पौष्टिकृत खाद्य पदार्थों की पहचान के लिए ‘+एफ’ लोगो किया नोटीफाई
चंडीगढ़, 12 मार्च: पंजाब के लोगों में पाई जाने वाली विटामिन-ए और विटामिन-डी की कमी को दूर करने के मद्देनजऱ तंदुरुस्त पंजाब मिशन के अंतर्गत राज्य के सभी दूध प्रोसेसिंग प्लांटों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डज़ (फोर्टीफिकेशन ऑफ फूडज़) रैगूलेशन के अनुसार दूध को पौष्टिक बनाने के लिए एक एडवाईजऱी जारी की गई है। यह जानकारी तंदुरुस्त पंजाब के मिशन डायरैक्टर स. काहन सिंह पन्नू ने दी।
स. पन्नू ने कहा कि भोजन का पौष्टिकरण एक वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित, लाभप्रद, मापदण्डों वाला और टिकाऊ विधि है जो सूक्ष्म तत्वों की कमी को पूरा करता है। उन्होंने बताया कि अक्तूबर 2016 में, एफ.एस.एस.ए.आई. ने भारत में सूक्ष्म पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए दूध समेत कई खाद्य पदार्थों के पौष्टिकरण के लिए फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डज़ (फोर्टीफिकेशन ऑफ फूडज़) रैगूलेशनज़, 2016 लागू किया था।
उन्होंने बताया कि पौष्टिकृत खाद्य पदार्थों की पहचान के लिए ‘+एफ’ लोगो नोटीफाई किया गया है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डज़ (फोर्टीफिकेशन ऑफ फूडज़) रैगूलेशनज़, 2016 के शड्यूल-1 के नियमों के अनुसार, दूध (टोन्ड, दोगुणा टोन्ड, सकिम्मड मिल्क या स्टैंडर्डाइजड़ मिल्क) का सूक्ष्म पौष्टिक तत्वों के साथ पौष्टिकरण किये जाने की हिदायत जारी की गई है। इन हिदायतों के अनुसार विटामिन-ए 270 माइक्रोग्राम से 450 माइक्रोग्राम और विटामिन-डी 5 माइक्रोग्राम से 7.5 माइक्रोग्राम होना चाहिए।
मिशन डायरैक्टर ने कहा कि पंजाब के लोग विटामिन-डी और विटामिन-ए की कमी के साथ जूझ रहे हैं, इसके लिए ऐसे सूक्ष्म पौष्टिक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए दूध का पौष्टिकरण करना लाजि़मी है। इसलिए, पैक किये तरल दूध बेचने वाले राज्यों के सभी दूध प्रोसेसिंग प्लांटों को फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्डज़ (फोर्टीफिकेशन ऑफ फूडज़) रैगूलेशनज़, 2016 के अनुसार दूध का पौष्टिकरण करने की अपील की गई है।
उन्होंने कहा कि राज्य के समूह फूड सेफ्टी अधिकारियों को हिदायत की गई है कि वह पैक किये गए तरल दूध की बिक्री करने वाले सभी दूध प्रोसेसिंग प्लांटों के ध्यान में यह मामला लाएं।
गौरतलब है कि राज्य में लगभग 50 दूध प्रोसेसिंग प्लांट हैं। अमृतसर जि़ले में सबसे अधिक 14 प्लांट हैं और इसके बाद लुधियाना में 8 प्लांट हैं।