राज्य में तरन तारन, अमृतसर और गुरदासपुर के बटाला में नशीली शराब दुखद घटना में 100 से अधिक लोगों की हुई मौत पर दुख प्रकट करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री भारत भूषण आशु ने कहा कि यह समय एक दूसरे पर बेबुनियाद इल्जाम लगाकर राजनैतिक लाभ लेने का नहीं है बल्कि समय की माँग है कि सभी राजनैतिक पार्टियाँ एक ही प्लेटफार्म पर इकठ्ठा होकर लोक हित के लिए काम करें।
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मंत्री ने आगे कहा कि इस विपदा के समय केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा कांग्रेस सरकार पर सत्ताधारी पार्टी के विधायकों को बचाने का दोष लगाने वाला बयान बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है जो अकालियों की फिर सत्ता हासिल करन की लालसा को दिखाता है।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली राज्य सरकार द्वारा कड़ी कार्यवाही संबंधी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस मामले में 7 आबकारी और 6 पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है।
इस सम्बन्धी अन्य तथ्यों संबंधी बताते हुए मंत्री ने कहा कि फिरोजपुर, मानसा, मुक्तसर और पटियाला जिलों के 88 व्यक्तियों को अवैध शराब के कारोबार के लिए काबू करके उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की गई है। इतना ही नहीं, राज्य पुलिस द्वारा हजारों लीटर ‘लाहन, अन्य रसायन और अवैध शराब की बोतलें बड़ी संख्या में जब्त की गई हैं।
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मंत्री ने आगे कहा कि इसके अलावा, राज्यभर की औद्योगिक इकाईयों पर छापेमारी की जा रही है जिससे शराब के व्यापार में लगे मुलजिमों पर नकेल कसी जा सके।
उन्होंने कहा कि समझ नहीं आ रहा कि अकाली दल में अब अचानक पंजाब के साथ इतनी हमदर्दी कैसे पैदा हो गई है जबकि अकाली भाजपा गठबंधन सरकार के समय इस पार्टी के नेता खुद नशों की तस्करी में शामिल थे और पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया पंजाब की युवा पीढ़ी को बर्बाद करने में लगे हुए लोगों के साथ मिले हुए थे। उन्होंने कहा कि अकालियों द्वारा पंजाब के साथ किये गए धोखों की सूची बहुत लम्बी है। जिनमें श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी, बहबल कलाँ और कोटकपूरा में गोली कांड, जोकि अकाली दल द्वारा पंजाब के लोगों के साथ किये गए धोखांे का सबूत है और अब यह पंजाब की सत्ताधारी पार्टी पर उंगली उठा कर ‘उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे’ मुहावरे को सत्य सिद्ध कर रहे हैं।
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उन्होंने अकालियों को नकली शराब के मामले में निर्दोष लोगों की मौत के मामले में राजनीति न करने की सलाह देते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति से अकालियों को कोई राजनैतिक लाभ नहीं मिलने वाला।