पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने गुरूवार को राज्य में शराब माफिया को खत्म करने का वादा करते हुए कहा कि नकली शराब से हुई मौतों के मामले में यदि किसी राजनीतिज्ञ या सरकारी कर्मचारी की मिलीभगत सामने आई तो उसे बख्शा नहीं जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों को नकली शराब के रूप में जहर से मारने के लिए जिम्मेदार दोषियों को बच निकलने की आज्ञा नहीं दी जायेगी। कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि उन्होंने पंजाब पुलिस की पूरी फोर्स को माफिया पर कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ असामाजिक तत्वों ने अपने लालच की खातिर पंजाबियों की जानों से खेलने का उस समय लाभ देखा जब पुलिस फोर्स का ध्यान कोविड महामारी की तरफ लगा हुआ था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी कोविड से निपटने में लगी हुई है जिसने राज्य में अब तक 449 जानें ले लीं और ऐसे समय में शराब माफीए को हमारे लोगों की जानों से खेलने का मौका मिल गया।
नकली शराब के कारण हुई 111 मौतों (तरत तारन में 83, अमृतसर में 15 और बटाला में 13) का हवाला देते हुए कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि यह सीधे तौर पर कत्ल है और इसके लिए कातिल बच नहीं सकेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इन लोगों ने जब मासूम लोगों को जहर सौंपा /बेचा, तबसे ही वह जानते थे कि इससे जानें जा सकती हैं। वह रहम के हकदार नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस दुख की घड़ी में पीडि़त परिवारों के साथ खड़ी है और परिवारों को इन्साफ दिलाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
अपने संकुचित राजनैतिक हितों के लिए दुखांत का दुरूपयोग करने के लिए विरोधियों को निशाने पर लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय राजनैतिक रोटियाँ सेकने का नहीं बल्कि राज्य सरकार द्वारा माफिया को खत्म करने के लिए की जा रही कोशिशों का समर्थन करने का है। उन्होंने आम आदमी पार्टी को पूछा कि नकली शराब के खिलाफ धरने देने से क्या माफिया के खिलाफ लड़ाई और पीडि़त परिवारों की मदद हो सकेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग राजनैतिक शासनकाल के दौरान राज्यभर में वर्षों से ऐसी त्रासदियां घटती आ रही हैं। उन्होंने कहा कि माफीए और अपराधियों का कोई राजनैतिक नाता नहीं होता बल्कि उनकी लालसा हर हाल में पैसा कमाने की होती है। मुख्यमंत्री ने साल 2019 में नकली शराब के घटे तीन दुखांतों का भी जिक्र किया, जो भाजपा के नेतृत्व वाले राज्यों में असाम, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में घटे हैं और इनमें क्रमवार 168, 97 और 30 जानें गई थीं। इसी तरह साल 2016 में जनता दल के नेतृत्व में बिहार राज्य में 16 व्यक्तियों की मौतें हुई जबकि साल 2015 में भाजपा के नेतृत्व में महाराष्ट्र की राजधानी मुम्बई में नकली शराब से 102 जानें चलीं गईं और तृणमूल कांग्रेस की सत्ता वाले पश्चिमी बंगाल में नकली शराब पीने से 167 व्यक्ति मौत के मुँह में चले गये थे।
कैप्टन अमरिन्दर सिंह ने कहा कि लगभग हर साल भारत में नकली शराब के दुखांत देखे जाते हैं जिनका इससे कोई लेना-देना नहीं होता कि उस राज्य में सत्ता किसकी है। उन्होंने राजनैतिक पार्टियों को निर्दोष पंजाबियों की जिंदगी पर राजनीति करना बंद करने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे लोग इस बात की परवाह नहीं करते कि सत्ता में किस पार्टी की सरकार है, वह तो अपने अजीज जिनको शराब माफीए की लालसा का खामियाजा भुगतना पड़ा, के लिए इन्साफ चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अकाली-भाजपा के शासनकाल के दौरान भी ऐसे दुखांत घटते रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने विरोधी पक्ष को अपने संकुचित राजनैतिक हितों से ऊपर उठकर लोगों के लिए इन्साफ के लिए लड़ने की अपील की।