नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा एशियन विकास बैंक के भारतीय प्रमुख कैनिची योकोआमा के साथ मुलाकात

– स्थानीय निकाय एवं पर्यटन विभाग के प्रोजेक्टों को वित्तीय सहायता के लिए जताई सहमति
– एशियन विकास बैंक की सहायता से मुख्यमंत्री के विकास एजंडे को पहनाया जाएगा अमली जामा: सिद्धू
– स्मार्ट सिटी, अमरुत और सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की पुन: बहाली के लिए 5598 करोड़ रुपए के प्रोजैक्ट को दी सैद्धांतिक स्वीकृति
– पटियाला शहर को नहरी पानी की सप्लाई के 699.18 करोड़ के प्रोजैक्ट को अंतिम रूप देने के लिए बैंक का प्रतिनिधिमंडल 16 जुलाई को करेगा पंजाब का दौरा
– सैलानियों के लिए पंजाब के पर्यटक स्थलों की मुकम्मल कायाकल्प में भी बैंक देगा मदद: सिद्धू
नई दिल्ली/चंडीगढ़: पंजाब के स्थानीय निकाय और संास्कृतिक मामलों एवं पर्यटन मंत्री स. नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा अपने दोनों विभागों के उच्च अधिकारियों को साथ लेकर दोनों विभागों के प्रतिष्ठापूर्ण प्रोजेक्टों को पूरा करने संबंधी आज यहाँ नई दिल्ली स्थित पंजाब भवन में एशियन विकास बैंक (ए.डी.बी.) के भारतीय रैज़ीडैंट मिशन के राष्ट्रीय प्रमुख श्री कैनिची योकोआमा के साथ मुलाकात की गई। स्थानीय निकाय और सांस्कृतिकएवं पर्यटन विभाग की तरफ से पेश की गई प्रस्तुतियों को देखने के उपरांत ए.डी.बी. की तरफ से प्रोजेक्टों के लिए वित्तीय सहायता देने की सहमति जताई गई।
मीटिंग संबंधी विवरण देते हुए स.सिद्धू ने बताया कि बैंक द्वारा सहमति जताने से मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की विकासमुखी सोच के अनुसार बनाऐ गए प्रोजेक्टों को अमली जामा पहनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाब सरकार को यह बड़ी राहत होगी कि बैंक ने लम्बे समय के कजऱ्े देने की सहमति जताई है और इनकी ब्याज दर भी नाममात्र है। उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग के सार्थक परिणामों से स्थानीय निकाय और सांस्कृतिक एवं पर्यटन विभाग की तमन्नाओं को नई उड़ान मिलेगी और अब जहाँ शहरों की मुकम्मल कायाकल्प होगी वहीं पंजाब के प्रमुख पर्यटन स्थल सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बनेंगे। बैंक के राष्ट्रीय प्रमुख द्वारा आने वाले समय में मुख्यमंत्री जी के साथ भी मीटिंग की जाएगी जिसके और भी सार्थक परिणाम निकलेंगे।
स.सिद्धू ने बताया कि स्मार्ट सीटी, अमरुत और सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों की पुन: बहाली के लिए 5598 करोड़ रुपए के प्रोजेक्टों को सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी है जिसमें एशियन बैंक, भारत सरकार और पंजाब सरकार का संयुक्त हिस्सा होगा। उन्होंने उक्त प्रोजेक्टों के विवरण देते हुए बताया कि स्मार्ट सीटी का प्रोजैक्ट 2943 करोड़ रुपए का है जिसमें ए.डी.बी. की तरफ से 1606 करोड़ रुपए और भारत तथा पंजाब सरकार का हिस्सा 1337 करोड़ रुपए होगा। इससे पंजाब के तीन बड़े शहरों लुधियाना, अमृतसर और जालंधर की मुकम्मल कायाकल्प की जाएगी जिसमें अंदरूनी बुनियादी ढांचा, शहरी यातायात व्यवस्था, सिवरेज, सेनिटेशन आदि शामिल होगा। इसी तरह पंजाब के दूसरे 16 शहरों के लिए अमरुत प्रोजैक्ट के अंतर्गत 2426 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट बनाया गया है जिसमें ए.डी.बी. की तरफ से 1387 करोड़ रुपए और भारत तथा पंजाब सरकार की तरफ से 1039 करोड़ रुपए का हिस्सा दिया जाएगा।
स.सिद्धू ने बताया कि पंजाब में बंद पड़े सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एस.टी.पी.) को चलाने के लिए उनकी पुन: बहाली के लिए ए.डी.बी. का 209 करोड़ रुपए और स्मार्ट सिटी, अमरुत योजना और एस.टी.पी. के प्रोजैक्ट तैयार करने और सामथ्र्य विकास के लिए ए.डी.बी. के 20 करोड़ रुपए लगेंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी प्रोजेक्टों की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल गई है।
स. सिद्धू ने आगे बताया कि मुख्यमंत्री जी की तरफ से पंजाब के शहर निवासियों को साफ़ पीने वाला नहरी पानी सप्लाई करने की योजना बनाई गई है जिसको अमली जामा पहनाने के लिए पटियाला के लिए ए.डी.पी. का 699.18 करोड़ रुपए का प्रोजैक्ट बनाया गया है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजैक्ट को अंतिम रूप देने के लिए बैंक का प्रतिनिधिमंडल 16 जुलाई को पंजाब का दौरा करेगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार का यह लक्ष्य है कि पीने के लिए नहरी पानी मुहैया करवाया जाये जबकि फसलों की सिंचाई के लिए सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों का सुधारा हुआ पानी दिया जाये।
सांस्कृतिक मामलों और पर्यटन विभाग के प्रोजेक्टों संबंधी एशियन विकास बैंक से हुए विचारों संबंधी जानकारी देते हुए स. सिद्धू ने बताया कि पंजाब में पुराने चल रहे प्रोजैक्ट 2020 तक मुकम्मल किये जाएंगे और नए बनाऐ गए प्रोजेक्टों को 2022 तक मुकम्मल किया जाएगा। इन सभी प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए अपेक्षित वित्तीय सहायता ए.डी.पी. द्वारा मुहैया करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे पहले पर्यटन स्थलों पर समूची योजनाए की कमी के कारण सैलानियों के लिए ये स्थान कभी भी आकर्षित नहीं रहे। उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से अमृतसर शहर की धार्मिक, ऐतिहासिक और सैलानी स्थानों का एक सर्किट, पंजाब के धार्मिक और ऐतिहासिक शहरों का अलग सर्किट, मुग़ल सर्किट, सूफ़ी सर्किट, महाराजा सर्किट और प्रसिद्ध साहित्यक हस्तियों के पैतृक स्थानों का अलग सर्किट बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि एशियन विकास बैंक की तरफ से पहले ही 340 करोड़ रुपए का ऋण मंज़ूर किया गया है और भारत सरकार की विभिन्न स्कीमों के तहत भी फंड मिल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज की मीटिंग में ए.डी.बी. के प्रतिनिधिमंडल के समक्ष आज यह प्रस्तुति भी पेश की गई कि पंजाब में मौजूद ऐतिहासिक स्थलों को सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनाने के लिए इनकी कायाकल्प करने की ज़रूरत है जिसमें सैलानियों के लिए प्राथमिक सहूलतें, कैफेटेरिया, लैंड स्केपिंग, पार्किंग, सूचना केंद्र आदि मौजूद हों। इसके अलावा बाहर से आने वाले सैलानियों के लिए ठहराव का प्रबंध किया जाये तो ही पर्यटक स्थलों की अहमीयत बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि पंजाब का विरसा समृद्ध है और यहाँ धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पक्ष से कई स्थान महत्वपूर्ण हंै, यदि इनका पूरी तरह रख-रखाव करके इन्हें बेहतर बनाया जाये तो सैलानियों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि विभाग को आशा है कि पंजाब के पर्यटक स्थलों के लिए बैंक के से 500 से 1000 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता मिल जाएगी जिसके लिए विभाग की तरफ से मुकम्मल प्राजैक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) जल्द ही बनाकर बैंक को सौंपी जाएगी।
मीटिंग में स्थानीय निकाय विभाग के प्रमुख सचिव श्री ए.वेनू प्रसाद, पी.एम.आई.डी.सी. के सी.ई.ओ. श्री अजोय शर्मा, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव श्री विकास प्रताप और डायरैक्टर श्री शिव दुलार सिंह ढिल्लों सहित विभागों के उच्च अधिकारी, एशियन विकास बैंक के भारतीय रैज़ीडैंट मिशन के प्रोजैक्ट अफ़सर (शहरी) श्री विवेक विशाल, श्रीमती आभा नारायण लांबा, नाइट फ्रैंक के श्री मोशे आदि उपस्थित थे।

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