चंडीगढ़, 22 सितम्बर:
इस स्कीम के अंतर्गत महिलाओं ने 51 प्रतिशत और पुरुषों ने 49 प्रतिशत लाभ लिया है। सरकारी स्कीमों के प्रति जागरूकता दिखाते हुये पंजाब की महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले आयुषमान भारत-सरबत सेहत बीमा योजना (एबी-एसएसबीवाई) के अधीन और ज्यादा लाभ हासिल किये हैं। जन-समर्थकी स्वास्थ्य बीमा योजना का उद्देश्य सूचीबद्ध अस्पतालों के द्वारा दूसरे और तीसरे दर्जे की स्वास्थ्य सेवाएं लाभपात्रियोंं को घर-घर मुहैया करवाना है।
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स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने और ज्यादा जानकारी देते हुये बताया कि 767 प्राईवेट और सरकारी अस्पतालों को सूचीबद्ध करके पंजाब देश का सर्वोत्त्म प्रदर्शन वाला राज्य बन गया है, इस स्कीम के अंतर्गत 3.95 लाख से अधिक मरीज़ों को 455.46 करोड़ रुपए की मुफ़्त इलाज सहूलतें मुहैया करवाई गई हैं। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 46 लाख ई-कार्ड जारी किये जा चुके हैं। अब तक 6700 से अधिक दिल की सर्जरियां, 1 लाख डायलसिस, 7600 नवजात बच्चों का इलाज, 4000 घुटने बदलने के साथ-साथ 9300 से अधिक कैंसर मरीज़ों को एबी-एसएसबीवाई के अधीन इलाज का लाभ मिला है।
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स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि पंजाब में सबसे अधिक लाभपात्रियों का स्कीम के अधीन इलाज का लाभ लेने के मामले में 44,000 से अधिक मरीज़ों के साथ जिला बठिंडा अग्रणी है। इसी तरह राज्य में जिला लुधियाना ने सबसे अधिक 4.25 लाख ई-कार्ड बनाऐ हैं।
ए.बी-एस.एस.बी.वाई के लाभ सम्बन्धी दो घटनाओं का जि़क्र करते हुये उन्होंने कहा कि तालिब ख़ान जो एक मज़दूर के तौर पर काम करता है, कई सालों से घुटने और कमर के दर्द से पीडि़त था और काम करने से असमर्थ था। उसे अपने परिचित से ए.बी -एस.एस.बी.वाई संबंधी पता लगा और उसने स्थानीय मैडीकल प्रैटीशीनर की सहायता से अपना ई -कार्ड बनवाया। इसके बाद वह सिवल अस्पताल मानसा गया जहाँ उसका घुटने बदलने सम्बन्धी इलाज किया गया। इस सजऱ्री से ठीक होने के उपरांत उसने इस स्कीम के अंतर्गत हिप्प रिप्लेसमैंट का इलाज करवाया।
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तालिब ख़ान ने बताया कि वह अपने आप को परिवार पर बोझ समझता था क्योंकि वह काम करने से असमर्थ था। ए.बी -एस.एस.बी.वाई की सहायता से दो बड़ी सर्जरियां की गई जिन पर उसका 5-6 लाख का खर्चा आना था। उसने कहा कि उसे पहले की तरह होने की उम्मीद नहीं थी क्योंकि उसे अपनी आर्थिक बदहालियों का पता था परन्तु इस स्कीम से वह मुफ़्त में घुटने और कमर की सजऱ्री करवाने के योग्य हो गया। वह कुछ महीनों में दोबारा काम करने के योग्य होने की उम्मीद कर रहा है और महसूस करता है कि एक नयी जि़ंदगी मिल गई है।
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इसी तरह पेशे से चालक जैतो (फरीदकोट) के बलविन्दर सिंह को छाती में बहुत दर्द महसूस हुआ है और उसको एमरजैंसी में दिल्ली हार्ट इंस्टीट्यूट एंड मल्टी -स्पैशलिटी अस्पताल (बठिंडा) ले जाया गया। बलविन्दर और उसका परिवार ए.बी -एस.एस.बी.वाई. से अवगत था और उन्होंने पहले ही कार्ड बनवा लिया था। इस स्कीम के अधीन उसे अस्पताल में दाखि़ल करवाया गया और इस स्कीम की सहायता से उसका मुफ़्त इलाज किया गया और अब उसने दोबारा काम करना शुरू कर दिया है।
ए.बी -एस.एस.बी.वाई. की विशेषताओं पर रौशनी डालते हुये स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस स्कीम के अंतर्गत किसान, छोटे व्यापारी, रजिस्टर्ड निर्माणर श्रमिक, मान्यता प्राप्त पीले कार्ड धारक पत्रकार, स्मार्ट राशन कार्ड धारक प्रति परिवार 5 लाख प्रति साल के स्वास्थ्य बीमे के हकदार होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि पंजाब में ए.बी. -एस.एस.बी.वाई. ने 20 अगस्त, 2020 को अपने लागूकरन का एक साल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। नतीजे के तौर पर, दूसरे साल में स्वास्थ्य लाभ पैकेजों को 1579 तक बढ़ाया गया है।
-NAV GILL