‘गाँवों की पंचायतें मिलकर नज़दीकी गौशालाओं को अपनाएं’
पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्दर सिंह बाजवा ने आज यहाँ राज्य के दानी सज्जनों ख़ासकर किसानों से अपील की है कि वह पंजाब की गौशालाओं में अपेक्षित हरा चारा, भूसा और अन्य खाद्य वस्तुएँ पहुँचाने के लिए आगे आएं जिससे किसी भी गौशाला में कोई पशु भूखा न मरे। उन्होंने कहा कि इस अत्यंत संकट की घड़ी में हम सभी का यह परम धर्म है कि गऊओं की जानें बचाने के लिए अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ न कुछ ज़रूर दान करें।
श्री बाजवा ने कहा कि राज्य के कई स्थानों से यह रिपोर्टें मिल रही हैं कि गौशालाओं में अपेक्षित हरा चारा नहीं पहुँच रहा और पहले से भंडार किया गया भूसा भी ख़त्म हो गया है। उन गौशालाओं का और भी बुरा हाल है जो सिफऱ् दानी सज्जनों द्वारा दिए गए दान के सहारे ही चलती हैं। राज्य में कफ्र्यू लगा होने के कारण श्रद्धालू और गाय भक्त दान करने के लिए गौशालाओं में नहीं जा सकते नतीजतन गाएं भूखी मरने लगी हैं। उन्होंने कहा कि कई स्थानों पर प्रबंधकों ने गौशालाओं के गेट खोलकर गायों को बाहर निकाल दिया है।
पंजाबियों को उनकी विरासत की याद दिलाते हुए, श्री बाजवा ने कहा कि पंजाबी गाय और गरीब की रक्षा के लिए हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाते आए हैं। पंजाबियों ख़ासकर सिखों ने गायों की रक्षा के लिए अपना लहू बहाकर भी संघर्ष किए हैं। इसलिए अब उनको गायों को भूखी मरने के लिए नहीं छोडऩा चाहिए और हर हाल में चारा और भूसा गौशालाओं में पहुँचाने का प्रबंध करना चाहिए।
श्री बाजवा ने कहा कि गाँवों की पंचायतों से अपील है कि वह अपने नज़दीकी गौशालाओं को अपनाएं और हर गाँव बारी-बारी से हर रोज़ चारा भेजने की जि़म्मेदारी लें। उन्होंने जि़ले के सिविल प्रशासन को भी कहा कि वह अपने-अपने जि़लों में स्थित गौशालाओं के प्रबंधकों और गाँवों की पंचायतों के साथ तालमेल रख कर इन गौशालाओं तक चारा पहुँचाने को यकीनी बनाएं। पंचायत मंत्री ने कहा कि जि़ला प्रशासन को हर जि़ले में इस कार्य के लिए स्थानीय निकाय, ग्रामीण विकास एवं पंचायतों और पशु पालन विभाग की एक साझी कमेटी बनाकर यह कार्य संभालना चाहिए।
उन्होंने अपने अधीन आते पशु पालन विभाग के जि़ला अधिकारियों को भी हिदायत की कि वह अपने जि़ले की हर गौशाला में डॉक्टरी सुविधाएं मिलती रहने को भी यकीनी बनाएं।