नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मैंटल हैल्थ एंड न्यूरो-सायंसेज़, बैंगलोर की तरफ से मैडीकल अफसरों और सलाहकारों को प्रशिक्षण दिया गया

चंडीगढ़, 27 जनवरी:
सरकारी अस्पतालों में मानक मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं मुहैया करवाने के मद्देनजर नशा मुक्ति केन्द्रों में काम करते मैडीकल अफसरों और कौंसलरों के लिए माहिर टीम की तरफ से एक प्रशिक्षण प्रोग्राम आयोजित करवाया गया। इस टीम में नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मैंटल हैल्थ एंड न्यूरो -सायंसेज़ (एनआईएमएचएएनएस), बैंगलोर से माहिर डा. एन. मंजूनाथ, एसोसिएट प्रोफैसर और सलाहकार टैलीमैडीसन डा. सुरेश बढा मैथ, डा. नवीन सी कुमार और डा. प्रतिमा मूरथी शामिल थे।

 

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इस सम्बन्धी जानकारी देते हुये स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि पंजाब में स्वास्थ्य सहूलतों के साथ-साथ नशा मुक्ति प्रोग्राम को और मजबूत करने के लिए पंजाब में विभिन्न स्वास्थ्य सहूलतों में काम करने वाले मैडीकल अफसरों के लिए विशेष ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि डा. एन. मंजूनाथ ने मरीजों के मानसिक रोगों की स्क्रीनिंग कैसे की जाये और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्रों पर उनका इलाज कैसे किया जाये, सम्बन्धी विस्तारपूर्वक पेशकारी दी।
इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में 100 से अधिक मैडीकल अधिकारी शामिल हुए जो मानसिक बीमारियों से पीडि़त मरीजों की जांच करने में सहायता करेंगे। उन्होंने कहा कि मूलभूत स्वास्थ्य केन्द्रों के स्तर पर जिन मरीजों का इलाज किया जा सकता है उनका इलाज माहिरों के द्वारा विकसित किये गए प्रोटोकोल के अनुसार किया जायेगा और जिन मरीजों को मनोरोग रोगों की सेवाओं की और जरूरत है, उनको सेकंडरी स्तर के अस्पतालों में इलाज के लिए रैफर किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोविड-19 ने लाखों लोगों को चिंता, डर, एकांतवास, सामाजिक दूरी और पाबंदियों के साथ-साथ अनिश्चितता और भावनात्मक परेशानी के जरिये मानसिक स्वास्थ्य को बहुत प्रभावित किया। स्वास्थ्य विभाग पंजाब की तरफ से ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए हेल्पलाइन 104 के द्वारा 24/7 टोल-फ्री मैडीकल सहूलतें मुहैया करवाई गई हैं। इसके इलावा, आईसोलेशन वार्ड में दाखिल मरीजों और घरेलू एकांतवास वाले मरीजों की काउंसलिंग भी की गई। स्वास्थ्य विभाग, पंजाब की तरफ से एक टेली मोनिटरिंग एजेंसी को भी इसी मकसद के लिए लगाया गया है।
उन्होंने आगे बताया कि लॉकडाऊन के दौरान नशे की आदत से पीडि़त मरीजों को इलाज और देखभाल मुहैया करवाने के लिए पंजाब सरकार ने 199 ओओएटी क्लीनिकों और 35 सरकारी नशा मुक्ति केन्द्रों से टेक-होम डोज प्रोग्राम जैसी पहलकदमियां की।
उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम को राज्य भर में भरपूर समर्थन मिला और 2 लाख से अधिक मरीजों ने स्टेट नशा मुक्ति वेब पोर्टल पर अपने आप को इलाज के लिए पंजीकृत करवाया। इन केन्द्रों के इलावा, 10 केंद्रीय जेलों में कैदियों को नशा मुक्ति सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं। राज्य में 137 निजी नशा मुक्ति केन्द्रों को भी इलाज के लिए अधिकारित किया गया है।
अब तक 6.15 लाख मरीजों को इलाज के लिए पंजीकृत किया गया।
-NAV GILL

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