चंडीगढ़, 18 जनवरी:
सडक़ सुरक्षा की महत्ता को समझते हुए इस बार सडक़ सुरक्षा जागरूकता मुहिम एक सप्ताह की जगह एक महीना चलेगी। यहाँ पंजाब भवन में एक उच्च स्तरीय मीटिंग की अध्यक्षता करते हुए और सडक़ सुरक्षा जागरूकता मुहिम का आग़ाज़ करते हुए ट्रांसपोर्ट मंत्री रजि़या सुलताना ने सडक़ों को और ज्यादा सुरक्षित बनाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने दो पहिया वाहन चालकों को हैल्मेट पहनने, वाहनों को गति सीमा में चलाने और सडक़ीय नियमों का पालन करने के लिए लोगों को जागरूक करने पर भी ज़ोर दिया।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि पंजाब में सडक़ हादसों में होने वाली मौतों की दर राष्ट्रीय दर की अपेक्षा तरकीबन दोगुनी है। उन्होंने अपील की कि कानून को सख्ती के साथ लागू करने की अपेक्षा वाहन चालकों को ख़ुद सडक़ीय नियमों का पालन करना चाहिए क्योंकि ये लोगों की जि़ंदगी के साथ जुड़ा मसला है। उन्होंने कहा कि सडक़ों पर घूमते आवारा पशूओं को गौशालाओं तक पहुँचाने के लिए जि़ला प्रशासनों को समाज सेवीं संस्थाओं की मदद लेनी चाहिए। इससे सडक़ीय हादसों में भी कमी आयेगी और सडक़ों पर घूमते आवारा पशु भी सुरक्षित होंगे।
ट्रांसपोर्ट मंत्री ने सडक़ सुरक्षा जागरूकता को एक लोक लहर बनाने के लिए सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देश भी जारी किये। उन्होंने पुलिस विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पी.डब्ल्यू.डी, पंजाब मंडी बोर्ड, उच्च शिक्षा विभाग, स्कूली शिक्षा विभाग, एसडीएम्ज़ और आरटीएज़ आदि को 17 फरवरी तक चलने वाली सडक़ सुरक्षा जागरूकता मुहिम के दौरान किये जाने वाले प्रमुख कार्यों से भी अवगत करवाया। इनमें ड्राईवरों के हैल्थ चैकअप कैंप लगाने, ड्राईवर टैस्ट ट्रैकों की चैकिंग, लोगों को सडक़ नियमों से अवगत करवाने के लिए जागरूकता कैंप, स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए सेमीनार या लैक्चर, ट्रैफिक़ और सडक़ीय लाइटों की जांच आदि प्रमुख गतिविधियां हैं।
इस मौके पर ट्रांसपोर्ट विभाग के अधिकारियों ने ट्रांसपोर्ट मंत्री को बताया कि सडक़ सुरक्षा उपायों को सही ढंग से लागू करने के लिए पुलिस और ट्रांसपोर्ट विभाग की तरफ से एकत्रित की गई 50 प्रतिशत कम्पाऊडिंग फीस /जुर्मानों को बदल कर एक ग़ैर मियादी (नॉन-लैप्सएबल) रोड सेफ्टी फंड बनाया गया है। इस समय राज्य में सडक़ सुरक्षा उपकरणों की खरीद और विभिन्न सडक़ सुरक्षा उपाय करने के लिए 40.52 करोड़ रुपए का नॉन-लैप्सएबल रोड सुरक्षा फंड है।
इस नॉन-लैप्सएबल रोड सेफ्टी फंड में से मुहैया करवाए गए फंडों से विभिन्न सडक़ सुरक्षा उपकरणों जैसे कि ब्रैथ ऐनालाईजर, बैरीकेड्स, लेज़र स्पीड गन, सीसीटीवी कैमरे, कार बॉडी कटर आदि खरीदने का फ़ैसला लिया गया है। इन उपकरणों को इन्फोर्समैंट एजेंसियों को सप्लाई किया जायेगा।
इसके अलावा सडक़ सुरक्षा के मुद्दों को तेज़ ढंग से सुलझाने के लिए ट्रैफिक़ पुलिस के साथ प्रभावशाली तालमेल बनाने के उद्देश्य से चीफ़ इंजीनियर सडक़ एवं पुलि विकास बोर्ड (पी.आर.बी.डी.बी) को मुख्य इंजीनियर सडक़ सुरक्षा नियुक्त किया गया है। पी.आर.बी.डी.बी. कई सडक़ों की सुरक्षा के कार्य भी करेगी जैसे कि ब्लैक स्पॉट और अन्य कमज़ोर सडक़ हिस्सों को सुधारने, पुलों की मुरम्मत करना, वॉटर कोर्सों और पहाड़ी सडक़ों पर पुल बनाना आदि प्रमुख हैं।
ट्रांसपोर्ट मंत्री को बताया गया कि अब तक राष्ट्रीय राज मार्गों और राज मार्गों पर 391 ब्लैक स्पॉटों की पहचान की गई है, जिनमें से 32 ब्लैक स्पॉटों की जांच मुख्य इंजीनियर, पी.आर.बी.डी.बी. द्वारा की गई है और उनके सुधार के लिए फंड सडक़ सुरक्षा फंड में से जारी किये जा रहे हैं।
काबिलेगौर है कि एक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा राज्य की सभी सडक़ों का तीसरे पक्ष के द्वारा सडक़ सुरक्षा ऑडिट करवाने और सभी बड़े सडक़ हादसों की क्रैश जांच जैसे कि गलत सडक़ स्थिति, लागू करने के उपायों की कमी, दोषपूर्ण वाहन या चालकों में नुक्स आदि का भी प्रस्ताव है।
इस मौके पर प्रमुख सचिव ट्रांसपोर्ट के. सिवा प्रसाद, डीजी (लीड एजेंसी) वैंकटरतनम, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव हुस्न लाल, ट्रैफिक़ सलाहकार नवदीप असीजा, ट्रांसपोर्ट विभाग और सम्बन्धित विभागों के उच्च अधिकारी उपस्थित थे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा जिलों के डिप्टी कमिश्नर, पुलिस कमिश्नर, एस.एस.पीज़, आरटीएज़ आदि ने शिरकत की।
-NAV GILL