चंडीगढ़, 17 फरवरी:
पंजाब की ट्रांसपोर्ट मंत्री रजि़या सुलताना ने सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत की है कि राज्य में दुर्घटना वाली सभी संभावी स्थानों (ब्लैक स्पॉट) को सभ्यक ढंग से सुधारने की ज़रूरत है क्योंकि सडक़ हादसों के दौरान कीमती मानव जीवन को बचाने के लिए इन ब्लैक स्पॉट्स का प्रबंधन बहुत ज़रूरी है। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि सभी सम्बन्धित विभागों को इस सम्बन्धी ठोस यत्न करने चाहिएं जिससे संयुक्त राष्ट्र द्वारा सडक़ सुरक्षा के लिए 2021-2030 दौरान सडक़ हादसों में 50 फीदसी की कटौती करने के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
आज यहाँ पंजाब भवन में राष्ट्रीय सडक़ सुरक्षा माह (18 जनवरी से 17 फरवरी, 2021) के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए ट्रांसपोर्ट मंत्री ने कहा कि बड़े वाहनों के लिए एक अलग डैडीकेटिड लेन निर्धारित की जाये और टिप्पर, ट्रेलर और ढुलाई वाले अन्य भारी वाहनों को सडक़ के किनारे खड़े न होने दिया जाये जिससे सडक़ हादसों को टाला जा सके। उन्होंने ट्रैफिक़ पुलिस को भारी वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसैंसों की जांच के लिए विशेष मुहिम शुरू करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी को सडक़ पर लापरवाही वाले व्यवहार से परहेज़ करने की ज़रूरत है और सडक़ सुरक्षा मुहिम को सिफऱ् एक महीने तक सीमित नहीं किया जाना चाहिए बल्कि जागरूकता संबंधी गतिविधियों को आगे भी पूरे जोश के साथ जारी रखा जाना चाहिए।
ट्रैफिक़ विभाग के सलाहकार डॉ. नवदीप असीजा ने बताया कि अगले छह महीनों में पंजाब में नये ब्लैक स्पॉट्स की पहचान मुकम्मल कर ली जायेगी। उन्होंने बताया कि पंजाब के 12 जिलों में कुल 391 ब्लैक स्पॉट्स हैं। इन 391 ब्लैक स्पॉट्स में से 264 राष्ट्रीय राजमार्गों पर, 64 राज्य राजमार्गों /ओ.डी.आर /एम.डी.आर. पर, 6 ब्लैक स्पॉट्स संपर्क सडक़ों पर, 54 नगर पालिका की सडक़ों पर हैं और 3 अन्य सडक़ों पर मौजूद हैं। प्रत्येक पुलिस जि़ले में साईंटिफिक स्टडी के द्वारा पंजाब के विभिन्न राज मार्गों /सडक़ों पर ‘‘एक्सीडेंट ब्लैक स्पॉट आईडैंटीफिकेशन एंड रेक्टीफिकेशन प्रोग्राम’’ के अंतर्गत क्रमवार पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे और पाँचवी प्राथमिकता वाले ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है। इसमें से राष्ट्रीय राजमार्गों के 100 ब्लैक स्पॉट्स को सुधारा जा चुका है और 32 राज मार्गों के ब्लैक स्पॉट्स का सुधार किया जा रहा है। उत्तरी क्षेत्र में इस स्तर पर ऐसा कार्य पूरा करने वाला पंजाब पहला राज्य है।
पंजाब में सडक़ सुरक्षा माह 2021 संबंधी स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए ट्रांसपोर्ट विभाग के प्रमुख सचिव के. सिवा प्रसाद ने बताया कि राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कई सडक़ सुरक्षा सैमीनार, वर्कशॉप और जागरूकता कैंप लगाए गए। उन्होंने कहा कि आवारा पशूओं के कारण हो रहे हादसों के खतरे को टालने के लिए सिविल, पुलिस और अन्य सम्बन्धित विभागों के सहयोग से एक प्रोटोकॉल तय किया गया है। सभी सम्बन्धित पक्षों द्वारा सार्वजनिक भागीदारी के द्वारा ऐसे हादसों की संख्या को घटाने के लिए काम किये जा रहे हैं। उन्होंने पंजाब पुलिस, सभी एन.जी.ओज़, अन्य विभागों, डी.सीज़ और शिक्षा विभाग का इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए धन्यवाद किया।
लीड एजेंसी रोड सेफ्टी पंजाब के डायरैक्टर जनरल आर. वेंकट रत्नम् ने कहा कि सडक़ सुरक्षा कोई मासिक गतिविधि नहीं है बल्कि विभाग की तरफ से साल भर नियमित रूप में सडक़ सुरक्षा पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य के लिए 33.78 करोड़ रुपए की राशि का प्रस्ताव है जिसमें ब्लैक स्पॉट्स का सुधार, स्पीड गन, सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाना, जि़ला सडक़ सुरक्षा समितियों के लिए फंड, क्रेश इन्वेस्टिगेशन के लिए फंड आदि जैसे अहम मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह सारा खर्चा निर्विघ्न ग़ैर-मियादी रोड सेफ्टी फंड के द्वारा किया जायेगा।
इस दौरान रोड सेफ्टी कौंसिल की मीटिंगों के दौरान राज्य में सडक़ सुरक्षा के समूचे कायाकल्प सम्बन्धी बड़े फ़ैसले लिए गए हैं। एन.एच.ए.आई. के सलाहकार काहन सिंह पन्नू और एन.एच.ए.आई के क्षेत्रीय अधिकारी आर.पी. सिंह ने ट्रांसपोर्ट मंत्री को भरोसा दिया कि राज्य के राष्ट्रीय राजमार्गों पर मौजूद सभी ब्लैक स्पॉट्स को साल के अंत तक दुरुस्त कर दिया जायेगा।
एडिशनल डायरैक्टर जनरल ऑफ पुलिस डॉ. शरद सत्य चौहान ने बताया कि साल 2020 दौरान राज्य में कुल 5194 सडक़ दुर्घटना के केस दर्ज हुए, जिनमें 3866 लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी और 2934 गंभीर रूप से ज़ख्मी हुए। साल 2019 के मुकाबले सडक़ हादसों में 18 प्रतिशत की कमी आई है और सडक़ हादसों के दौरान होने वाली मौतें भी 15 प्रतिशत कम हुई हैं।
-NAV GILL