महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट का कैडेट रहा है पठानकोट का राघव
चंडीगढ़:फ्लायंग अफ़सर राघव अरोड़ा, जो महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट (एएफपीआई), मोहाली के कैडेट रहे हैं, को एयर फोर्स अकैडमी, डुंडीगल, हैदराबाद में हुयी कम्बाईनड ग्रेजुएशन परेड (सीजीपी) में प्रतिष्ठित ’स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ पुरुस्कार और ’बेस्ट इन फ्लायंग’ ट्रॉफी के साथ सम्मानित किया गया।
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पठानकोट के रहने वाले राघव ने 2018 में नेशनल डिफेंस अकैडमी में जाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट के 6वें कोर्स में ग्रेजुएशन की। उनके माता-पिता डाक्टर हैं और मौजूदा समय एक फार्मास्यूटीकल कारोबार चला रहे हैं। एनडीए की समुद्री टीम का हिस्सा होने के साथ-साथ उन्होंने वॉलीबाल और स्क्वैश में शानदार प्रदर्शन किया और वह अपने फुरसत में समय में स्केचिंग और ऑईल पेंटिंग भी करते हैं।
पठानकोट के रहने वाले राघव ने 2018 में नेशनल डिफेंस अकैडमी में जाने के लिए महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट के 6वें कोर्स में ग्रेजुएशन की। उनके माता-पिता डाक्टर हैं और मौजूदा समय एक फार्मास्यूटीकल कारोबार चला रहे हैं। एनडीए की समुद्री टीम का हिस्सा होने के साथ-साथ उन्होंने वॉलीबाल और स्क्वैश में शानदार प्रदर्शन किया और वह अपने फुरसत में समय में स्केचिंग और ऑईल पेंटिंग भी करते हैं।
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उनको फाइटर स्ट्रीम अलाट किया गया है और अब वह हॉक-एमके-132 एयरक्राफ्ट पर अपनी फैज-III फ्लायंग प्रशिक्षण लेने के लिए एयर फोर्स स्टेशन, बीदर जाएँगे।पंजाब के लोगों और महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट को पंजाब के इस सपूत पर मान है और वह उसके सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं।
उनको फाइटर स्ट्रीम अलाट किया गया है और अब वह हॉक-एमके-132 एयरक्राफ्ट पर अपनी फैज-III फ्लायंग प्रशिक्षण लेने के लिए एयर फोर्स स्टेशन, बीदर जाएँगे।पंजाब के लोगों और महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट को पंजाब के इस सपूत पर मान है और वह उसके सुनहरे भविष्य की कामना करते हैं।
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देश की सेवा करने का मौका देने के लिए परमात्मा का धन्यवाद करते हुये राघव अरोड़ा ने कहा, “ जब हम इस प्रतिष्ठित महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट में शामिल हुए थे, तो हमें इसके बारे बहुत कम जानकारी थी कि आगे क्या होगा।“इस नव-नियुक्त अधिकारी ने कहा की महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट में बिताए दो सालों ने मेरी समूची जिंदगी बदल दी और हम लड़कों से पुरुष और देश की रक्षा के लिए जवान बन गए।
देश की सेवा करने का मौका देने के लिए परमात्मा का धन्यवाद करते हुये राघव अरोड़ा ने कहा, “ जब हम इस प्रतिष्ठित महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट में शामिल हुए थे, तो हमें इसके बारे बहुत कम जानकारी थी कि आगे क्या होगा।“इस नव-नियुक्त अधिकारी ने कहा की महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट में बिताए दो सालों ने मेरी समूची जिंदगी बदल दी और हम लड़कों से पुरुष और देश की रक्षा के लिए जवान बन गए।
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राघव ने अपना तजुर्बा सांझा करते हुये कहा कि हमें महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट में पी. टी., खेल, विचार-चर्चा और ड्रिल समेत अनेकों हुनर का प्रशिक्षण दिया गया। चाहे पी.टी. इंस्ट्रक्टर ने हमारे दिन थकावट भरपूर बना दिए थे परन्तु वह बहुत प्रेरणादायक थे। उन्होंने आगे कहा की सीनियरज़ ने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया और आगे बढ़ने के लिए कीमती सुझाव दिए।
राघव ने अपना तजुर्बा सांझा करते हुये कहा कि हमें महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट में पी. टी., खेल, विचार-चर्चा और ड्रिल समेत अनेकों हुनर का प्रशिक्षण दिया गया। चाहे पी.टी. इंस्ट्रक्टर ने हमारे दिन थकावट भरपूर बना दिए थे परन्तु वह बहुत प्रेरणादायक थे। उन्होंने आगे कहा की सीनियरज़ ने हमेशा हमारा मार्गदर्शन किया और आगे बढ़ने के लिए कीमती सुझाव दिए।
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उन्होंने कहा की स्क्वाड्रन कमांडरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जिससे हमें यह समझ आई कि एक अधिकारी खास तौर पर बुद्धिमान मनुष्य होने का क्या अर्थ है।राघव अरोड़ा ने कहा कि हमारे डायरैक्टर ने हमें आसान और गलत रास्ता का चुनाव करने की बजाय हमेशा सही चाहे कठिन ही हो, का चुनाव करना सीखाया और अनुशासनात्मक जिंदगी के असली मायने सिखाए।
उन्होंने कहा की स्क्वाड्रन कमांडरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी, जिससे हमें यह समझ आई कि एक अधिकारी खास तौर पर बुद्धिमान मनुष्य होने का क्या अर्थ है।राघव अरोड़ा ने कहा कि हमारे डायरैक्टर ने हमें आसान और गलत रास्ता का चुनाव करने की बजाय हमेशा सही चाहे कठिन ही हो, का चुनाव करना सीखाया और अनुशासनात्मक जिंदगी के असली मायने सिखाए।
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महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट ( 6वें कोर्स) के एक और पूर्व विद्यार्थी शुभदीप सिंह औलख को भी भारतीय हवाई सेना की फ्लायंग ब्रांच में नियुक्त किया गया है और उनको फायटर स्ट्रीम मिला है। महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट से पास होने के उपरांत, शुभदीप सिंह औलख ने 140वें एनडीए कोर्स में दाखिला लिया और बाद में एयर फोर्स अकैडमी, हैदराबाद में 140वें पीसी में दाखिला ले लिया। उसने 18 जून, 2022 को कोर्स पास किया। पास होने पर शुभदीप औलख ने कई पुरुस्कार और ट्राफियां हासिल की। उन्होंने एयर फोर्स अकैडमी में फ्लाइंग और ग्राउंड सब्जैकटस में ओवरआल पहला स्थान हासिल किया और अपने फ्लायंग कोर्स के सबसे होनहार कैडेट की ट्रॉफी हासिल की। इसके साथ ही, वह अपने कोर्स की योग्यता के समूचे क्रम में दूसरे स्थान पर रहे।
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ज़िक्रयोग्य है कि शुभदीप के पिता ने भी भारतीय हवाई सेना में सेवा निभायी है, जो विंग कमांडर के पद से सेवामुक्त हुए हैं। महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट को अपने कैडेट की प्राप्तियों पर गर्व है और भारतीय हवाई सेना के लड़ाकू पायलट के तौर पर उसके सफलतापूर्वक और सुनहरी कॅरियर की कामना करता है।
ज़िक्रयोग्य है कि शुभदीप के पिता ने भी भारतीय हवाई सेना में सेवा निभायी है, जो विंग कमांडर के पद से सेवामुक्त हुए हैं। महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोरसिज़ प्रैपरेटरी इंस्टीट्यूट को अपने कैडेट की प्राप्तियों पर गर्व है और भारतीय हवाई सेना के लड़ाकू पायलट के तौर पर उसके सफलतापूर्वक और सुनहरी कॅरियर की कामना करता है।