पंजाब अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एन.एफ.सी. प्रौद्यौगिकी आधारित पहचान पत्र का प्रयोग करने वाला पहला राज्य बना

चंडीगढ़, 6 जूनः
दुनिया भर के चलन को ध्यान में रखते हुए जहाँ कई देशों में इलेक्ट्राॅनिक पहचान पत्र (ई-आई.डीज) का प्रयोग शुरू किया गया है, वहीं पंजाब सरकार ने भी अपने प्रमुख संस्थान पंजाब मंडी बोर्ड के द्वारा अपने अधिकारियों / कर्मचारीयों के लिए नीयर फील्ड कम्यूनिकेशन (एन.एफ.सी.) प्रौद्यौगिकी से लैस ई-आई.डी का प्रयोग शुरू किया है।
इस संबंधी जानकारी देते हुए पंजाब मंडी बोर्ड के चेयरमैन लाल सिंह ने बताया कि ये ई-आई.डी एन.एफ.सी. टेक्नोलोजी से लैस हैं। यह एक मापदंड आधारित वायरलैस कम्यूनीकेशन प्रौद्यौगिकी है जो कुछ सैंटीमीटर की दूरी से उपकरणों के दरमियान डाटा के आदान-प्रदान की आज्ञा देती है और इसको मूलभूत प्रामाणिकता उपकरण के तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। एनएफसी 13.66 मेगाहर्टज पर काम करती है और 424 केबिट्स/सेकिंड तक की स्पीड के साथ डाटा ट्रांसफर करती है।

 

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जिक्रयोग्य है कि एक एनएफसी समर्थ मोबाइल डिवाइस एक कार्ड या रीडर या दोनों की तरह काम कर सकती है जो उपभोक्ता को जानकारी साझा करने और अपनी पहचान साबित करने के योग्य बनाती है।
मंडी बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड ने इस एन.एफ.सी. प्रौद्यौगिकी का प्रयोग करते हुए अपने अधिकारियों / कर्मचारीयों के लिए ई-आई.डी तैयार करके शुरूआत की है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि मंडी बोर्ड अगले हफ्ते इस प्रौद्यौगिकी की शुरूआत करेगा। इसलिए, मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) के डेटा का इस्तेमाल किया गया है, जहाँ हर अधिकारी / कर्मचारी के विवरण सर्विस बुक के रूप में स्टोर किये जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि यह सुविधा पैंशनरों तक भी बढ़ाई जा सकती है क्योंकि वह भी एच.आर.एम.एस. व्यवस्था का हिस्सा हैं।
चेयरमैन ने आगे कहा कि विशेष तौर पर कोविड-19 के समय के दौरान जब संपर्क रहित पहचान के लिए इसका प्रयोग किया जाता है तो स्मार्ट चिप वाले एनएफसी-समर्थित मोबाइल फोन, व्यक्ति की पहचान के साथ मिलान करने के लिए फोन को सुरक्षित ढंग से डाटा स्टोर करने और इस्तेमाल करने की आज्ञा देते हैं। मौजूदा समय में एनएफसी मोबाइल फोनों में मानक कार्यकुशलता के तौर पर उपलब्ध है और प्रयोक्ताओं को सुरक्षित ढंग से संपर्क रहित प्रयोग करने, डिजिटल सामग्री तक पहुँच करने और इलेक्ट्राॅनिक डिवाईसों को आसानी से कुनेक्ट करने की आज्ञा देता है।

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इस दौरान मंडी बोर्ड के सचिव रवि भगत ने कहा कि पंजाब मंडी बोर्ड ने चार साल पहले एच.आर.एम.एस. प्रणाली लागू की है और अब सभी अधिकारी / कर्मचारी इस प्रणाली का हिस्सा हैं, जहाँ उनके द्वारा इस प्रणाली के द्वारा ही वेतन भी लिया जा रहा है। इस तरह एनएफसी प्रौद्यौगिकी का प्रयोग करते हुए ई-आई.डी का प्रयोग इस महामारी दौरान पंजाब के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी, खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो लाॅकडाऊन / कर्फ्यू में भी दिन रात काम कर रहे हैं, जहाँ उनको अपना आईडी कार्ड रखना पड़ता है।
उन्होंने आगे कहा कि मंडी बोर्ड द्वारा जारी किए गए ई-आई.डी का प्रयोग दो उद्देश्यों पहचान पत्र के साथ-साथ एक बिजनेस पत्र के तौर पर भी किया जा सकेगा। वह व्यक्ति जिसके पास यह एन.एफ.सी. कार्ड है, को अपने विवरण किसी अन्य व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए स्मार्ट फोन पर टैप करने की जरूरत है। यह एनएफसी कार्ड व्यक्ति के सोशल नैटवर्क जैसे कि टविट्टर, फेसबुक, इंस्टाग्राम, यू-ट्यूब चैनल आदि की जानकारी भी ले सकता है। इस तरह, सिर्फ एक टैप के द्वारा कोई भी अपना आईडी कार्ड देखे बिना साझा कर सकता है।

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उन्होंने आगे बताया कि विभिन्न सरकारी योजनाओं जैसे कि सिटिजन कार्ड / पहचान पत्र, बुढ़ापा पैंशन, ड्राइविंग लाइसेंस, पेशंट कार्ड या बीमा योजना आदि भी इस स्मार्ट कार्ड के साथ जोड़ जा सकते हैं जिससे सभी योजनाओं तक पहुँच के लिए एक मंच बनाया जा सकेे। इस तरह, सरकार से अपेक्षित मंजूरी मिलने के बाद, इस कार्ड का प्रयोग नागरिकों के लाभ के लिए पंजाब के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों में भी किया जा सकेगा। यह कार्ड नागरिकों को अपने साथ गैर-जरूरी दस्तावेज ले जाए बिना विभिन्न सरकारी योजनाओं तक पहुँच प्रदान करने में सहायक होगा।

-NAV GILL

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