गिरफ्तार किये दोषी की पहचान गगनदीप सिंह उर्फ पड्डा उर्फ गगन बराड़, उर्फ लाभ सिंह लभ्भू, उर्फ गोगी पुत्र गुरमीत सिंह निवासी पंजगराई कलां, कोटकपूरा, फरीदकोट के तौर पर हुई है।
डी.जी.पी. पंजाब दिनकर गुप्ता ने अपने प्रैस बयान के द्वारा कहा कि गोल्डी बराड़ ने गैंगस्टर बिशनोयी की मदद से उसके भाई(कज़न) गुरलाल बराड़ के कत्ल का बदला लेने के लिए इस अपराध को अंजाम दिया था।
कत्ल से कुछ घंटों बाद गैंगस्टर लारेंस बिशनोयी, जो इस समय राजस्थान की अजमेर जेल में बंद है, के फेसबुक पेज़ पर एक पोस्ट डाली जिसके आधार पर इस अपराध को बिशनोयी के सहायक गुरलाल बराड़ की मौत के साथ जोड़ा जा रहा है।
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21 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने इस कत्ल में शामिल 3 व्यक्तियों गुरविन्दर पाल उर्फ गोरा, सुखविन्दर ढिल्लों और सौरभ वर्मा को गिरफ्तार किया था और अगले ही दिन पंजाब पुलिस ने उनको हथियार मुहैया कराने के मामले में घणीया वाला गाँव के रहने वाले गुरपिन्दर सिंह को गिरफ्तार किया था।
जांच में पता लगा कि गुरविन्दर पाल उर्फ गोरा खरड़ में गगन बराड़ के साथ किराये के एक सांझे फ्लैट में रहता था और खरड़ में गगन बराड़ के इस मकान में ही साजिश रची गई थी। गोल्डी बराड़ का करीबी साथी होने के कारण गगन दिल्ली स्पैशल सैल और फरीदकोट पुलिस इस कत्ल मामले में अपेक्षित था।
दिल्ली पुलिस ने उसके खरड़ की किराये वाली रिहायश पर भी छापा मारा परन्तु गगन ने अपने सभी संचार चैनलों को ठप्प कर दिया था और छापेमारी से पहले ही वह पुिलस को चकमा देकर फरार हो गया क्योंकि उसको दिल्ली पुलिस की तरफ से उनकी गिरफ्तारी की भिनक लग गई थी।
डीजीपी गुप्ता ने बताया कि विशेष सूचनाओं के आधार पर पंजाब पुलिस की संगठित क्राइम कंट्रोल यूनिट (ओ.सी.सी.यू) और काउन्टर इंटेलिजेंस यूनिटों की टीमों को अतिरिक्त डी.जी.पी. (ए.डी.जी.पी.) अंदुरूनी सुरक्षा आर.एन. ढोके की निगरानी अधीन मुलजिम को गिरफ्तार करने का काम सौंपा गया। इन टीमों ने हिमाचल प्रदेश के कासोल में मुलजिम के टिकानों का पता लगाया और हिमाचल पुलिस के साथ सांझे आप्रेशन के दौरान गैंगस्टर गगन बराड़ को काबू किया।
अपनी प्राथमिक पूछताछ के दौरान गगन बराड़ ने खुलासा किया कि वह चण्डीगढ़ के नाइट क्लबों में बाऊंसर के तौर पर काम कर रहा था और पिछले 4-5सालों से गोरा और गुरलाल बराड़ का दोस्त था। उसे गुरलाल बराड़ के हवाले से बाऊंसर की नौकरी मिली थी।
डीजीपी ने आगे बताया कि गोरे ने उसको गोलडी बराड़ के साथ मिलाया था। इसके अलावा दो व्यक्तियों राजन पांडे उर्फ विशाल और छोटू जो कि हरियाणा के रहने वाले लगते हैं, करीब 20 दिन उनके कमरे में रहे और कत्ल से दो दिन पहले ही गोरे का कमरा छोड़ कर चले गए।
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गोल्डी बराड़ के निर्देशों और कत्ल से एक दिन पहले गगन ने खरड़ के फर्स्ट बाईट पीजा के नजदीक एक अनजाने व्यक्ति को एक हथियारों और गोली-बारूद के साथ भरा थैला पकड़ाया था। यह थैला गोरा लाया था और अपने कमरे की अलमारी में रखा हुआ था।
जब दिल्ली पुलिस ने उसके किराये के मकान पर छापा मारा तो उसने अगले दो दिनों के लिए खरड़ में एक दोस्त के फलैट में पनाह ली और फिर हरिमंदिर साहिब अमृतसर चला गया। वहाँ से वह मकलौड गंज चला गया और फिर हिमाचल प्रदेश के कासोल पहुँच गया।
फरार होने पर गगन बराड़ कई ओटीटी ऐपस सहित गोल्डी बराड़ के संपर्क में रहा और गोल्डी बराड़ ने उसे गुजारे के लिए गुग्गल पे के द्वारा पैसे भेजे।
दोषी पर मुकदमा नंबर 44 तारीख 18/2/2021 को आइपीसी की धारा 302, 120 -बी, 34 और हथियार एक्ट की धारा 25 के अधीन थाना सिटी फरीदकोट में मामला दर्ज करके गिरफ्तार किया गया है। पुलिस टीम ने उसको मैजिस्ट्रेट के सामने पेश किया और आगे जांच के लिए उसको पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।