-मुख्यमंत्री ने नशे की आदियों से निपटने के लिए मानवी पहुँच अपनाने के दिशा-निर्देश दोहराए
चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा नशे के आदियों और उनके परिवारों को की गई निजी अपील के बाद राज्य सरकार द्वारा अपनाई गई संगठित बहुउद्देशीय नीति के कारण जून और जुलाई के बीच पंजाब के नशा मुक्ति केन्द्रों में इलाज के लिए आने वाले मरीजों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है ।
यह प्रगटावा आज यहां एक सरकारी प्रवक्ता ने किया । उसने बताया कि राज्य में से नशे का सफाया करने के लिए सरकार की कोशिशों में लोगों को शामिल होने की मुख्यमंत्री द्वारा की गई अपील को बहुत बढिय़ा और प्रभावी समर्थन मिला है जिसका सबूत नशा मुक्ति केन्द्रों में आने वाले मरीजों से मिलता है ।
इन केन्द्रों में आने वाले मरीजों की संख्या में हुई कई गुणा वृद्धि की जानकारी देते हुए प्रवक्ता ने बताया कि जून में नशा मुक्ति केन्द्रों में नये ऑउटडोर मरीजों की रजिस्ट्रेशन औसतन 70 थी जो जुलाई में रोज़मर्रा की 408 पहुँच गई है । शनिचरवार को नशा मुक्ति केन्द्रों में ऑउटडोर नये मरीजों की रजिस्ट्रेशन 681 हुई ।
इसी तरह नशा मुक्ति केन्द्रों में रोज़मर्रा की तरह आने वाले मरीजों की संख्या में भी विस्तार हुआ है । जून में इन मरीजों (नये पुराने) की संख्या 2345 थी जो जुलाई में 4408 हो गई है। शनिचरवार को नश मुक्ति केन्द्रों में आए नये और पुराने मरीजों की कुल संख्या 6673 थी । प्रवक्ता के अनुसार अगले दो सप्ताहों के दौरान इस संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है और जुलाई में इसके रिकार्ड स्तर को पार कर जाने की संभावना है ।
नशे के तस्करों के विरुद्ध सख्त कदम उठाने का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री ने पिछले दो सप्ताहों के दौरान लोगों को मीडिया के द्वारा बार-बार अपीलों की । उन्होंने नशों के सम्बन्ध में सामाजिक बदनामी वाली बात से उभरने के लिए लोगों को कहा और नशे से पीडि़तों का इलाज करवाने के लिए आगे आने की अपीलों की । उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया था कि अगर राज्य को नशों मुक्त करना है तो राज्य के लोगों को सरकार की कोशिशों का समर्थन करने की ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह नशे की समस्या से निपटने के लिए मारपीट या किसी अन्य तरह की हिंसा के हक में नहीं हैं ।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज फिर अपनी अपील को दोहराते हुए लोगों को कहा है कि वह कानून को अपने हाथ में न लेें। उन्होंने नशा तस्करों को पकड़वाने के लिए पुलिस और इस काम में लगी अन्य एजेंसियों को सूचना मुहैया करवाने के लिए कहा है जिससे नौजवानों की मौत का कारण बन रहे समान को ज़ब्त किया जा सके और इसकी तस्करी करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया जा सके । उन्होंने नशे के पीडि़तों और उनके परिवारों को नशा मुक्ति केन्द्रों में आकर इलाज करवाने और पुनर्निवास केन्द्रों की मदद प्राप्त करने के लिए कहा है ।
मुख्य मंत्री ने पुलिस को फिर हिदायत जारी करते हुए कहा कि वह नशा मुक्ति केन्द्रों में जा कर नशा पीडि़तों को परेशान न करें और उनके साथ सवाल जवाब करने से गुरेज़ करे। उन्होंने केन्द्रों में ज़्यादा मरीजों के आने की सूरत में उचित प्रबंध करने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए । उन्होंने नशे के पीडि़तों से निपटते समय मानवी पहुँच अपनाने के लिए भी कहा है जिससे नशे की आदियों को समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके ।