भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए कई प्रकार के मसालों का प्रयोग किया जाता है। यह मसाले भोजन के स्वाद को तो बढ़ाते ही है साथ ही शरीर के लिए भी फायदेमंद हैं। रसोई में मौजूद कुछ मसालों का प्रयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है। एक ऐसा ही मसाला है ‘जावित्री’। इसके प्रयोग व सेवन से कई प्रकार के रोगों व समस्याओं को दूर किया जा सकता है।
जावित्री एक पेड़ पर लगने वाले फल का बाहरी हिस्सा होता है। जावित्री और जायफल में एक समानता पाई जाती है, यह दोनों मसाले एक ही पेड़ का हिस्सा हैं। जावित्री इस पेड़ पर लगने वाले फल का बाहर का छिलका या हिस्सा होता है जबकि जायफल अंदर का हिस्सा यानि बीज होता है। जावित्री में विटामिन ए, बी1, बी2 और विटामिन सी के अलावा फास्फोरस, मैंगनीज, मैग्नीशियम, कैल्शियम और आयरन इत्यादि तत्व भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।
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जावित्री के फायदे
दर्द को करे दूर
जावित्री में दर्द नाशक गुण पाए जाते हैं। दर्द से राहत पाने के लिए के जावित्री का प्रयोग फायदेमंद रहता है। जोड़ों के दर्द, गठिया, मांसपेशियों के दर्द व सिर दर्द के अलावा सूजन में जावित्री का प्रयोग करने से फायदा होता है। चाइना में जावित्री का प्रयोग दर्द व सूजन कम करने वाली दवाईयां बनाने में किया जाता है।
पाचन तंत्र के लिए है फायदेमंद
जावित्री के प्रयोग से पाचन तंत्र सही रहता है। इसके सेवन से पाचन संबंधी समस्याओं अपच, गैस, सूजन, उल्टी और दस्त में फायदा होता है और पेट फूलने की समस्या में भी आराम मिलता है।
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दांतों को रखे स्वस्थ
जावित्री के सेवन से दांत स्वस्थ बनते हैं। दांतों और मसूड़ों के दर्द को दूर करने में भी जावित्री लाभदायक है। साथ ही सांस की दुर्गंध को समाप्त करने के लिए जावित्री का प्रयोग किया जा सकता है। इसीलिए टुथपेस्ट में भी जावित्री का इस्तेमाल किया जाता है। दांतों की समस्याओं और दांतों की रक्षा के लिए जावित्री एक रामबाण औषधि है।
गुर्दों के लिए है लाभदायक
जावित्री गुर्दे की पथरी को बनने से रोकती है और पथरी को बाहर निकालने में भी मदद करती है। जावित्री में गुर्दों की सुरक्षा करने वाले गुण पाए जाते हैं। जावित्री एक ऐसा मसाला है जो प्राकृतिक रूप से गुर्दों के संक्रमण और अन्य समस्याओं को ठीक करता है।
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भूख बढ़ाए
भूख ना लगने पर जावित्री का सेवन करने से फायदा होता है। भूख ना लगने पर भोजन बनाते समय जावित्री को मसाले के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इससे भूख तो बढ़ती ही है साथ ही पाचन तंत्र भी मज़बूत होता है।
दिमाग को रखे स्वस्थ
दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए जावित्री बेहद फायदेमंद है। इसमें माइरिस्टिन और मेकेलिग्न नामक तत्व पाए जाते हैं। इसके सेवन से दिमाग के कार्य उत्तेजित होते हैं जिससे याददाश्त बढ़ती है।
दिल के लिए है फायदेमंद
जावित्री में पोटेशियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो दिल को स्वस्थ रखता है। इस मसाले में रक्त वाहिकाओं यानि खून को लेजाने वाली नाड़ियों को आराम दिलाने वाले गुण पाए जाते हैं। जावित्री से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है और इसके सेवन से पूरे शरीर में खून की सप्लाई भी सही ढंग से चलती रहती है।
त्वचा संबंधी समस्याओं को करे दूर
चेहरे पर मुंहासे होने पर जावित्री का उपयोग करने से लाभ होता है। जावित्री में एंटी-इंफ्लामैट्री के साथ ही जीवाणुरोधी और दर्दनाशक गुण भी पाए जाते हैं। इस लिए जावित्री के प्रयोग से तवचा की कोशिकाएं हाइड्रेट होती हैं और त्वचा की जलन, मुंहासें और ब्लैकहेड आदि ठीक होते हैं।
खांसी-जुकाम से करे रक्षा
यह मसाला बदलते मौसम में वायरल और फ्लू जैसी बीमारियों से बचाता है। इसके सेवन से सर्दी-खांसी से बचाव होता है। जावित्री में मौजूद गुण अस्थमा और सांस संबंधी बीमारियों व समस्याओं के उपचार में मदद करते हैं।
तनाव को करे दूर
तनाव के कारण शारीरिक और मानसिक दोनों रूपों से नुकसान हो सकता है। जावित्री के सेवन से मानसिक चिंता और तनाव दूर होता है। इसके प्रयोग से मानसिक थकान भी दूर होती है और साथ ही एकाग्रता भी बढ़ती है।
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जावित्री के नुकसान
जहां जावित्री का सेवन सेहत के लिए लाभदायक है वहीं इसका अधिक मात्रा में किया गया प्रयोग नुकसानदायक भी हो सकता है। जावित्री की तासीर गर्म होती है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध पिलाने वाली महिलाओं के लिए इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। अगर आप नियमित रूप से भोजन में जावित्री का प्रयोग कर रहें हैं तो अलग से इसका सेवन करने की आवश्यकता नहीं है।
धर्मेन्द्र संधू