलने के लिए 75,000 रुपए की सब्सिडी दी जाएगी।
ई-ऑटो रिक्शा के आने से वायु और ध्वनि प्रदूषण घटने के साथ-साथ 66 प्रतिशत तक ऑटो के चलने का ख़र्च भी घटेगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि इस मॉडल को राज्य के दूसरे बड़े शहरों में भी अपनाया जाना चाहिए।
मीटिंग में यह भी बताया गया कि फीकल स्लज एंड सेप्टेज मैनेजमेंट पॉलिसी और ई-वेस्ट मैनेजमेंट पॉलिसी नाम की दो महत्वपूर्ण नीतियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और अगले तीन महीनों में लागू की जाएंगी।
मुख्य सचिव ने सभी विभागों को वातावरण की बड़ी समस्याएँ विशेष तौर पर नदियों के पानी और वायु प्रदूषण की रोकथाम और अवशेष प्रबंधन के लिए ज़रूरी कदम उठाने की हिदायत की।
इस मौके पर अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव स्थानीय निकाय अजोए सिन्हा, अतिरिक्त मुख्य सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायतें सीमा जैन, प्रमुख सचिव परिवहन के. सिवा प्रसाद, सचिव वातावरण राहुल तिवाड़ी, पी.पी.सी.बी. के चेयरमैन एस.एस. मरवाहा और वातावरण के डायरैक्टर सौरभ गुप्ता मौजूद थे।
-NAV GILL