-नई औद्योगिक नीति अगले महीने होगी लागू
-बीते एक वर्ष के दौरान 47 हज़ार करोड़ रुपए के 155 समझौते हुए सहीबद्ध
-दिसम्बर 2018 तक वैट रिफंड के बकाया मामलों का होगा निपटारा
चंडीगढ़: पंजाब के उद्योग और वाणिज्य मंत्री श्री सुन्दर शाम अरोड़ा ने कहा है कि पंजाब सरकार द्वारा बनाई गई नई औद्योगिक नीति से उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि नई उद्योग नीति अगले महीने लागू कर दी जायेगी, जिसके अंतर्गत बीमार उद्योग को एकमुश्त निपटारे (वन टाईम सेटलमेंट) का मौका दिया जायेगा।
श्री अरोड़ा ने बताया कि कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने राज्य के लोगों के साथ किये वायदों को पूरा करने के लिए औद्योगिक नीति -2017 नोटीफाई किया था। नई नीति को निवेशक-समर्थकी बताते हुए उन्होंने कहा कि नई नीति बड़े सुधार करके बनाई गई है। वैट रिफंड के बकाया पड़े मामलों से संबंधित श्री अरोड़ा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 2018 तक सारी रकम रिफंड कर दी जायेगी और इसके अंतर्गत हर दो महीनों के दौरान 300 करोड़ रुपए का फंड जारी किया जायेगा।
श्री अरोड़ा ने राज्य में औद्योगिक विकास के प्रति वचनबद्धता प्रकटाते हुए कहा कि निवेशकों द्वारा बीते एक वर्ष के दौरान निवेशक आऊटरीच गतिविधियों के दौरान 77 हज़ार रोजग़ार के मौके पैदा करने के लिए 47 हज़ार करोड़ रुपए के 155 समझौते सहीबद्ध किये जा चुके हैं।
श्री अरोड़ा ने कहा कि राज्य में औद्योगिक विकास की असीम सम्भावनाएंं मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि नई नीति से जहाँ औद्योगिक संस्थाओं का पुन: निर्माण करेगी, वहीं राज्य के स्थायी औद्योगिक विकास के लिए एक समूचा ढांचा भी पेश करेगी। उन्होंने बताया कि नई नीति में कई वित्तीय और ग़ैर-वित्तीय रियायतें दी गई हैं और समूह औद्योगिक संस्थान पी.एस.आई.ई.सी. को सिंगल नोडल एजेंसी के तौर पर ट्रांसफर कर दिए गए हैं।
श्री अरोड़ा ने कहा कि राज्य में बिजली टैरिफ को स्थिर और परिवर्तनशील टैरिफ आदि दो भागों में बाँटा गया है, जो मौजूदा स्थिर बिजली टैरिफ में बिना वृद्धि किये 5 रुपए किलो वाल्ट एम्पियर आरज़ (के.वी.ए.एच.) के परिवर्तनशील टैरिफ पर पाँच वर्षों के लिए ऊर्जा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि माईक्रो एंड स्माल ऐंटरप्राईजेज कलस्स्टर डिवैल्पमैंट प्रोग्राम (एम.एस.ई. -सी.डी.पी.) अधीन 15 करोड़ रुपए के प्रोजैकट की लागत से सांझे सुविधा केन्द्रों की स्थापना के लिए 23 कलस्स्टरों की पहचान की गई है। इसी तरह जिला स्तर पर एम.एस.एम.ई. सुविधा कौंसिलें स्थापित की गई हैं। उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को पाँच रूपए प्रति यूनिट बिजली देने के लिए पावरकौम को 1440 करोड़ रुपए जारी किये जा चुके हैं।