पंजाब पुलिस ने बीते 14 सितम्बर को मकसूदां पुलिस थाने में हुए बम धमाके के केस को सुलझाते हुऐ कश्मीर के एक आतंकवादी गिरोह अनसर गज़ावत – उल -हिंद (एजीएच) के साथ सम्बन्धित कालेज के दो विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया है। उक्त आतंकवादी गिरोह जैश -ए -मुहम्मद(जेईएम) के साथ भी सम्बन्धित बताया जाता है।
इस आतंकवादी संगठन का मुखिया जाकिर राशिद उर्फ जाकिर मूसा है जो कि उक्त हमले का सरगना और धमाके में शामिल एसटी सोलजर कालेज, जालंधर के दो विद्यार्थियों, शाहिद कयूम (22) और फाजि़ल बशीर (23) को प्रशिक्षण देने वाला बताया जाता है। राज्य में एजीएच के साथ सम्बन्धित कश्मीरी विद्यार्थियों की गिरफ्तारी का यह दूसरा मामला है। इससे पहले सी.टी.इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियररिंग मैनेजमेंट एंड टेक्रोलॉजि, जालंधर से 3 कश्मीरी विद्यार्थियों को गिरफ्तार किया था।
इस सम्बन्धी जानकारी देते हुए डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने बताया कि उक्त हैंड ग्रेनेड धमाके में शाहिद, फाजि़ल, मीर रायूफ अहमद उर्फ रोफ़ और मीर उमर रमज़ान उर्फ गाजी शामिल थे जिनमें से शाहिद और फाजि़ल बी-टैक (सिविल) 7वें समेस्टर के विद्यार्थी हैं जबकि बाकी के दो जो अभी फऱार हैं, एजीएच के प्रशिक्षित आतंकवादी हैं जोकि 13 सितम्बर को सिफऱ् इस हमले को अंजाम देने के उद्देश्य से श्रीनगर से चण्डीगढ़ पहुँचे थे।
जांच से यह बात सामने आई है कि जब गिरफ़्तार किये यह दोनों विद्यार्थी कश्मीर में थे तो कश्मीर में स्थित दादा सारा त्राल के रहने वाले, एजीएच के प्रमुख आमिर ने इनके ज़हन में कट्टड़वाद का ज़हर घोला और इनको एजीएच के लिए काम करने के लिए प्रेरित किया। शाहिद और फजि़ल अलग अलग चैट एप्लीकेशनों की मदद से एजीएच के नेताओं और सदस्यों के संपर्क में थे।
अधिक जानकारी देते हुए डीजीपी ने बताया कि चण्डीगढ़ पहुँचने के बाद रोफ़ और गाजी जालंधर के लिए बस पर रवाना हो गए थे और पुलिस थाना मकसूदां के नज़दीक पड़ते मकसूदां चौक में शाहिद और फाजि़ल को मिले और फिर चारों ने मिलकर 13 सितम्बर को पुलिस थाने मकसूदां का माहौल देखने के लिए चक्कर लगाया। डीजीपी के मुताबिक पहले इन आतंकवादियों की तरफ से सिआरपीएफ और बिधीपुर रेलवे फाटक के नज़दीक आईटीबीपी के कैंपों पर ग्रेनेड फेंकने का मंसूबा बनाया गया था और सिआरपीएफ के कैंपों की तरफ चक्कर भी मारे गए थे। माहौल के जायज़े के लिए चक्कर लगाने के लिए शाहिद ने अपने एक दोस्त से हिमाचल नंबर वाला एक काला पलसर मोटरसाइकल भी लिया था।
14 सितम्बर को शाम 4:30 बजे साजिश कर्ताओं ने ग्रेनेड लिए और शाम 5:30 के करीब पुलिस थाने के लिए रवाना हुए। पहचाने जाने के अंदेशे से उन्होंने मुँह पर नकाब पहने हुए थे और बम फेंकने के बाद बस स्टैंड पर मिलने का फ़ैसला किया था। शाम 7:40 के करीब उक्त आतंकवादियों ने पुलिस थाने पर 4 ग्रेनेड फेंके और मौके से फऱार हो गए। रोफ़, गाजी और फजि़ल डीएवी कालेज वाले रूट से जबकि शाहिद जालंधर बाईपास वाले रूट के द्वारा वहाँ पहुँचा और रोफ़ और गाजी जम्मू और कश्मीर की बस लेकर जालंधर से फऱार होने में कामयाब हो गए।
डीजीपी ने बताया कि पारंगत बशीर को अवंतीपोरा, कश्मीर से 3 नवंबर को और शाहिद को जालंधर से 4 नवंबर को गिरफ्तार किया गया और दोनों पर आइपीसी की धारा 307, 427, 120-बी और एक्सप्लोसिव एक्ट की धारा 3, 4, 5 के अंतर्गत डिवीजऩ नंबर 1, जालंधर कमिशनरेट के थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
उन्होंने कहा कि पंजाब और कश्मीर में ऐसे आतंकवादी संगठनों / सक्रिय व्यक्तियों को बेनकाब करने और फऱार आतंकवादियों को पकडऩे के लिए पंजाब और जम्मू कश्मीर की पुलिस की तरफ से साझे तौर पर जांच की जा रही है। पुलिस थाने और पुलिस अफसरों को निशाना बनाने वाली ऐसी घटनाओं पर चिंता ज़ाहिर करते हुए श्री अरोड़ा ने कहा कि हमारे विद्यार्थी वर्ग ऐसे देश विरोधी ताकतों और बुरे इरादे वाले लोगों के घिनौने मंसूबों का शिकार न बनें जो देश की भाईचारक सांझ और शांति को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।