पंचायत मंत्री तृप्त बाजवा द्वारा राज्य की पंचायती राज संस्थाओं को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बधाई

-पंचायतों द्वारा कोरोना के विरुद्ध आगे आकर लड़ी जा रही लड़ाई पर तसल्ली का प्रगटावा
 चंडीगढ़, 23 अप्रैल: पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने आज राज्य की समूह पंचायतों, ब्लॉक कमेटियों और जि़ला परिषदों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की बधाई देते हुए कहा कि राज्य की सभी पंचायती राज संस्थाओं द्वारा कोरोना महामारी के विरुद्ध लड़ी जा रही जंग में अगली कतार में खड़े होकर लड़ाई लड़ी जा रही है।
श्री बाजवा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाएं जहाँ गाँवों के बहुपक्षीय विकास में अहम योगदान दे रही हैं और हर प्राकृतिक आपदा के समय में भी न सिफऱ् ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्र के लोगों के बचाव और मदद के लिए भी हमेशा आगे आती रही हैं। आज कोरोना महामारी के भयंकर दौर में भी पंजाब के ग्रामीण क्षेत्र का बड़े तौर पर बचे रहना पंचायतों द्वारा अपने-अपने गाँवों में बरती जा रही सख्त चौकसी के कारण ही संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके बिना गरीब परिवारों ख़ासकर दैनिक वेतन भोगी कामगारों के परिवारों के लिए राशन और पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करके किसी व्यक्ति या जानवर को भूखा नहीं रहने दिया।
श्री बाजवा ने कहा कि राज्य में चल रही गेहूँ की कटाई और मंडीकरण के दौरान कामगारों को कोरोना की बीमारी से बचाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं द्वारा हर गाँव और हर मंडी में लोगों द्वारा बरती जाने वाली सावधानियों सम्बन्धी जागरूत करने के लिए बड़े पोस्टर लगाए गए हैं। इसके अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा बनाए गए स्व-सहायता समूहों द्वारा अब तक चार लाख मास्क और साढ़े तीन हज़ार के करीब सुरक्षा ऐपरन बनाकर स्वास्थ्य विभाग को दिए गए हैं।
पंचायत मंत्री ने कहा कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार पंचायती राज संस्थाओं को और मज़बूत करने के लिए हर संभव यत्न कर रही है और इसी कोशिश के स्वरूप पंचायती राज संस्थाओं में हर स्तर पर महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण भी दिया गया है।
श्री बाजवा ने इस मौके पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व के नामवर अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को भी याद किया, जिनकी दूरदृष्टि के द्वारा वर्ष 2010 में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाना शुरू किया गया, जिससे इन संस्थाओं को मज़बूत करने पर सरकारों का ध्यान केंद्रित किया गया। उन्होंने कहा कि इस मौके पर यह भी याद करना चाहिए कि पंचायती राज संस्थाओं को संवैधानिक दर्जा और ज्य़ादा अधिकार देने का आधार मरहूम प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी ने 1989 में संविधान की 64वें संशोधन सम्बन्धी बिल पेश करके बांधा था, जो बाद में श्री पी.वी. नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्री होते हुए वर्ष 1992 में संविधान की 73वीं संशोधन के द्वारा कानून बन कर वर्ष 1993 में लागू हुआ।
श्री बाजवा ने इस मौके पर पंचायती राज संस्थाओं के समूह अधिकारियों और सदस्यों को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर अपने आप से यह प्रण करने के लिए कहा कि वह निष्काम भावना और तन देही से अपने फज़ऱ् निभाएंगे।

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