नशों के मुद्दे पर एकजुट होने की पेशकश सुखबीर बादल का राजनैतिक ढकोसला -कैप्टन अमरिंदर सिंह

-मुख्यमंत्री ने पेशकश को किया रद्द

-नशों की समस्या के लिए अकाली ही सभी झगड़ों की जड़, अब नैतिकता का पाठ पढ़ाना बंद करें

चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने आज सुखबीर सिंह बादल द्वारा नशों और बेअदबी के मुद्दों का राजनीतीकरण न किये जाने के आह्वान की खिल्ली उड़ाई। उन्होंने कहा कि सुखबीर बादल द्वारा अपनी पार्टी के 10 सालों के कुशासन के दौरान इन दोनों नाजुक मसलों को फलने-फूलने के लिए निर्लज्जता ढंग से इजाज़त दी गई थी जिस पर पर्दा डालने के लिए अब लोगों का ध्यान हटाने के लिए ऐसे आह्वान करने का राजनैतिक ढकोसला किया जा रहा है।

सुखबीर बादल और उसकी पत्नी हरसिमरत कौर बादल की तरफ से नशों के मुद्दे पर उच्च नैतिकता दिखाने की कोशिश का खिल्ली उड़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सभी झगड़ों की जड़ ही शिरोमणी अकाली दल है। मुख्यमंत्री ने इन दोनों नेताओं के इस कदम को राज्य में छोड़ कर गए गंभीर स्थिति से उभरने की आखिरी कोशिश बताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नौजवानों की एक पूरी पीढ़ी बर्बाद करने वाला सुखबीर बादल अब इस बीमारी के खि़लाफ़ एकजुट होकर लडऩे की बातें कर रहा है। उन्होंने अकाली दल के अध्यक्ष को चुनौती दी कि वह अपने शासनकाल के दौरान की एक भी मिसाल पेश करें। उन्होंने आगे कहा कि अकाली दल ने कभी भी नशों सहित किसी भी मुद्दे पर कांग्रेस से राजनैतिक सर्वसम्मती और मदद नहीं माँगी। उन्होंने कहा कि नशों की समस्या ने अकालियों के शासनकाल के दौरान ही गंभीर रूप धारण किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार को ऐसी किसी भी पार्टी या लीडरशिप की सलाह की ज़रूरत नहीं जो इस समस्या के लिए जि़म्मेदार हो और पंजाब इस समय इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए जूझ रहा है। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि वह अपने काबिल कैबिनेट साथीओं और अफसरों की मदद से अपने स्तर पर ही स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह समर्थ हैं।

सुखबीर बादल की तरफ से सरकार की नशा विरुद्ध मुहिम में साझे तौर पर प्रयास करने की पेशकश के जवाब में सख़्त बयान जारी करते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा ‘‘हम राज्य को वित्तीय संकट से निकालने के लिए सफल हुए हैं जो अकाली -भाजपा सरकार के दौरान कजऱ्े में डूबा हुआ था। हम ख़तरनाक गैंगस्टरों में से कुछ  का ख़ात्मा करने में भी सफल हुए हूँ जो आपके शासन के दौरान खुलेआम दनदनाते हुए घूमते थे। हम अमन कानून की स्थिति को स्थिर करने और बेअदबी के मामलों को रोकने में भी कामयाब हुए हैं जबकि आपके कुशासन के दौरान यह दोनों समस्याओं ने बड़े स्तर पर सिर उठा लिया था। सुखबीर बादल, हमने यह सब कुछ आपकी सलाह या मदद के बिना किया है।’’

नशों की समस्या पर काबू पाने के लिए उनकी सरकार की तरफ से उठाए जा रहे कदमों में बाकी पार्टियाँ को भी भरोसे में लेने संबंधी सुखबीर बादल के सुझाव को रद्द करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अकालियों और आप द्वारा राज्य की असेंबली में शुरू की गई परंपरा मुताबिक चल रहा है और उनकी (मुख्यमंत्री) यह प्रथमिकता है कि वह अपने समय और शक्ति को इन पार्टियों के साथ बातचीत करके व्यर्थ न गवाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वह ज़मीनी स्तर पर कार्यवाही को यकीनी बनाने में विश्वास रखते हैं जिसके लिए उनकी समूची सरकारी मशीनरी एस.टी.एफ., पंजाब पुलिस और अन्य एजेंसियों के सहयोग से पंजाब से नशों की समस्या को जड़ से मिटा देने के लिए पहले ही गंभीरता से जुटी हुई हंै।

सुखबीर बादल की तरफ से अपने शासनकाल के दौरान अकालियों द्वारा इस समस्या के विरुद्ध डट कर लड़ाई लडऩे के दिए बयान का मज़ाक उड़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ज़मीनी स्तर की स्थिति से अकाली नेता के झूठ का पर्दा फ़ाश हो जाता है। मुख्यमंत्री ने सुखबीर बादल और हरसिमरत कौर को कहा, ‘‘आप मनघडं़त बातों से पंजाब के लोगों को और अधिक मूर्ख नहीं बना सकते।

सुखबीर बादल की तरफ से यह कहना कि कोई भी संजीदा राजनीतिज्ञ कभी भी नशों को उत्साहित नहीं करता, इससे सहमत होते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बदकिस्मती से 10 सालों के दौरान राज्य राजनीतिज्ञों के कंट्रोल में तो था परन्तु संजीदगी और संवेदनशीलता इन राजनीतिज्ञों के आस-पास भी नहीं थी।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि कितनी हास्यप्रद बात है कि 10 सालों के दौरान राज्य को तबाह करने में कोई कसर बाकी न छोडऩे वाले राजनीतिज्ञ अब अपनी नाकामियों का दोष कांग्रेस सरकार पर मढऩे की कोशिश कर रहे हैं।

अकाली दल के अध्यक्ष द्वारा पिछले डेढ़ साल में नशों में किसी भी अकाली के न पकड़े जाने संबंधी किये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अकाली दल और उसकी सहयोगी भाजपा की तरह कांग्रेस पार्टी कभी भी अपने विरोधियों के खि़लाफ़ राजनैतिक बदलाखोरी की नीति में विश्वास नहीं रखती। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब भी एस.टी.एफ. और अन्य किसी भी जांच एजेंसी ने नशों के मामलों में किसी भी अकाली नेता का हाथ होने का कोई सबूत ढूँढ लिया तो वह निजी तौर पर दोषी को जेल की सलाखों के पीछे कैद करने को यकीनी बनाऐंगे और उसके विरुद्ध केस को कानून के दायरे में निष्कर्ष तक लेजाएंगे।

कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने हरसिमरत कौर बादल द्वारा उनको ग़ैर-संजीदा मुख्यमंत्री बताने जो अपने कार्यालय में नहीं जाता संबंधी दिए बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी उन्होंने दिल्ली में बहुत समय व्यतीत किया है जहाँ उसे समझना चाहिए कि वह केंद्रीय मंत्रालय का हिस्सा है। यदि केंद्रीय मंत्री के तौर पर सही ढंग से अपनी जि़म्मेदारी निभाई होती तो वह केंद्र से पंजाब को अति-अपेक्षित सहायता हासिल करने में शायद थोड़ी -बहुत कामयाबी मिल जाती। मुख्यमंत्री ने कहा कि कजऱ् माफी से लेकर लंगर पर जी.एस.टी. की माफी तक केंद्र सरकार जिसमें हरसिमरत कौर बादल खुद शामिल है, पंजाब की मदद करने में बुरी तरह नाकाम रही है। उन्होंने कहा कि अकाली -भाजपा गठजोड़ से विरासत में हासिल हुए खाली खजाने के बावजूद उनकी सरकार पंजाब निवासियों को अपेक्षित मदद मुहैया करवाने से पीछे नहीं हटी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हरसिमरत कौर बादल का उनके निवास पर स्थित कार्यालय में उनके पास आने पर स्वागत है जहाँ से वह रचनात्मक कामकाज किये जाने को प्रथमिकता देते हैं जिससे केंद्रीय मंत्री भी देख सकते हैं कि कितने कारगर ढंग से वह अपना कामकाज करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में बादलों की दीर्घ दूर-दृष्टि नहीं है जिस कारण वह सत्ता के गलियारोंं से बाहर नहीं देख सकते। उन्होंने कहा कि बादल सत्ता के घमंड में डूब जाते हैं और इसी कारण अकाली -भाजपा सरकार पूरी तरह निकम्मी सरकार सिद्ध हुई है।

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