डेयरी फार्मिंग का होगा मशीनीकरन, चारा काट कर साथ-साथ कुतरने वाली मशीनों की खरीद पर दी जायेगी सब्सिडी – तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा

चंडीगढ़, 22 सितम्बर:

डेयरी का धंधा बारीकी का धंधा है। इसमें हर गतिविधि एक निश्चित समय पर बहुत ही संजीदगी के साथ करनी पड़ती है। इसलिए डेयरी फार्मिंग के साथ जुड़े हुए दूध उत्पादक और इसके साथ काम करते मज़दूरों की लगातार उपलब्धता बहुत ज़रूरी है। इस धंधे में कोई भी आज का काम कल पर नहीं छोड़ा जा सकता। परन्तु कोविड-19 महामारी के कारण मज़दूरों का अपने पैत्र्ृाक राज्यों में चले जाने के कारण और शिक्षित मज़दूरों की कमी होने के कारण शैडों की साफ़-सफ़ाई, दूध दोहने से लेकर पशुओं की संभाल और रोज़मर्रा के हरे चारे को काटने और कुतरने जैसे कामों में डेयरी फार्मरों को आ रही मुश्किलों का हल करने के लिए डेयरी विकास विभाग द्वारा डेयरी फार्मा की सहायता के लिए कई बड़े उपराले किये जा रहे हैं।

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राज्य के पशु पालन, मछली पालन, डेयरी विकास मंत्री श्री तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा ने आज यहाँ से जारी बयान में कहा कि इसी के अंतर्गत एक पंजाब सरकार की तरफ से चारा काट कर साथ-साथ कुतरने वाली मशीनों की खरीद पर सब्सिडी देने का फ़ैसला किया गया है।

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पशु पालन मंत्री ने बताया कि कतारों वाली मकई और चरी काटने वाली मशीन और बरसीम, लहसून, जवी काटने वाली मशीन पर जनरल कैटागरी के दूध उत्पादक को 50,000 रुपए और अनसूचित जाति वर्ग से सम्बन्ध रखते दूध उत्पादकों को 63,000 रुपए की सब्सिडी विभाग द्वारा दी जायेगी।

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श्री इन्द्रजीत सिंह, डायरैक्टर डेयरी विकास विभाग पंजाब ने बताया कि कतारों पर बीजी हुई मकई, चरी और बाजरा काट के साथ के साथ कुतर कर ट्राली में डालले वाली मशीन न सिफऱ् रोज़मर्रा के पशुओं को डाले जाने वाले हरे चारों के लिए ही सहायक होती है बल्कि जिन किसान भाइयों ने साइलेज बनाना है, उनके लिए अति ज़रूरी है क्योंकि साइलेज बनाने के लिए गड्ढा एक दिन में ही भरना पड़ता है जो हाथों के साथ काट कर भरना बहुत मुश्किल और महँगा पड़ता है। उन्होंन आगे बताया कि इसी तरह रोज़मर्रा की बरसीम, जवी, लहसून हाथों के साथ काटने खास कर बड़े फार्मरों के लिए मुश्किल है और इन फलीदार चारे से परिरक्षित चारा बना कर रखने के लिए ऑटोमैटिक चारा काटने वाली मशीन की ज़रूरत पड़ती है।
उन्होंने इच्छुक किसानों को विनती की कि वह तुरंत इस स्कीम का लाभ लेने के लिए अपने जिले के डेयरी विकास विभाग के अधिकारियों के साथ संपर्क करें।

-NAV GILL

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