शिक्षा भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का सबसे प्राथमिक विषय
चंडीगढ़/एस. ए. एस. नगर: पंजाब के उच्च शिक्षा मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने कहा कि शिक्षा मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार का सबसे प्राथमिक विषय है। स्कूल, उच्च, मैडीकल और तकनीकी शिक्षा चारों क्षेत्रों को प्रमुखता दी जा रही है। इसी कड़ी के अंतर्गत उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़े सुधारों की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है जिसका मकसद हमारे नौजवानों को ही देश में रोज़गार के काबिल बनाना है।
KHULASA NEWS KA : उप मुख्यमंत्री पर बड़ा एक्शन , पंजाब – हरियाणा हुए एकजुट, मौसम विभाग की चेतावनी !
मीत हेयर आज रियात बाहरा यूनिवर्सिटी, मोहाली में एसोसिएशन आफ अनएडिड कालेज टीचर्ज़ ( ए. यू. सी. टी.), पंजाब और चंडीगढ़ की तरफ से उच्च शिक्षा पर करवाए राज्य स्तरीय सैमीनार को संबोधन कर रहे थे। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से शुरू किये सुधारों के साथ-साथ न सिर्फ़ अध्यापकों का शोषण ख़त्म होगा, बल्कि उच्च शिक्षा को सस्ती, हुनर- आधारित और नौकरियाँ प्रदान करके देश में ही रोज़गार के काबिल बनाया जा सकेगा जिससे अपने साधनों के लिए विदेश न जाना पड़े।
क्या होता है जब्त संपत्ति का, इनकम टैक्स रेड के बाद || income || tax || raid ||
व्यावसायिक प्रमुख उच्च शिक्षा आज के समय की सबसे बड़ी ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि पंजाब की उच्च शिक्षा संस्थाओं के मसलों की शिनाखत करने और हल करने के लिए कमेटी बनाई जायेगी। मीत हेयर ने कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों के विद्यार्थियों को राज्य सरकार की तरफ से करवाई जा रहे ‘‘खेडां वतन पंजाब दीयां’’ में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किया।
देखते-देखते बह गया पुल,टूटा संपर्क, मूसेवाला कांड में एक और गैंगस्टर की एंट्री,बड़ा खुलासा
इससे पहला शिक्षा शास्त्री डॉ. पियारा लाल गर्ग ने भाषण दिया जबकि विशेष मेहमान के तौर पर पंजाब के पूर्व एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न सिंह सिद्धू, प्रसिद्ध पत्रकार जतिन्दर पन्नू और रियात बाहरा यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. परविन्दर सिंह ने अपने-अपने विचार सांझे किये। ए. यू. सी. टी. के प्रवक्ता प्रो. तरूण घई ने सभी मेहमानों और वक्ताओं का धन्यवाद किया।
जब हर इलाज हो जाए फेल.. || Dr. Biswaroop roy chowdhury
सैमीनार का मकसद पंजाब में उच्च शिक्षा से सम्बन्धित ज्वलंत मसलों पर विचार- विमर्श करना और इसके विकास के लिए एक रूप-रेखा तैयार करने के लिए अकादमिक, बुद्धिजीवी वर्ग और सरकार को एक सांझा प्लेटफार्म पर लाना था। सैमीनार में कालेजों और यूटी के लगभग 400 ग़ैर-सहायता प्राप्त कालेज अध्यापक उपस्थित हुए।